कृषि प्रधान देश भारत में 75 फीसद जनता अनुमान के मुताबिक खेती करती है किसानों पर ही सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं लेकिन जब किसानों के साथ कोई समस्या खड़ी होती है तो कोई भी उनके साथ खड़ा नहीं होता वैसे ही कई किसान बस्ती के महसों के हैं जिनके साथ बीज के नाम पर ठगी की गई है l
किसानों ने दिन रात मेहनत करके फसल को तैयार किया और फसल पकाई तब उनको पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है बीज के नाम पर उन्हें धोखा दिया गया है दरअसल इस धोखाधड़ी के शिकार सिर्फ किसान ही नहीं
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री भी हो चुके हैं पूर्व मंत्री राज किशोर सिंह और पूर्व मंत्री श्री फतेह सिंह की कई बीघा धान की फसल खराब हो गई l

” फसल का तो इतना नुकसान है कि किसान सारे बैठ कर रो रहे हैं मत पूछिए कि कितना भर्ती लगाएं भर्ती डूबने से लोगों को खुदकुशी करने की मन कर रहा है”
-किसान अनूप सिंह
फसल तैयार होने पर पैदावार ही नहीं हुआ कुछ भी, किसानों का दावा है की कंपनी फर्जी बीच बेचकर किसानों को बर्बाद करना चाहती है किसानों ने एजायर कंपनी का बीज खरीदा था जिसमें उनका कुछ भी पैदावार नहीं हुआ कंपनी का दावा था कि 10 कुंटल 1 एकड़ में तैयार होगा पर मामला इसका उल्टा निकला 1 क्विंटल की भी पैदावार नहीं हुई
सैकड़ों किसानों का लगभग 300 से 350 सो एकड़ खेती में धान का नुकसान हुआ है इस कंपनी के फर्जी भी देने के कारण l
किसानों ने विशाल फर्टिलाइजर्स खाद की दुकान से वेयर्स कंपनी के धान के बीच को खरीदा था दुकान मालिक ने दावे के साथ कहा था कि यह बीच आप की फसल के लिए बेहद फायदेमंद होगा लेकिन जब किसानों ने फसल तैयार की और फसल पक गई लेकिन उसमें धारणा नहीं होगा तो किसान परेशान हो गए
किसानों ने डीलर से शिकायत की पर डीलर ने उनकी कोई मदद नहीं की तो उन्होंने उसको कंपनी के पास कंप्लेंट फॉरवर्ड कर दिया जिसके बाद हैदराबाद से कंपनी द्वारा कोई वैज्ञानिक नहीं भेजे गए जिन्होंने किसानों के खेतों से जांच किया और रिपोर्ट तैयार करके वापस चले गए मगर अब किसानों की समस्या जस की तस है उनकी फसल खेतों में पड़ी है और किसानों को लाखों का नुकसान हो चुका है उनको समझ में नहीं आ रहा करें तो क्या करें फसल काट नहीं पा रहे हो दूसरी फसल लगाने जा रहे हैं क्योंकि अगर कंपनी से हमको कुछ मुआवजा मिला तो भी उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी
पर अभी तक किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं मिला है
पर किसानों ने इस कंपनी के खिलाफ कृषि अधिकारियों को शिकायत कर दी है लेकिन इस मामले मैं अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है जिससे किसानों को भारी निराशा है