कोरोना की वजह से लाखों लोगों की आमदनी पर बहुत असर पड़ा है. लोगो के पास दैनिक जौरात वाला सामान खरीदने के पैसे भी नहीं है पिछड़े इलाको में तू सबसे बुरा हाल है
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लगे लोखड़ौन के चलते कई लोगो का रोजगार छिना आमदनी बंद हो गई. अभी भी लोगों कि जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी है.कई लोग रोजगार ना होने की वजह से आत्महतिया जैसे कदम उठा रहे है

देश क 40 %फीसदी लोग ऐसे है जो घर पर ही खली बैठे हुवे है और 20 % लोग ऐसे है जो काम करे ही 10 % लोग ऐसे है जो काम पर जारी है और २०% लोग ऐसे है जिनका खुद का बिज़नेस है और 10 % लोग ऐसे है जो खुद का काम खोलने की कोशिश करे है लोगो पर दैनिक खर्चे के भी पैसे नहीं है

20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कोरोना के अंतर्गत काम करे है जैसे सिविल लाइन पर काम करने जिन्हे सर्कार ने निशुलक सेवा के नाम पर काम करवारी है . 37 प्रतिशत लोग कोविड के नियम में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी आय भी घटी है. 10% लोगो तो ऐसे है जो हाफ सैलरी पर भी पुरे महीने काम करे है