इसरो के चीफ ने कहा कि यह आदित्य एल-1 एवं चंद्रयान-3 मिशन अपने आप में बेहद खास मिशन होने वाला है जो सूरज की गतिविधियों का विश्लेषण कर हमें सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इस मिशन के लिए इंस्ट्रूमेंट्स पहले से ही भेजे जा चुके हैं फिलहाल इसरो इन इंस्ट्रूमेंट्स को सैटेलाइट के साथ एकीकृत करने में जुटा है।
ISRO : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बुधवार को बताया कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 और पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को इसी साल के मध्य तक लॉन्च किया जा सकता है। फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री द्वारा आयोजित चौथी ‘इंडियन प्लैनेटरी साइंस कॉन्फ्रेंस’ में ‘इंडियन कैपेबिलिटीज फॉर स्पेस एंड प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन’ विषय पर बोलते हुए एस सोमनाथ ने यह जानकारी दी है।
चंद्रयान-3 मिशन के लिए बेहद अहम होगी लैंडिंग :-
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं। एस सोमनाथ द्वारा बताया गया कि यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा।
चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए इंस्ट्रुमेंट बनाए गए हैं, इसके एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है और जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन असफल हुआ, उन सारी कमियों पर फोकस कर दूर किया गया है।
इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने क्या बताया :-

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। यह पूरी तरह से एकीकृत हो चुका है। हालांकि अभी कुछ कार्य किया जाना बाकी है लेकिन कई परीक्षणों के बाद हम मिशन को लेकर विश्वास से भरे हुए हैं। इसरो चीफ ने कहा है कि 2023 के मध्य में ही इसे लॉन्च किया जा सकता है।
पहले सोलर मिशन आदित्य एल-1 पर उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बेहद खास मिशन होने वाला है जो सूरज की सारी गतिविधियों का विश्लेषण कर हमें सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इस मिशन के लिए इंस्ट्रूमेंट्स पहले से ही भेजे जा चुके हैं फिलहाल इसरो इन इंस्ट्रूमेंट्स को सैटेलाइट के साथ एकीकृत करने में जुटा है।
आदित्य एल-1 मिशन को लेकर एस सोमनाथ ने कहा कि वह इस मिशन को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित हैं और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि यह मिशन जरूर सफल होगा।
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जापानी एजेंसी के साथ मिलकर चांद मिशन पर चर्चा कर रहा इसरो :-

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि इसरो ने अपने अंतरिक्ष अभियानों में विशेष सहयोग किया है और वह जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ चंद्रमा पर संभावित मिशन पर भी चर्चा कर रहा है। एस सोमनाथ ने यह भी कहा कि 2028 तक शुक्र ग्रह का भी पता लगाने के लिए एक मिशन शुरू करने का एक अच्छा अवसर है।
सोमनाथ भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में आयोजित चौथे भारतीय ग्रह विज्ञान सम्मेलन में “अंतरिक्ष और ग्रहों की खोज के लिए भारतीय क्षमता” पर उद्घाटन भाषण दे रहे थे। इसरो प्रमुख ने कहा कि जटिल मिशनों के निर्माण में दुनिया भर के वैज्ञानिक संस्थानों और इसरो के बीच संबंध होना बेहद महत्वपूर्ण है।
आदित्य एल-1 सूरज की सारी गतिविधियों का करेगा अध्ययन :-

आदित्य एल-1 मिशन को लेकर इसरो चेयरमैन ने कहा कि आदित्य एल-1 सूर्य के लागरेंगियन पॉइंट तक जाएगा क्योंकि इस पॉइंट पर बहुत ज्यादा डिस्टर्बेंस नहीं होती है और यहां से आदित्य एल-1 लंबे समय तक सूरज पर होने वाली सारी गतिविधियों का अध्ययन कर पाएगा। एस सोमनाथ ने कहा कि हमारा यह मिशन काफी अनोखा होने वाला है और इससे काफी कुछ जानने को मिल सकता है।
आदित्य एल-1 मिशन से सूरज पर होने वाले पार्टिकल एमिशन का अध्ययन किया जाएगा और यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि सूरज पर होने वाली गतिविधियां अंतरिक्ष के मौसम को किस प्रकार से प्रभावित करती हैं। इस मिशन के लिए जो इंस्ट्रुमेंट्स इस्तेमाल किए जाएंगे, फिलहाल उनका परीक्षण अभी चल रहा है।
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