अमेरिका की पुलिस को घुटनों के बल बेठ कर जनता से माफी मांगनी पड़ता है और भारत की पुलिस को तो आप देख ही रहे हो ।
भारत व अमेरिका की पुलिस में इतना फर्क क्योे है ?
क्या अमेरिका की पुलिस वालों ज्यादा पढ़े लिखे हैं इसलिए ? या वहा की जनता सड़को पर नही उतरती इसलिए पुलिस को कुछ करना ही नही पड़ता ?

कि अंग्रेजी व्यवस्था बाप और बेटे को ही लड़ा देती है आपस में एक अपने हक के लिए तो एक नेताओं के सुरक्षा के लिए
मेरा मानना है कि यह बदलाव केवल ओर केवल एक कानून के कारण आया है । वह है #जुरीकोर्ट
जुरीकोर्ट कानून के कारण अमेरिका की जनता को वहा के जिला पुलिस प्रमुख SP को नोकरी से निकालने का अधिकार मिल गया है । जिससे वहा का SP सरकार की कम और जनता की ज्यादा सुनता है ।
जुरीकोर्ट कानून के कारण SP की नोकरी और प्रमोशन जनता पर निर्भर करता है । अगर SP जनता की भलाई वाले काम करता रहेगा तो उसकी नोकरी चालू रहेगी अन्यथा घर जाना पड़ेगा । एक भी गलत काम करने पर वहा का SP अपनी नोकरी चालू रखवाने के लिए अपनी पुलिस को घुटनों के बल पर बिठा कर माफी मंगवाता है ।
और भारत मे SP कहता है कि तुम क्या उखाड़ लोगे मेरा ? ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर करवा दोगे । वह भी जानता है कि ट्रांसफर करने वाला भी वही नेता व प्रमोशन करने वाला भी वही । इसलिए वह नेता के गुण गाता है और जो वह कहता है वह वही करता है ।
यही कारण है कि अमेरिका की पुलिस भारत की पुलिस से ज्यादा सभ्य है, जन हितेषी है ।
इसके विपरीत भारत की पुलिस भ्रष्ट , असभ्य, जनविरोधी है व नेताजी हितेषी है ।
देश के जिम्मेदार लोगों को भी हमारे यहां व्यवस्था सुधारने के लिए जुरीकोर्ट कानून की मांग करनी चाहिए ।
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