पंजाब में चलरी है पंजाब सरकार की मनमर्जी पंजाब सरकार ने पंजाब सरकार के विधायकों के बेटों को दी सरकारी नौकरी, सुखबीर बादल ने कुर्सी बचाने के लिए बाद में दी सफाई
पंजाब सर्कार की वरुद्धि पक्ष आम आदमी पार्टी ने भी 3 जून को विरोध प्रदर्शन करने को तैयार लोगो का कहना है की आम जानत नौकरी के लिए डाके खरी है यहाँ विधायकों के बेटो को बिना मेहनत के नौकरी मिलरी है
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कह की अनुकंपा के आधार पर एक विधायक के बेटे को निरीक्षक और दूसरे के बेटे को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त किया जाना है.

अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में निरीक्षक (समूह बी) और भीष्म पांडेय को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार (समूह बी) के पद पर नियुक्त किया गया है
सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद में कहा अर्जुन बाजवा, पंजाब के पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा के पोते हैं जिन्होंने 1987 में राज्य में शांति के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे कहा गया,उन्हें नियमों में एक बार मिली छूट के तहत नियुक्ति दी गई है
राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के रूप में भीष्म पांडेय की नियुक्ति को मंजूरी दी जो जोगिंदर पाल पांडेय के पोते हैं जिनकी 1987 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.अमरिदंर सिंह ने यह निर्णय अपनी कुर्सी बचाने के लिए लिया है. गया है ऐसे निर्णय आम पार्टी ने कह

बादल ने कहा कि 2022 में नई सरकार आने पर इनकी बदल दिया जायगा इन नियुक्तियों को अवैध बताते हुवे कहा कि दादा के बलिदान पर उनके पोतों को नौकरीकैसे दी जा सकती जिनके पिता विधायक हैं. पंजाब के मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने भी अनुंकपा के आधार पर कांग्रेस विधायकों के दो बेटों को नौकरी दिए जाने के विरोध करते हुए तीन जून को प्रदर्शन किया था