बगावत करने वाले धारीवाल जोशी और राठौड़ को क्लीन चिट : पायलट ने कार्रवाई की पैरवी की थी, गहलोत ने इन्हें बताया था एसेट विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर बगावत करने वाले गहलोत खेमे के मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी है। इसके लिए पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में कांग्रेस अनुशासन कमेटी (डीएसी) की फुल बैंच बैठक पिछले दिनों हुई थी। इसमें सचिव तारीक अनवर, मेंबर अंबिका सोनी व जीआर राजू भी थे। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, बगावत के बाद आलाकमान की ओर से भेजे गए नोटिस पर तीनों ने बिना शर्त माफी मांगी थी। बैठक में तीनों के जवाब पेश किए गए। बैठक में कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई, लेकिन माफीनामे पर आलाकमान मान गया। भास्कर के पूछने पर तारीक अनवर ने कहा- डीएसी की बैठक हुई थी। अब यह मामला ठंडा पड़ चुका है। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने तीनों नेताओं के माफीनामे तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजकर पूछा कि मामले में क्या कार्रवाई की जाए । सोनिया के दफ्तर से जवाब नहीं आया। ऐसे में मान लिया गया कि तीनों नेताओं को आलाकमान का अभयदान मिल गया है। यही वजह रही कि धारीवाल और राठौड़ राहुल की यात्रा में न सिर्फ नजर आए बल्कि उनके साथ पैदल भी चले। मुख्य भूमिका में भी दिखाई दिए ।

बता दें कि इससे पहले पूरी बगावत को लेकर खुद सीएम अशोक गहलोत तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांग चुके हैं। इधर, भारत जोड़ो यात्रा कोटा पहुंची तो धारीवाल राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन से नहीं चूके। राठौड़ को अलवर में राहुल की सत्कार कमेटी में लगाया गया है। मंगलवार को ही वे सरदारशहर के नवनिर्वाचित विधायक अनिल शर्मा के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले। तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने गहलोत खेमे पर कार्रवाई न होने व धारीवाल- राठौड़ को यात्रा का जिम्मा दिए जाने से नाराज होकर ही पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन आलाकमान ने कार्रवाई नहीं की। खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद सचिन पायलट ने इन तीनों नेताओं पर कार्रवाई की पैरवी करते हुए कहा था कि सबके लिए एक जैसा नियम और अनुशासन है, नोटिस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि अनुशासन माना गया हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए।

आलाकमान हमारे जवाब से संतुष्ट है
बगावत के बाद ‘कौन आलाकमान कैसा आलाकमान’ कहने वाले और नोटिस के बावजूद यात्रा में खुलकर शक्ति प्रदर्शन करने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की कोटा एडिटर सर्वेश शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत ।
Q. आपको नोटिस मिला है। कार्रवाई लंबित है। क्या क्लीन चिट मानते हैं?
– हमें तो क्लीन चिट के लिए नहीं कहा है, पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है। मैं तो यह समझता हूं कि अब मामला खत्म हो चुका है। हमने जवाब दे दिया है, वे संतुष्ट हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही ।
Q. तब आपने कहा था कि कौन आलाकमान, कैसा आलाकमान ?
वे सब अब पुरानी बातें हो गईं हैं। उन्हें छोड़ दीजिए। मै यह मानकर चलता हूं कि हम सब एक हैं। कोई मतभेद नहीं है। ये तो कुछ छुटभैये नेता हैं, जिनके अपने स्वार्थ टकरा रहे हैं। अब सब बातें खत्म हो गई हैं।
Q. पायलट समर्थकों का आरोप है कि आपने कोटा में यात्रा मार्ग से पायलट समर्थकों के पोस्टर हटवा दिए, केवल अपने व गहलोत के लगने दिए ? –
गलत है, बिल्कुल झूठी बात है। सभी के पोस्टर लगे हुए थे। नगर निगम में यह कानून है कि निगम व यूआईटी के बिजली पोल पर कोई पोस्टर लगाते हो तो उसकी परमिशन लेना जरूरी है। कुछ ने बिना परमिशन के पोस्टर लगा दिए थे। जिला कांग्रेस कमेटी ने लिखित में परमिशन ले रखी थी। मुझे जब इस बात का पता चला तो मैंने पोस्टर हटाने के लिए मना किया कि जो लग गए हैं, उन्हें लगे रहने दो।