गोमती पुस्तक मोहत्सव में मुफ्त में पढ़िए 10000 किताबें : 50 रुपए से लेकर 15 हजार की किताबें; मर्डर मिस्ट्री टाइप किताबों की सबसे ज्यादा डिमांड लखनऊ में शांत बहती हुई गोमती नदी का किनारा किताबों से गुलजार है। यहां एकतरफ प्रेमचंद हैं, निराला हैं तो दूसरी तरफ विलियम शेक्सपीयर और लियो टालस्टाय। रंग-बिरंगी लाइटों से रोशन सफेद तंबूओं में सजी किताबों की महक है। स्टेज पर बैठे माइक से अपनी किताबों के किस्से सुनाते लेखक भी आपको यहां मिल जाएंगे। ये शोरगुल है किताबों के उत्सव का, जिसका नाम है गोमती पुस्तक मोहत्सव |
अपनी किताबों के किस्से सुनाते लेखक भी आपको यहां मिल जाएंगे। ये शोरगुल है किताबों के उत्सव का, जिसका नाम है गोमती पुस्तक मोहत्सव। लखनऊ में 29 अक्टूबर से 6 नवंबर 2022 तक चलने वाले पुस्तक मेले में 80 स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें 200 पब्लिशर्स की 10,000 से ज्यादा किताबें मौजूद हैं। सभी एक से बढ़कर एक, तो चलिए आपको किताबों की इस खास दुनिया की सैर करा लाते हैं…
शुरुआत पुस्तक मेले के सबसे खास हिस्से से….

गोमती पुस्तक मेले का सबसे चर्चित हिस्सा है ‘बुक स्ट्रीट’। एक लाइन में सफेद तंबुओं के आकार की 40 से ज्यादा दुकानों में सजी हुई किताबें बुक स्ट्रीट की पहचान हैं। इस जगह को रंगीन झालरों से सजाया गया है। इसके ठीक सामने गोमती नदी बह रही है। यहां पर बैठकर आप अपनी पसंदीदा किताबों को मुफ्त में पढ़ सकते हैं और खरीदकर घर भी ले जा सकते हैं। यहां पर सबसे पहला स्टॉल दिव्यांश पब्लिकेशन्स का है। इसके मालिक नीरज अरोड़ा ने बताया, “लखनऊ का रीडर हमेशा से आर्ट लविंग रहा है। युवा पीढ़ी की बात करें तो आजकल नई वाली हिन्दी की किताबें बहुत पॉपुलर हो रही हैं। इसमें दिव्य प्रकाश दूबे, नीलोत्पल मृणाल, मानव कौल जैसे यूथ राइटर्स की किताबें शामिल हैं। इनकी लिखावट यूथ कनेक्टिंग हैं, इसलिए सबसे ज्यादा इनकी किताबें बिक रही हैं। “
गुनाहों का देवता और उर्दू की गोदान की सबसे ज्यादा डिमांड
बुक स्ट्रीट पर सबसे बड़ा किताबों का स्टॉल प्रभात प्रकाशन का है। यहां मिले प्रदीप ने बताया, “अरुण तिवारी की विंग्स ऑफ फायर, शांतनु गुप्ता की योगी गाधा, धर्मवीर भारती गुनाहों का देवता और दिनकर की रश्मिरथी की डिमांड काफी ज्यादा है। युवा पाठकों को मुंशी प्रेमचंद की कहानियों का उर्दू अनुवाद काफी पसंद आ रहा है। नागार्जुन, वीरेन डंगवाल की कविताओं की किताबें सबसे ज्यादा बिक रही हैं। ” प्रदीप कहते हैं, “पुस्तक मेले में 50 रुपए से लेकर 15 हजार तक की किताबें हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि आप सभी किताबों को मुफ्त में जितनी देर चाहें पढ़ सकते हैं।”
मर्डरम और कृष्णा प्रोफेसी नई किताबों की रेस में सबसे आगे

पुस्तक मोहत्सव में इस बार डॉ. सोहिल माकवाना की किताब ‘मर्डरम’ और दिनेश वीरा की किताब ‘कृष्णा प्रोफेसी’ की खूब चर्चा हो रही है। युवा राइटर रिषभ ने बताया,”अगर आपको मर्डर मिस्ट्री पसंद हैं। तो एकबार मर्डरम जरूर पढ़िए। कैसे कठिन इंवेस्टिगेशन के बाद शातिर अपराधी पकड़ा जाता है। पुलिस को चमका देने के लिए किस-किस तरह के क्राइम होते हैं। ये सब आपको इस किताब में मिलेगा। दिनेश वीरा की किताब ‘कृष्णा प्रोफेसी’ में 3 दोस्त टाइम ट्रेवल करके द्वापर युग में जाते हैं। तीनों अपनी आंखों के सामने महाभारत युद्ध होते हुए देखते हैं। बाद में वापस आकर नई तरह से वे इस कहानी को दोबारा लिखते हैं। कृष्णा प्रोफेसी में बिलकुल नए अंदाज में महाभारत की कहानी लिखी गई है। लोगों को ये बेहद पसंद आ रही है।