गोरखपुर तिहरे हत्याकांड की खौफनाक कहानी, पत्नी ने रुपये देकर पिलाई शराब, नींद ” आने पर पति व दो बेटों की ली जान

गोरखपुर तिहरे हत्याकांड की खौफनाक कहानी, पत्नी ने रुपये देकर पिलाई शराब, नींद ” आने पर पति व दो बेटों की ली जान गोरखपुर में महिला ने पति व सौतेले बेटों के सिर पर बेहोश होने तक डंडे से वार करती रही। तीनों की मौत होने की पुष्टि पर आधे घंटे बाद डायल 112 पर सूचना दी कि घर में घुसकर कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं।

गोरखपुर तिहरे हत्याकांड की खौफनाक कहानी,

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पति और सौतेले बेटों की जान लेने की योजना नीलम ने शाम को ही बना ली थी। उसने कमरे के एक कोने में चाकू व डंडा को छिपाने के बाद चाट का ठेला लगाने वाले पति अवधेश के शाम को घर लौटने पर उसे शराब पीने के लिए यह कहते हुए रुपये दिए कि जल्दी आना साथ में भोजन करेंगे।

10 दिन पहले बेंगलुरु से आया था घर

शादी के दो माह बाद ही दूसरी पत्नी से अवधेश का विवाद शुरू हो गया। शराब पीने और रुपये न देने की बात को लेकर उनके बीच आए दिन मारपीट होती थी। कई बार नीलम ने डायल 112 पर फोन कर पुलिस को बुलाया था। विवाद से परेशान होकर काम के बहाने 12 दिसंबर, 2022 को वह घर से बेंगलुरु भाग गया और अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया। खोजबीन के बाद 14 दिसंबर को नीलम ने सहजनवां थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। एक माह पहले उसने फोन कर बेंगलुरु में होने की जानकारी दी। शिवरात्रि से दो दिन पहले (16 फरवरी) घर लौटा तो पत्नी से फिर विवाद शुरू हो गया।

कक्षा आठ पास है नीलम

संतकबीरनगर जिले के महुली थानाक्षेत्र स्थित मरीन धर्मशाला उर्फ मझगांवा निवासी हरचू गुप्ता के एक बेटे और दो बेटियों में नीलम छोटी है। सहजनवां थाने पहुंचे हरचू ने बताया कि नीलम ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई की है। 13 वर्ष पहले उसकी शादी जगदीशपुर निवासी अखिलेश गुप्ता के साथ की थी। वर्ष 2012 में लेहड़ा देवी मंदिर जाते समय दुर्घटना में अखिलेश की मृत्यु हो गई थी।

दम तोड़ने तक पति पर करती रही प्रहार

शराब के नशे में रात नौ बजे अवधेश घर लौटा तो नीलम ने दोनों सौतेले बेटों अपनी पुत्री शिवांगी के साथ बैठकर भोजन किया। इसके बाद सभी अलग-अलग कमरे में सोने चले गए। रात 11:30 बजे तक नीलम कमरे के बाहर सीढ़ी पर बैठी रही। अंदर आने के बाद उसने अवधेश को आवाज दी, तो वह उठकर बैठ गया। उसके बाद बिना बताए नीलम फिर से बाहर चली गई। एक घंटे बाद आई तो अवधेश गहरी नींद में सो चुका था।

उसके बाद सीने पर बैठकर चाकू से तीन जगह गला रेत दिया। उठने का प्रयास करने पर दोनों पैर से हाथ दबाकर पास में पड़े डंडे से सिर पर ताबड़तोड़ आठ से दस बार हमला किया। अचेत होने पर दूसरे कमरे में पहुंची और बेड पर सो रहे आर्यन और आरव का गला रेतने के बाद उनके सिर पर भी डंडे से तब तक हमल किया जब तक अचेत नहीं हो गए। कुछ देर के बाद स्वयं ही 112 पर मारने पीटने की सूचना दी अपने कमरे में बैठकर पुलिस के आने का इंतजार करती रही। आधे घंटे बाद जब लगा कि तीनों की मृत्यु हो गई है, तब पुलिस को सूचना दी।

खर्च चलाने को लिया था कर्ज, पत्नी मांग रही थी रुपये

सुभावती ने बताया कि नीलम की बुआ उनकी रिश्तेदार हैं। 2018 में अवधेश की पहली पत्नी रेनू की टीबी से मृत्यु हो गई। कई रिश्ते आए, लेकिन अवधेश ने शादी नहीं की। आठ माह पहले रिश्तेदार ने बताया कि नीलम के पहले पति की भी मृत्यु हो चुकी है उसकी भी एक बेटी है। बातचीत आगे बढ़ने पर दोनों की शादी हो गई। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर दूसरी शादी करने के बाद घर का खर्च चलाने के लिए अवधेश ब्याज पर रुपये लेकर चाट का ठेला लगाने लगा।

ब्याज और खर्च अधिक होने से नीलम के साथ उसका विवाद होता था। सुभावती का आरोप है कि पति की मृत्यु होने के बाद नीलम का रिश्ता कई जगह तय हुआ, लेकिन टूट गया। अवधेश को छोड़ने के लिए वह पांच लाख रुपये व गहने मांग रही थी। आर्यन और आरव को वह समय से खाना नहीं देती थी। रोने पर पीटती थी। आसपास के लोग चोरी छिपे बुलाकर दोनों को खिलाते थे।

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माटीकला से जुड़े शिल्पकारों के उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार 24 मार्च को सम्मानित किया गया। इसमें पहला पुरस्कार जिले के हस्त शिल्पकार सतीश चंद्र को , दिया गया। दूसरा पुरस्कार सिद्धार्थनगर के अवधेश कुमार को जबकि तीसरा पुरस्कार संत कबीर नगर के राजेंद्र कुमार को दिया गया।

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