केजरिवाल भक्त ये समझ कर बड़े खुश हो रहे है कि उनके आका मसीहा केजरीवाल ने मोदी के साथ मीटिंग को लाइव दिखा कर बहुत बड़ा काम कर दिया, मोदी को एक्सपोज़ कर दिया वगेरह वगेरह…
पर केजरीवाल भक्त इस बात से अनभिज्ञ है कि भारतीय मीडिया(न्यूज़ चैनल+अखबार) मोदी केजरी सोनिया के कंट्रोल में नही बल्कि अमेरिकी ब्रिटिश फ्रेंच धनिकों के कंट्रोल में है सन 1998 से
मोदी केजरी सोनिया भारत के सभी बिकाऊ न्यूज़ चैनल अखबारों का खर्चा नही उठाते क्योकि उनका खर्च उनकी क्षमता से बाहर है ।
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बिकाऊ मीडिया का खर्चा का कौन उठाते है –
भारत के सभी बड़े चेनल और अखबार का खर्चा विदेशी हथियार बनाने वाली कम्पनिया उठाती है ।
किसी अमुक नेता की छवि चमकाने हेतु वो मीडिया चेनल को पैसा फेंकते है बदले में नेता उनके हुक्म की तामील करता है और उनके हित मे कानून बनाता है या उनके द्वारा देश के संसाधनों के लूट पर चुप रहता है ।
उदाहरण- जैसे केजरीवाल को पता है कि टाटा मात्र 25 पैसे प्रति बीघा की दर से रॉयलटी देकर भारत मे कोयला खोद रहा है
https://www.firstpost.com/business/a-tata-coalgate-999-yr-mine-lease-at-25p-a-bigha-502200.html/amp
परंतु केजरीवाल टाटा के खिलाफ कभी नही बोलता क्योकि टाटा, अमेरिका के रॉकफेलर ग्रुप के कंट्रोल में है(क्योकि टाटा की सारी माइनिंग मशीने रॉकफेलर कम्पनी बनाती है) तो रॉकफेलर नही चाहता कि टाटा एक्सपोज़ हो और उसका नुकसान हो इसलिए वो केजरीवाल को मीडिया द्वारा सकारात्मक कवरेज दिलाता है बदले में केजरीवाल टाटा के खिलाफ चुप रहता है ।
भारत के कमोबेश सभी राजनेता इसी गेम में लगे हुए खासकर मोदी केजरी जैसे लोग सीधे रिश्वत कभी नही खाते पर ये लोग मीडिया के जरिये सकारात्मक कवरेज के एवज में विदेशी आकाओं के लिए काम करते रहते है और उनके हित मे लॉक डाउन, GST, नोटबन्दी जैसे कानून छापते रहते है ।
नोट- कांग्रेस+अन्य बड़ी पार्टियां के नेता सीधे पैसे खाते है पर वो पहले ही जनता में एक्सपोज़ हो चुके है इसलिए अब विदेशी ताकतों का दाव तथाकथित ईमानदार नेताओ पर है ।
मीडिया ने मीटिंग को लाइव क्यो दिखाया –
दरअसल दिल्ली में लॉक डाउन लगाने से केजरीवाल अपने कार्यकरताओ में एक्सपोज़ हो गया था और उसको डर पैदा हुआ कि कही उसके कार्यकर्ता और भक्त उससे सवाल न पूछ लें कि
“तुम पहले तो कह रहे थे लोक डाउन को रोना का ईलाज नही है लॉक डाउन से को रोना नही दूर होगा
फिर तुम अब लॉक डाउन क्यो लगा रहे हो “
वीडियो देखिए
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https://fb.watch/54ocArpTbn/
इसलिए केजरीवाल ने उसके अमेरिकी ब्रिटिश धनिक आकाओं से गुहार लगाई की किसी तरह उसे एक्सपोज़ होने से बचाए
तो अमेरिकी ब्रिटिश धनिकों ने चेनलो को इस मीटिंग को लाइव दिखाने हेतु बोला और बदले में चेनलो को पैसे फेके
अब इस नाटक के बाद केजरीवाल दुबारा से अपने भक्तों में हीरो बन गया है
निष्कर्ष –
दरअसल भारत के सभी बड़ी पार्टियों के नेता अमेरिकी ब्रिटिश धनिकों के सामने नतमस्तक है और उनकी दया(बिकाऊ मीडिया सपोर्ट) पर आश्रित है, अब जैसे जैसे लॉक डाउन की वजह से लोग बर्बाद होते जा रहे है
https://indianexpress.com/article/business/economy/indian-economy-covid-19-lockdown-7113477/
तो मोदी का रंग 2024 आते आते फीका पड़ जाएगा और नागरिकों पर पेड मीडिया द्वारा चढ़ाया गया मोदी बुखार उतर जाएगा उस स्तिथि में विदेशी धनिक उनका नया मोहरा(योगी/अमित शाह/केजरीवाल) पेड मीडिया द्वारा पब्लिक के सामने रखेंगे ।
फिर यदि विदेशी धनिक योगी को 2024 का PM बनाते है तो केजरीवाल को वो उसके opposition में रखेंगे ताकि योगी को कंट्रोल में रखा जा सके
ये तभी सम्भव होगा की केजरीवाल 2024 के पहले जनता में एक्सपोज़ न हो जाए ।
इसलिए अभी उसको बचाने के लिए ये मीटिंग वाला ड्रामा रचा गया है ।
समाधन –
सभी नेता,अफसर लोग ईमानदार होते हैं लेकिन मौका या अवसर मिलते ही (कुर्सी पाते ही ) गद्दार ,बेईमान ,भृष्ट बन जाते है उन पर लगाम लगाने हेतु ये कानून लागू करने की मान्ग करे
VoteVapsiPassbook
JuryCourt
#वोटवापसीपासबुक और #JuryCourt कानून लागू होने पर नेताओं, अफसरों को नॉकरी से निकाल कर अन्य को नॉकरी पर लगा सकेंगे । ताकि नॉकरी जाने के डर से नेता जनता से डरेगे और जनता के अधीन रहेगे ।
hastag पर क्लिक करके जुरीकोर्ट कानून ड्राफ्ट पढ़े । और CM को पत्र भेजे की वो इस कानून को गेजेट में छापे ।