
पटना: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को चुन-चुनकर मौत के घाट उतारने की खबर सामने आ रही है। ताया जा रहा है कि वहां पर मजदूरी को लेकर विवाद उठा, लेकिन यह विवाद इतना बढ़ गया कि हिंदी भाषा बोलने वाले को जान से मारा जा रहा है। एक निजी चैनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब तक 15 से ज्यादा मजदूरों की हत्या कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ली हालत कीजानकारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में ट्वीट किया है उन्होंने कहा कि मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।
यहा पूरे विवाद की वजह
तमिलनाडु में काम कर रहे जमुई के मजदूर ने एक जी चैनल को बताया कि कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं। वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस लिया है। .
मजदूरों ने वीडियो के जरिए लगाई मदद की गुहार
तमिलनाडु में फंसे काम करने वाले मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों ने कुछ वीडियो भी भेजे हैं। जिसमें उनको दौड़ा-दौड़कर पीटा जा रहा है। हत्या की जा रही है। लोग इलाज नहीं मिलने से तड़प रहे हैं। मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों का दावा है इन हमलों में कई मजदूर घायल हैं। घायलों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।
तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले और दो मौत की क्या है सच्चाई ? पुलिस ने दिया चौंकाने वाला बयान
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में एसटीएफ की डीआईजी किम ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, इस मामले की सूचना मिलते ही तुरंत संज्ञान लिया गया।
तमिलनाडु में हिन्दी भाषी राज्यों खासकर बिहार के लोगों पर स्थानीय लोगों के हमले का वहां के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने खंडन किया है। इधर, बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में एसटीएफ की डीआईजी किम ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, इस मामले की सूचना मिलते ही तुरंत संज्ञान लिया गया। इससे पहले गुरुवार की सुबह बिहार के जीपीआरएस भट्टी ने तमिलनाडु के डीजीपी से फोन पर स्थानीय लोगों के हमले का वहां के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने खंडन किया है। इधर, बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में एसटीएफ की डीआईजी किम ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, इस मामले की सूचना मिलते ही तुरंत संज्ञान लिया गया। इससे पहले गुरुवार की सुबह बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने तमिलनाडु के डीजीपी से फोन पर बात कर पूरी स्थिति पर चर्चा की थी।
तमिलनाडु के डीजीपी ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश पोस्ट कर कहा है कि किसी ने बिहार में दो वीडियो पोस्ट किया है कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर स्थानीय लोगों ने हमला किया है। यह दोनों वीडियो पूरी तरह फर्जी और शरारतपूर्ण हैं। असल में यह दोनों वीडियो पिछले दिनों त्रिपुर व कोयम्बटूर में हुई घटनाओं के हैं। इनमें एक जगह प्रवासी मजदूरों के दो गुटों के बीच ही भिड़ंत हुई थी। वहीं दूसरी जगह तमिलनाडु के स्थानीय लोगों के बीच हिंसक घटना हुई थी। यह कहना एकदम गलत है। कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले हुए हैं।