Highlights को लेकर फर्जीवाड़े पर अब सरकार नकेल कसने वाली है। सरकार एक एप लाने जा रही है जिस आप किसी भी दवा की तमाम जानकारी ले सकते है क्या समय मार्केट में कफी ऐसी कंपनी है जो नकली दवैयां बना रही है लेकिन अब एक ऐसा ऐप बनाया गया है जिससे आप बस दवा पर लगाए जाने वाले क्यू आर कोड को स्कैन करना होगा और आपको दावा की पुरी जानकारी आसानी से प्रप्त हो जाएगी
जान ले लेगी यह दवायें गोरखपुर में दवा दुकानो की जाच में हैरान करने वाले सब कुछ हुआ खुलासा
QR Code Check Medicines: देश में असली और नकली दवाओं की पहचान के लिए सरकार एक एप लाने जा रही है जिसके जरिए आप बस एक क्यू आर कोड को स्कैन कर बहुत ही आसानी से उस दवा के बारे में पता लगा सकते है सरकार यह कदम कफी सोच समझ रही है सरकार की तरह गलती उठा रही है क्योंकि समय बाजार में कफी नाकली दवैयां बेची जा रही हैं

सरकार द्वारा जल्द ही दवाओ पर क्यूआर कोड लाने की संभावना जताई गई हैं
यह आप अभी आई नहीं है, लेकिन सरकार द्वारा इसे जल्दी ही लाने की बात सामने आई है। अगर ऐसा हुआ तो इससे ग्राहक और दवा कंपनी दोनों को ही फायदा होगा इससे ग्राहक अच्छी दवा ले जाएंगे और जल्द ही हर बिमारी से ठीक हो जाएंगे
क्या है पूरा मामला
द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, सरकार एक एप लाने जा रही है जिसके जरिए आप बहुत ही आसानी से किसी भी दवा के बारे में पूरी जानकारी ले सकते है डबव में क्यूआर कोड लगा रहे हैं इसे स्कैन करते ही आपको पूरी जानकारी प्रप्त हो जाएगी इस एप के जरिए आप ये भी जान सकते है कि ये दवा किस कंपनी ने बनाई है, इसका सॉल्ट क्या है और कब तक इसकी एक्सपायर होगी ऐप में आपको दावा की पूरी जानकरी प्रप्त हो जाएगी आप बिना स्कैन किए कोई भी दावा न ले
क्यूआर कोड स्कैन करते ही आपको दवा की पूरी जानकरी प्राप्त हो जाएगी
इसके लिए बस आपको एक क्यू आर कोड को स्कैन करना होगा और सारी जानकारी आपके स्क्रीन पर आ जाएगी। ऐसे में हर दवा पर क्यू आर कोड लगाने से दवा कंपनियों का खर्चा तो जरूर बढ़ेगा लेकिन इससे कंपनी और ग्राहको को दवा के कालाबाजारी से छुटाकारा भी मिलेगा इससे ग्राहक सही चिज का चयन कर पायेंगे और कंपनी सही दावियों को ग्राहक तक आसन से पूँछेगा सरकार ने कफी सोच समझकर यह फैसला लिया है
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कैसे करेगा यह एप काम
सरकार यह चाहती है कि इस लिस्ट में सबसे पहले उन दवाओं को शामिल करें जो ज्यादा बिकती है क्योंकि ज्यादा बिकने वाली दावायों को टोटल कॉपी करके नाकली दवैयां मार्केट में बेची जा रही है ऐसे में सरकार सबसे पहले यूएन दावाओं को मार्केट में लाना होगी जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहे हैं ऐसे में सरकार एंटीबायोटिक, पेन रिलीफ, दिल की बीमारियों से जुड़ी और एंटी एलर्जिक जैसी दवाओं पर सबसे पहले क्यू आर कोड लगवाना चाहती है ताकि फर्जीवादा को रोका जा सके पेमेंट का यह फैसला कफी किफायती माना जा रहा है इससे नकल दवैयां देसी जाने वालों के लिए कफी डिककत हो जा सकता है

जब इन दवाओं पर क्यू आर कोड लग जाएगा तो लोग बहुत ही आसानी से सरकार द्व्रारा लॉन्च की गई एप से इस कोड को स्कैन पर पता लगा सकते है कि यह दवा असली है या नकली है आपकी वॉर को स्कैन करने के लिए आसान से खरीद कर सकते हैं