निखिल यादव ने स्वामी विवेकानंद पर लिखी पुस्तक

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महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल तहसील के छोटे से गांव ढाणी चुड़ेली ( फैज़ाबाद ) में जन्मे निखिल यादव सुपुत्र सुरेश कुमार यादव ने “अमृतकाल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता ” विषय पर पुस्तक लिख कर अपने गांव का नाम सम्पूर्ण भारत में रोशन किया है। निखिल यादव अभी वर्त्तमान में दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे है।

निखिल पिछले 8 वर्षों से विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी से जुड़े हुए है और वर्तमान में विवेकानन्द केन्द्र, उत्तर प्रान्त (दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू व कश्मीर, लद्दाख) में प्रान्त युवा प्रमुख हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से परास्नातक हैं।

वर्तमान में विज्ञान नीति अध्ययन केन्द्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में पी- एच.डी. शोधार्थी हैं। लेखक विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों और सेमिनार, यथा दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, नई दिल्ली; दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों; जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय; जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय; एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा; गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड आदि अनेक प्रतिष्ठित स्थानों में व्याख्यान और प्रस्तुतियां दी हैं।


कई प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टलों में अनेक लेख प्रकाशित । निखिल यादव ने बताया कि ” यह पुस्तक विवेकानंद केंद्र हिंदी प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है जो जोधपुर राजस्थान में स्थित है। पुस्तक स्वामी विवेकानंद के जीवन – दर्शन के बारे में जानकारी देती है और वर्तमान समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालती है।

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