नाइजीरिया में बंधक नेवी जवान रोशन के परिवार की आपबीती: बोले- तेल चोरी के झूठे केस में फंसाया गया, सरकार सुरक्षित वापस कानपुर के रहने वाले मर्चेंट नेवी कर्मचारी रोशन अरोड़ा बीते 3 महीने से साउथ अफ्रीका के गिनी देश में बंधक हैं। उसके साथ देश के 16 अन्य भारतीय भी बंधक हैं। सभी पर कच्चा तेल चोरी करने का आरोप नाइजीरियन नेवी ने लगाया है। शिप के क्रू में कुल 26 सदस्य हैं, जिनमें 16 भारतीय हैं। इनमें कानपुर के गोविंदनगर के रहने वाले रोशन अरोड़ा (26) भी हैं।
सोमवार को सांसद सत्यदेव पचौरी और विधायक महेश त्रिवेदी ने रोशन के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सांसद का कहना है कि विदेश मंत्रालय से बात कर सभी की जल्द भारत वापसी कराई जाएगी।

अब गिरफ्तारी करने की तैयारी
गोविंदनगर लेबर कॉलोनी निवासी रोशन के पिता मनोज अरोड़ा ने बताया कि कैप्टन रोशन बीते 3 सालों मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग कर रहा था। ये उसकी पहली शिपमेंट थी। बीते 3 महीने से नाइजीरियन नेवी कंपनी से बातचीत कर रही थी। कंपनी के 14 लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। हालांकि अब उन्हें छोड़ दिया गया है। लेकिन नाइजीरियन नेवी ने सभी को अरेस्ट करने की तैयारी शुरू की है। इसके बाद से ही क्रू मेंबर्स परेशान हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे को तेल चोरी के झूठे केस में फंसाया गया है, सरकार सभी को सुरक्षित वापस लाएं।

रोशन ने पिता को बताई पूरी बात
रोशन अब भी अपने पिता से फोन पर संपर्क में हैं। उसने दावा किया कि ओएसएम कंपनी ने जुर्माना भी भर दिया है। इसके बावजूद नहीं छोड़ा जा रहा है। कानपुर में परिजन अब मदद की गुहार लगा रहे हैं। मनोज अरोड़ा ने बताया कि उनका बेटा रोशन मर्चेंट नेवी में असिस्टेंट ऑफिसर है।
कंपनी से खत्म हो चुका है कॉन्ट्रैक्ट
परिवार में रोशन की मां सीमा और बड़ी बहन कोमल है। कोमल के मुताबिक रोशन हीरोइक इदुन शिप कंपनी के जरिये आठ अगस्त को नाइजीरिया कच्चा तेल लोड करने गया था। पिता ने रोते हुए बताया कि अब उसका 6 महीने को कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म हो चुका है।
देश के अन्य स्टेट के लोग भी फंसे हैं
टीम में 16 भारतीय, छह श्रीलंका और पोलैंड व फिलीपींस के एक-एक व दो अन्य मर्चेंट नेवी अफसर शामिल हैं। पिता ने बताया कि देहरादून, अंबाला, कर्नाटक के भी लोग वहां क्रू में फंसे हुए हैं। वहां पर माल लोड करने की तीन दिन बाद की तारीख मिली। इस पर शिप के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से संपर्क कर जानकारी दी। उच्चाधिकारियों ने शिप वापस लाने को कहा। रोशन ने अपनी बहन को बताया कि जब उनका शिप वापस जा रहा था तो रास्ते में गिनी देश की मर्चेंट नेवी के अफसरों ने उनको रोक लिया। 15 अफसरों को मालाबो में कैद कर रखा है और 11 को जहाज में ही नजरबंद कर दिया। वह मालाबो में कैद है। तब से सभी वहां फंसे हुए हैं।
रोशन ने बहन से कहा- अब निकलना हो सकता है मुश्किल कोमल ने बताया कि तीन महीने से सभी लोग कैद हैं। कंपनी ने भी इसकी जानकारी नहीं दी। रोशन ने शनिवार को फोन कर खुद ही बताया। जब उसको लगा कि अब वहां से निकलना मुश्किल है, क्योंकि उन्होंने यह सुन लिया था कि इन सभी को गिनी देश की नेवी नाइजीरियन नेवी के हवाले करने वाली है।
जुर्माना भरने के बाद भी नहीं छोड़ा
व्हाट्सएप कॉलिंग व चैट के जरिये सभी अपने परिवारवालों व शिप कंपनी के अधिकारियों के संपर्क में हैं। कंपनी ने रोशन को बताया था कि गिनी देश ने जुर्माना लगाया था, जिसे एक हफ्ते में ही भर दिया गया था। इसके बावजूद भी गिनी नेवी अब इन लोगों को छोड़ने के बजाय नाइजीरियन नेवी के हवाले क्यों करने जा रही है, यह समझ नहीं आ रहा है।