इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स से सेना में फूट का खतरा0

इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स से सेना में फूट का खतरा: एयरफोर्स का नेतन्याहू विरोधी पायलट बर्खास्त, बागी सैनिकों पर एक्शन की तैयारी इजराइल में एयरफोर्स के एक सीनियर पायलट को बर्खास्त कर दिया गया है। ये पायलट प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार द्वारा लाए गए ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स बिल का विरोध कर रहा था। इस पायलट पर आरोप है कि उसकी वजह से ही रिजर्व पायलट भी बिल के विरोध में उतरे।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल की डिफेंस मिनिस्ट्री जल्द ही दूसरी फोर्सेस के उन सैनिकों पर सख्त एक्शन लेने जा रही है, जो न्यायिक सुधारों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों का हिस्सा बने।

पायलट ने ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ फॉलो नहीं किया

‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में सीनियर पायलट के टर्मिनेशन की जानकारी दी गई है। खास बात यह है कि इजराइली एयरफोर्स के चीफ टोमर बार ने सीनियर रिजर्व पायलट कर्नल गिलाड पेलेड की बर्खास्तगी के आदेश पर दस्तखत किए। इसके चंद घंटे बाद वो रिटायर हो गए।

टोमर बार ने कहा- गिलाड ने एयरफोर्स के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ काम किया। वो दूसरे पायलट्स और सैनिकों को सियासी प्रदर्शन के लिए उकसा रहे थे। ये हमारी आर्ल्ड फोर्सेस की परंपराओं के भी खिलाफ है।

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दूसरी तरफ, बर्खास्तगी का आदेश मिलने के बाद गिलाड ने कहा- मैं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करूंगा। मैंने दो बार हमारे एयरफोर्स चीफ से मिलना चाहा। दोनों बार उन्होंने वक्त नहीं दिया। अब उन्हें अदालत में जवाब देना होगा।

37 पायलट्स का ट्रेनिंग से इनकार

नेतन्याहू न्यायिक सुधार यानी ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स के मुद्दे पर घिरते जा रहे हैं। देश में हजारों लोग इन सुधारों को तानाशाही की दिशा में कदम बताते हुए विरोध कर रहे हैं। पिछले हफ्ते इसमें एयर फोर्स भी शामिल हो गईहै।

इजराइली एयर फोर्स के रिजर्व पायलट्स ने स्पेशलट्रेनिंग में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। कुल 40 में से37 रिजर्व पायलट्स ने कहा है कि वो ट्रेनिंग के बजायज्यूडिशियल रिफॉर्म्स के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों मेंहिस्सा लेंगे।

बेहद अहम हैं रिजर्व पायलट्स

‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के मुताबिक- 40 में से 37 पायलट्स ने स्पेशल ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। यह सेशन अगले हफ्ते शुरू होने जा रहा है। इन पायलट्स ने अपने रिपोर्टिंग ऑफिसर यानी कमांडर को फैसले की जानकारी दे नदी है। सभी पायलट एयर फोर्स की स्क्वॉर्डन 69 के मेंबर हैं।

ये यूनिट एडवांस्ड फाइटर जेट F-15 की यूनिट ऑपरेट करती है। इसे थंडरबर्ड भी कहा जाता है। इस यूनिट को ज्यादातर उन मिशन्स का जिम्मा सौंपा जाता है जो लंबी दूरी के होते हैं।

69 यूनिट कितनी अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2007 में इसी यूनिट ने सीरिया के न्यूक्लियर रिएक्टर जमींदोज किए थे। फिलहाल, यही यूनिट ईरान और सीरिया में ऑपरेशन्स को अंजाम देती है। ईरान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले भी यही करती है।

इजराइली एयर फोर्स के स्पोक्सपर्सन ने पायलट्स के विरोध पर कहा- हम सिचुएशन का बारीकी से जायजा ले रहे हैं। हमारे चीफ पहले ही कह चुके हैं

इजराइला एयर फास के स्पाक्सपसन न पायलट्स के विरोध पर कहा- हम सिचुएशन का बारीकी से जायजा ले रहे हैं। हमारे चीफ पहले ही कह चुके हैं कि लोगों की नाराजगी का असर एयर फोर्स पर नहीं होना चाहिए। देश की सिक्योरिटी सबसे अहम है।

पूर्व सैनिक भी विरोध में

रिजर्व फोर्स के अलावा फौज से रिटायर हो चुके सैनिक भी प्रधानमंत्री नेतन्याहू के न्यायिक सुधारों का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कई प्रदर्शन भी किए हैं। पिछले दिनों इन्होंने नेतन्याहू सरकार में एग्रीकल्चर मिनिस्टर के घर के बाहर भी प्रदर्शन किए थे।

इजराइली फौज में सायबर सिक्योरिटी संभालने वाले 150 सैनिक भी विरोध का हिस्सा बन चुके हैं। शुक्रवार को इन्होंने भी विरोध प्रदर्शन किए थे। इनमें कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नर और मेजर रैंक के अफसर भी शामिल थे।

पूर्व एयर फोर्स चीफ गेडी एस्नॉट पूर्व सैनिकों के लीडर हैं। उन्होंने कहा- नेतन्याहू सरकार न्यायपालिका में तख्तापलट करके सारी चीजें अपने हाथ में लेना चाहती है।

3 सुधार और परेशान सरकार

पिछले महीने इजराइल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक प्रस्ताव जारी किया। इसके पास होने पर इजराइली संसद को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पलटने का अधिकार मिल जाएगा। इसे ‘ओवरराइड’ बिल नाम दिया गया है। अब अगर ये बिल पास हो जाता है तो संसद में जिसके पास भी बहुमत होगा, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट सकेगा। लोगों का मानना है कि इससे देश का लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट कमजोर होगा।

इजराइली सरकार समलैंगिक और अल्पसंख्यक आबादी के खिलाफ ‘डिस्क्रिमिनेशन बिल’ ला रही है। इसमें डॉक्टरों और प्राइवेट कंपनियों को अधिकार होगा कि वो उन लोगों को सामान, सेवा या इलाज न दें जो LGBTQ + समुदाय या अल्पसंख्यक हों।

सरकार वेस्ट बैंक या पश्चिमी किनारे से फिलिस्तीनियों की बस्तियां मिलिट्री की मदद से हटाना चाहती हैं। यहां वो इजराइली लोगों की बस्तियां बसाना चाहती है। इससे संघर्ष और बढ़ेगा। एक बहुत बड़ा खतरा फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के हमलों का भी है। इसका भी विरोध किया जा रहा

Swami Vivekananda’s teaching inspires youth to work for nation-building – Nikhil Yadav 

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माटीकला से जुड़े 3 शिल्पकार को किया गया सम्मानित

माटीकला से जुड़े शिल्पकारों के उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार 24 मार्च को सम्मानित किया गया। इसमें पहला पुरस्कार जिले के हस्त शिल्पकार सतीश चंद्र को , दिया गया। दूसरा पुरस्कार सिद्धार्थनगर के अवधेश कुमार को जबकि तीसरा पुरस्कार संत कबीर नगर के राजेंद्र कुमार को दिया गया।

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