सिर्फ चारा घोटाले में लालू की गिरफतारी हुए बाकी के हुए घोटाले में CBI ने क्यू कुछ नही किया उन लोगो पर क्यों नहीं हुए कार्यवाही?
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चारा घोटाले की सच्चाई:
लालू प्रसाद यादव, भारतीय राजनीति में ये अकेले ऐसे नेता हैं जो उस घोटाले की सज़ा काट रहे हैं जो उनके मुख्यमंत्री बनने से 12 साल पहले शुरू हुआ था। भारत ने इतने घोटाले हुए पर कार्यवाही पूर्ण रूप से पूरी सिर्फ चारा घोटाले पर ही हुआ। बाकी सब घोटाले पर तो CBI वाले कुछ नही कर पाए क्योंकि जिस किसी ने भी अब तक घोटाला किया है,
वो सभी लोग इस देश से ही भाग गए और भागता तो वही है जो गुनाह करता है पर लालू यादव क्यों नही भागे बाकियों की तरह ?

घोटाले की जांच के लिए लालू ने ही दर्ज कराया था FIR:
कमाल की बात यह है कि घोटाले की जाँच का FIR भी लालू यादव ने ही करवायी थी और घोटाले में शामिल अधिकारियों को सस्पेंड भी उन्होंने ही किया था । बाद में इसकी जाँच CBI को गयी और CBI ने लालू यादव को ही इसमें आरोपी बना दिया । आज चारा घोटाला सिर्फ़ और सिर्फ़ लालू यादव के नाम से जाना जाता है और सिर्फ उन्हे ही जेल में भेजा गया है।
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लालू यादव ग़ज़ब के भ्रष्टाचारी है:
15 साल वो बिहार के मुख्यमंत्री रहे , 5 साल देश के रेल मंत्री रहे लेकिन अब तक उनके ऊपर चारा घोटाले के अलावा दूसरे किसी घोटाले का चार्ज नहीं लगा।जब यह भ्रष्टाचारी रेल मंत्री बना तो रेलवे नुक़सान में था:आज़ादी के बाद से लगातार घाटे में रहने वाले रेलवे को लालू यादव ने एक लाख करोड़ के फ़ायदे में पहुँचा दिया।अपने पाँच साल के कार्यकाल में इस भ्रष्टाचारी ने एक रुपया भी रेल किराए में नहीं बढ़ाया। ग़रीब जनता के लिए AC ट्रेन ( ग़रीब रथ ) चलायी। फिर भी रेलवे को लाभ हुआ । आज की ईमानदार सरकार के राज में फिर से रेलवे घाटे में हैं जबकि हर तीसरे महीने किराया बढ़ाया जा रहा है । रेलवे इतने घाटे में पहुँच चुका है कि रेलवे स्टेशन बेचने के बाद भी इसका घाटा कवर नहीं हो रहा है और अब पूरा रेलवे ही बिकने की कगार पर है ।आपको याद होगा कि अभी कुछ ही दिन पहले रेलवे इग्ज़ाम की माँग के चलते युवाओं को पुलिस ने बिहार और इलाहाबाद में दौड़ा दौड़ा कर पीटा है । लालू यादव ऐसे भ्रष्टाचारी हैं कि उन्होंने बिना किसी फ़ॉर्म , बिना किसी टेस्ट के 14000 कुलियों को एक ही हस्ताक्षर से गैंगमैन बनाकर सरकारी नौकरी दे दी थी ।
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लालू यादव के गुनाह :
लालू यादव का दोष भ्रष्टाचार नहीं है क्योंकि भ्रष्टाचार तो हम भारतीयों के ख़ून में रच बस गया है । चपरासी से लेकर मंत्री तक , कौन ऐसा है जो भ्रष्टाचारी नहीं है ?? लालू का दोष यह है कि उसे झुकना नहीं आता , उसने सोशलिज़म कुछ ज़्यादा ही गहराई से पढ़ लिया है । लालू का दोष यह है कि उसने गोबर पट्टी में गिना जाने वाला बिहार संघियो से बचाए रखा । अयोध्या एपिसोड में जब पूरा देश दंगों की आग में जल रहा था , तब भी लालू ने बिहार में दंगा नहीं होने दिया। लालू का दोष यह है कि उसने बिहार के सामंतवादी निज़ाम को बदल दिया। उसने दबे , कुचले , शोषित लोगों को आवाज़ दी , ताक़त दी। लालू का दोष यह है कि पूरी हिंदी पट्टी में राज करने वाली भाजपा का आज तक कोई मुख्यमंत्री बिहार में नहीं बन पाया ।
इतने दिन राजनीति में रहने के बाद अब उनपर चारा घोटाला ही क्यों लगा:
अगर लालू चाहते तो नीतीश कुमार सृजन घोटाले में अंदर होते , बिहार की सरकार लालू यादव की मदद से भाजपा चला रही होती , तेजस्वी उप मुख्यमंत्री होते और लालू केंद्र में मंत्री होते । यही पत्रकार , यही तथाकथित बुद्धिजीवी लालू यादव को चाणक्य बोल रहे होते और जैसे आज सृजन घोटाले का कोई ज़िक्र नहीं है , वैसे ही चारा घोटाला भी किसी को याद नहीं होता पर वो भाजपा को बिहार में नही आने देना चाहते है।यह भी हो सकता है कि बाक़ी ज़िंदगी उन्हें जेल और कोर्ट के ही चक्कर लगाने पड़े लेकिन सत्ताधारी लोग भी जानते हैं कि लालू झुकेगा नहीं , डरेगा नहीं , टूटेगा भी नहीं और समझौता भी नहीं करेगा,और सबसे बड़ी बात वो को वो कायरो की भाँति देश छिड़के भी नही भागेंगे।