बस्ती जिले के सदर ब्लाक में कल शनिवार को संपूर्ण तहसील दिवस पर विद्युत विभाग कर्मचारियों के आंदोलन का प्रभाव रहा। अधिकारी देर से मौजूद रहे और लोगों की समस्याएं सुनीं। हालांकि कुछ साधारण समस्याओं को निपटा दिया गया, लेकिन अधिकांशतः लोगों को तारीख मिली है।
Basti : बस्ती जिले के सदर ब्लाक में कल शनिवार को संपूर्ण तहसील दिवस पर विद्युत विभाग कर्मचारियों के आंदोलन का प्रभाव रहा। अधिकारी देर से मौजूद रहे और लोगों की समस्याएं सुनीं। हालांकि कुछ साधारण समस्याओं को निपटा दिया गया, लेकिन अधिकांशतः लोगों को तारीख मिली है।
सुबह में 10 बजे अपनी समस्या को लेकर अपनी भूमि को बचाने के लिए 2 साल से संपूर्ण समाधान दिवस का चक्कर काट रहे सदर क्षेत्र के बानपुर गांव के निवासी गंगाराम को फिर से अगली नई तारीख मिल गई है। उसी प्रकार हर्रैया में खतौनी में राजस्व कर्मचारियों की लापरवाही से गलत नाम को सही कराने के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य तहसीलों में औपचारिकता पूर्ण कर दी गई है।
DM प्रियंका निरंजन सदर तहसील दिवस में सुनी सबकी समस्याएं :-

सदर तहसील दिवस में DM प्रियंका निरंजन व SP गोपाल कृष्ण चौधरी दोपहर 12.10 बजे उपस्थित रहे। इसके बाद कार्रवाई को प्रारंभ की गई। हर्रैया प्रतिनिधि के मुताबिक, SDM गुलाब चंद्र ने समस्याएं सुनीं। यहां अजगराजोत गांव निवासी शिव बहादुर लेखपाल व कम्प्यूटर आपरेटर की गलती की सजा वे कई महीनों से झेल रहे हैं। इनकी खतौनी में किसी और का नाम दर्ज करा दिया गया है।अब इसको हटवाने के लिए वह दो बार समाधान दिवस में प्रार्थनापत्र दे चुके हैं लेकिन अधिकारी इनको कोर्ट जाने की सलाह देकर टरका देते हैं।
शिव बहादुर द्वारा यह बताया गया कि जानबूझकर लेखपाल व राजस्व कर्मियों ने खतौनी में गलत नाम की दर्ज कर दिया है। इस संपूर्ण समाधान दिवस में कुदरहा ब्लाक के बानपुर गांव निवासी गंगाराम 10वीं बार आवेदन पत्र को देने पहुचे हुए थे। उनके खेत पर कुछ दबंगों ने कब्जा ही नहीं किया, बल्कि उनकी खेत पर मकान भी बनवा लिया है।
2 साल से न्याय पाने के लिए दौड़ रहे गंगाराम की आवाज अब तक अधिकारियों के कान तक नहीं पहुंच पाई है। उसी प्रकार एक महिला सफाई कर्मचारी कौशल्या 1 साल से मानदेय की राह देख रहीं हैं, लेकिन उनकी सुनवाई अभी तक नहीं हो पा रही है।
वे अब तक 2 बार अधिकारियों के न्याय दिलाने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी बात रख चुकी हैं, आश्वासन तो मिला मगर मानदेय आज तक नहीं मिल सका है। DM प्रियंका निरंजन ने इस मामले में तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए। रफीक मुहम्मद निवासी नारायनपुर मिश्र के पिता की मौत 6 माह पहले ही हो गयी थी, तबसे वह वरासत कराने को लेकर लेखपाल हरि सिंह के पास दौड़ भाग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार आश्वासन देकर भेज दिया जाता है।
छावनी थाना क्षेत्र के अमोढ़ा निवासी राशिदा खातून का उनके पति से कुछ दिनों से विवाद चल रहा था, जिसमें अदालत ने पीड़िता राशिदा को हर महीने 2500 रूपए महीने भरण पोषण खर्चा देने का निर्देश दिया गया है, लेकिन 3 साल बाद भी उसके पति ने उसे भरण पोषण के लिए एक भी रुपए नहीं दिए। इसको लेकर वह थाने से लेकर तहसील दिवस में भी चार बार प्रार्थना पत्र दे चुकी है लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
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यह बताया जा रहा है कि शनिवार को वह बहुत उम्मीद लेकर समाधान दिवस पहुंची थी लेकिन उच्चाधिकारियों की अनुपस्थिति से वह निराश होकर उनके इंतजार में बैठी रही।
भानपुर प्रतिनिधि के मुताबिक, संपूर्ण समाधान दिवस में सल्टौआ गोपालपुर गांव निवासी रामजीत ने यह कहा कि वह पिछले 1 वर्ष से पेंशन न मिलने की शिकायत दर्ज करा रहे है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। संपूर्ण समाधान दिवस में शनिवार को उसके प्रार्थनापत्र पर आश्वासन देकर लौटा दिया गया।
रामजी द्वारा यह बताया गया कि उन्हे वृद्वा पेंशन मिल रही थी जो अचानक से आना बंद हो गई। तब से वे कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। इस मौके पर सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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