दहेज नहीं मिला तो तीसरी मंजिल से फेंका: 17 साल बेड पर रहीं, अब 3000 लड़कियों को सिखा रही सेल्फ डिफेंस, पेंटिंग में बनाया – वर्ल्ड रिकॉर्डरक्षा सिंह 20 मिनट पहले वाराणसी की एक जगह है…पांडेपुर। यह जगह आज एक ऐसी महिला की वजह से जानी जाती है जो अपने NGO में यहां की बच्चियों और औरतों को खुद के पैरों पर खड़ा होना सिखाती हैं। लेकिन वो महिला आज खुद बिना सहारे चल नहीं सकतीं। नाम है पूनम राय । पूनम को अपने शरीर के नीचे का हिस्सा महसूस ही नहीं होता। वजह ये कि दहेज के लिए उनके ससुराल वालों ने उन्हें तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था। इससे उनके शरीर का आधा हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया।
दैनिक भास्कर ने पूनम राय से बातचीत की। उन्होंने अपनी शादी, ससुराल वालों के धोखे, 17 साल बेड पर रहने और उससे उभरकर इतनी लड़कियों को काबिल बनाने की जो कहानी बताई वह बहुत इंस्पायरिंग है।

आज यानी 8 मार्च को इंटरनेशनल वीमेंस डे है। इस मौके पर आइए पूनम की जिंदगी की पूरी कहानी जानते हैं।
इंजीनियर बताकर 12वीं पास से करवा दी शादी
8 मार्च 1974. बिहार का वैशाली जिला। यहां बिंदेश्वर राय के घर एक बेटी का जन्म हुआ। नाम रखा पूनम । घर में बेटे थे लेकिन बेटी के आने से पूरा परिवार खुशियों से भर गया। पूनम एक नार्मल मिडिल क्लास फैमिली से थीं लेकिन उनके पैदा होते ही घर के हालात बदलने लगे। उसी साल पूनम के पिता की नौकरी लगी। घर में गाड़ी, टीवी, फ्रिज समेत काफी नया सामान आया। पूनम कहती हैं कि मेरी जिंदगी एकदम राजकुमारी जैसी थी। माता-पिता मेरी हर इच्छा पूरी करते।
पूनम को बचपन से ही पेंटिंग बनाने का बहुत शौक था। इसलिए उनके पिता चाहते थे कि वो इसी में अपना करियर बनाएं। इसी बीच उनके पिता का वाराणसी ट्रांसफर हो गया था। इसलिए उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पेंटिंग ऑनर्स से ग्रेजुएशन किया। पूनम जब 21 साल की हुईं तो घर में उनकी शादी की बातें होने लगीं।
इंजीनियर समझकर शादी की, लड़का 12वीं पास निकला
पिता चाहते थे कि वो खुद इंजीनियर हैं इसलिए उन्हें दामाद भी इंजीनियर मिले। इसी बीच पूनम के लिए रिश्ता आया। लड़के ने मनिपाल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की थी। शादी तय हुई। लड़के के परिवार का कहना था कि लड़का इतना पढ़ा-लिखा है, अच्छा कमाता है तो वो बिना दहेज के शादी नहीं करेंगे।
परिवार तैयार हो गया लेकिन पूनम ने कहा कि वो शादी करने से पहले लड़के से एक बार मिलना चाहती हैं। पर लड़के के परिवार वालों ने मना कर लड़के की तस्वीर भिजवा दी। सबको लड़का अच्छा लगा और शादी हो गई। साथ में दो ट्रक भरकर तोहफे गए। पूनम कहती हैं कि एक छोटी सुई से लेकर फ्रिज, वाशिंग मशीन तक मेरे पापा ने उन्हें दिया। लेकिन मुझे इस बात का पता नहीं था कि मेरे ससुराल वालों ने दहेज मांगा। मैं ढेरों सपने लिए अपने नए घर पहुंची।
करीब एक हफ्ते तक सब ठीक था। फिर एक दिन पूनम को पता चला कि जिस लड़के को इंजीनियर बताकर उनकी शादी करा दी गई वो सिर्फ 12वीं पास था। साथ ही आए दिन शराब पीकर आता और गाली-गलौच करता। अपने मां-बाप को मारता पीटता । उधर उसके ही आए दिन शराब पीकर आता और गाली-गलौच करता। अपने मां-बाप को मारता पीटता । उधर उसके मां-बाप पूनम को ताने देते। पर जैसे-तैसे वो उस परिवार को अपनाने की कोशिश कर रहीं।
दहेज नहीं मिला तो तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया
पूनम के लिए परिवार के ताने, मार-पीट सब एकदम अलग था। उन्होंने अपने घर में ना ऐसा देखा न कभी सुना। लेकिन उन्हें लगा कि सब लोग एक जैसे नहीं होते और अब यही उनका परिवार है। उन्हें इन्हीं लोगों के साथ जिंदगी भर रहना है इसलिए पूनम ये सब बर्दाश्त करने लगीं।
शादी होने के बाद भी ससुराल वाले अक्सर दहेज की मांग करते। पूनम को टार्चर करते। उनकी तबीयत खराब रहने लगी। अक्सर चक्कर आते, एक दिन उन्हें खूब उल्टियां हुईं। डॉक्टर के पास गईं तो पता चला कि वो प्रेग्नेंट हैं। उन्हें लगा कि बच्चे की बात सुनकर तो ससुराल का माहौल बदलेगा। पर ऐसा हुआ नहीं।
होश आया तो शरीर के नीचे का हिस्सा फील नहीं हुआ
कुछ दिन बाद पूनम ने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद पूनम के साथ और ज्यादा मार-पीट होने लगी। दो महीने बीते, एक दिन पूनम छत पर कुछ काम कर रहीं थीं। तभी पीछे से उनके ससुराल वाले आए और उन्हें तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। इसके बाद पूनम की जब आंख खुली तो वो अस्पताल में थीं। होश आया तो शरीर के नीचे का हिस्सा फील नहीं हुआ। पूनम बताती हैं कि मुझे आज तक नहीं पता कि अस्पताल कौन लेकर गया। लेकिन जब मैं होश में आई तो मेरी आंखों के सामने अंधेरा chha gaya