बदायूं में ट्रिपल मर्डर, सपा नेता के परिवार की हत्या: पूर्व ब्लॉक प्रमुख, मां और पत्नी पर अंधाधुंध फायरिंग; भाई और पिता का भी हो चुका है मर्डर बदायूं में सोमवार शाम पूर्व ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, उनकी पत्नी शारदा और मां शांति देवी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दो बाइक पर 4 हमलावर आए थे। बताया जा रहा है कि वह पीछे से दरवाजे से घर में घुसे। अंदर पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग कर दी। वारदात के बाद हत्यारोपी बाइक से फरार हो गए। यह घटना उसहैत थाना क्षेत्र के सथरा गांव की है। हत्यारों ने जिस तरह से वारदात को अंधाधुंध फायरिंग कर दी। वारदात के बाद हत्यारोपी बाइक से फरार हो गए। यह घटना उसहैत थाना क्षेत्र के सथरा गांव की है। हत्यारों ने जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया। उससे लग रहा है कि उनके पास एक-एक चीज का इनपुट था। इस मामले में पुलिस ने गांव के ही रवींद्र दीक्षित समेत उसके दो बेटों सार्थक और अर्चित के अलावा ड्राइवर विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनमें से रवींद्र दीक्षित और सार्थक दीक्षित को गिरफ्तार भी कर लिया है। इनके पास से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहे भी बरामद कर लिए हैं। बताते चलें, रवींद्र और राकेश के परिवार के बीच तकरीबन 30 साल से राजनीतिक रंजिश चली आ रही है। यही वजह है कि मौका पाते ही रवींद्र दीक्षित ने राकेश को परिवार सहित मार डाला। घटना के बाद से ही गांव में भारी मात्रा में पुलिस तैनात है।
अब आगे पढ़िए हमलावर कैसे घर में घुसे…

बताया जा रहा है कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश गुप्ता एक कमरे में थे। पत्नी दूसरे कमरे में थी जबकि मां किचन में खाना बना रही थी। जबकि ब्लॉक प्रमुख उनके भाई राजेश गुप्ता किसी काम से घर से बाहर निकले हुए वह अपने साथ निजी गनर भी लेकर गए थे। पुलिस के मुताबिक हमलावर घर में पीछे के दरवाजे से घुसे थे। अंदेशा है कि हमलावरों को मालूम था कि घर का पिछला दरवाजा खुला हुआ है। अब पुलिस का शक घर के किसी करीबी पर जा रहा है जिसने हमलावरों को यह थे। सूचना दी। दरअसल, पुलिस को शक है कि इतनी सुरक्षा के बीच कोई कैसे भूल सकता है कि घर के पीछे का दरवाजा खुला हुआ है। यही वजह है कि पुलिस का शक घर के किसी करीबी पर ही जा रहा है।
30 साल की राजनीतिक रंजिश में हुआ मर्डर
बताया जा रहा है कि यह ट्रिपल मर्डर राजनीतिक रंजिश में हुई है। तकरीबन 30 साल पहले राकेश और रवींद्र के परिवार में दुश्मनी की शुरूआत हुई। राकेश के पिता रामकृष्ण गुप्ता पर रवींद्र के पिता रामदेव दीक्षित की हत्या का आरोप लगा था। इसके बाद रवींद्र दीक्षित इनके परिवार से रंजिश रखता था। रवींद्र ने रामकृष्ण को मारा इसके बाद 2008 में राकेश के भाई नरेश का भी मर्डर हुआ। बताया जा रहा है कि इस बार पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची गई थी।
रसोई में मारी मां को गोली ।

राकेश के सिर में फंसी मिली बुलेट
सुबह हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि राकेश गुप्ता को एक गोली सिर में मारी गई जोकि पोस्टमार्टम के समय उनके सिर में फंसी मिली। जबकि मां को दो गोलियां पेट में मारी गई है। जोकि आर-पार हो गई है। वहीं पत्नी को तीन गोलियां लगी हैं। उसके भी पेट से गोलियां आर-पार हो गई है। पुलिस के मुताबिक घर में घुसकर हमलावरों ने तकरीबन दस से ज्यादा गोलियां चलाई हैं। जिनमें से छह गोलियां मृतकों को लगी है।