“पप्पू होता तो कोरोना से आधा भारत मर लेता”
“कोरोना की मौत मरेगा पाकिस्तान”
जैसे मीडिया और IT सेल के बेशर्म निराधार जुमले की समीक्षा करना तब जरूरी हो जाता है जब
“WHO प्रमुख ने पाकिस्तान की जमकर तारीफ़ करते कहा कि पाकिस्तान की कोरोना नियंत्रण मे ततपरता सजगता की जितनी तारीफ़ की जाए कम है दुनिया के सामने मिशाल है पाकिस्तान” जिसने पोलियो नियंत्रण के पुराने ढाँचे का उपयोग करते घर घर जा कर हेल्थ वर्कर ने कोरोना नियंत्रित किया पाकिस्तान मे।

पाकिस्तान मे कोरोना पूरी तरह नियंत्रण तो है ही इस बात को भी दोहराना जरूरी हो जाता है कि पाकिस्तान के PM इमरान ने अपनी देश की 1 तिहाई ग़रीब जनता का हवाला देते कि उन्हें भूखे नहीं मार सकते, पूर्ण लॉक डाउन से इंकार कर दिया था।
एक और बात महत्वपूर्ण पाकिस्तान सरकार ने कोरोना से पीड़ित जनता की आर्थिक दिक्कतें कम करने महंगाई नियंत्रण करने डीज़ल और पेट्रोल के दाम 45 से 25 रूपये घटा दिए थे।
अब सवाल उठता है भारत सरकार ने क्या किया!
जनता को चौंकाते पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा करते हड़कम्प मचा दिया और लाखों श्रमिक सैंकडों हजारों किलोमीटर पैदल चलने सड़कों पर मरने मजबूर हुए।

4 करोड़ से ज़्यादा रोजगार चले गए और सरकार शून्य से मामूली कीमत वाले तेल पर सेस पर सेस लगा जनता को लूट रही है। सरकारी उपक्रम रेल बैंक एयरपोर्ट अपने चहेते पूंजीपतियों को लुटाने मे लगी है।
और कोरोना मे तो हम नम्बर वन हो ही गये हैं प्रतिदिन 90,000 मामले आ रहे।
मुर्ख अंधे समर्थकों की अंध श्रद्धा ने भारत को पाकिस्तान से भी तुलना लायक नहीं छोड़ा जिसकी तुलना चर्चा ये खुद बार बार करते हैं।
तो अंध समर्थकों सीधा स्पष्ट जवाब है देशद्रोही, मुल्ला या पप्पू होता या मुन्ना बस मोदी जी न होते तो भारत इस तरह बदहाल न हुआ होता….न.रुका