बाइडेन का सीक्रेट यूक्रेन दौरा-
यूक्रेन पर रूस के हमले को इस हफ्ते एक साल हो जाएगा। यहां एरियल अटैक सायरन (हवाई हमले का अलर्ट) गूंजना नई बात नहीं रह गई। सोमवार सुबह 8 बजे (यूक्रेन के वक्त के मुताबिक ) अचानक इसकी आवाज तेज हो गई। कीव की सड़कें पहले ही ब्लॉक कर दी गईं थीं। आम लोगों को ऐतिहासिक चर्च रोड पर जाने की मंजूरी नहीं थी। लिहाजा उन्हें अंदाजा हो चला था कि कोई VVIP मूवमेंट होने वाला है।
चंद मिनट बाद उसी चर्च के मेन गेट पर US प्रेसिडेंट जो बाइडेन के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की नजर आते हैं। सिर्फ 24 घंटे पहले तक किसी को अंदाजा नहीं था कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क का प्रेसिडेंट जंग से पस्त होते जा रहे देश की राजधानी में पहुंचने वाला है।
बाइडेन की इस सरप्राइजिंग विजिट की इनसाइड स्टोरी

• बात शुरू करते हैं शनिवार रात (भारत में रविवार तड़के) से । व्हाइट हाउस की डेली प्रेस ब्रीफिंग में स्पोक्सपर्सन नेड प्राइस से एक सवाल पूछा जाता है। सवाल था कि क्या प्रेसिडेंट यूरोप विजिट के दौरान यूक्रेन भी जाएंगे। वहां जंग शुरू हुए एक साल होने वाला है।
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• प्राइस का जवाब था यूरोज विजिट के दौरान प्रेसिडेंट यूक्रेन नहीं जाएंगे। अमेरिका पहले की तरह यूक्रेन की मदद जरूर करता रहेगा।
• चंद घंटे बाद बाइडेन और पत्नी जिल वॉशिंगटन के एक रेस्टोरेंट में डिनर के लिए पहुंचते हैं। यहां वो करीब 40 मिनट रुकते हैं। इसके बाद व्हाइट हाउस पहुंचते हैं। बाइडेन और जिल लॉन में मौजूद चॉपर से एंड्रू एयरबेस पहुंचते हैं। यहां प्रेसिडेंट का ऑफिशियल प्लेन एयरफोर्स वन उनका इंतजार कर रहा था। इस वक्त सुबह के 4.15 (वॉशिंगटन टाइम जोन) बज रहे थे।
• CNN के मुताबिक प्लेन में कुछ रिपोर्टर भी मौजूद थे, लेकिन उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और कैमरे रखने की मंजूरी उस दिन नहीं दी गई। अमूमन ऐसा होता नहीं है। इसलिए मीडिया के लोग कुछ हैरान भी थी।
• बहरहाल, एयरफोर्स वन वहां से टेकऑफ करता है और चंद घंटे बाद पोलैंड के वारसा में लैंड करता है। यहां बाइडेन की मुलाकात पोलैंड के प्रेसिडेंट से होती है। यह मुलाकात करीब एक घंटे चलती है।
इतनी सीक्रेसी क्यों?
एक रिपोर्ट के मुताबिक दौरे को टॉप सीक्रेट रखने की 2 वजहें थीं। पहली पूरे यूक्रेन और यहां तक कि रिहायशी इलाकों में रूस बमबारी कर रहा है। यह एक्टिव वॉर जोन है। दूसरी- डिप्लोमैटिक केबल भेजने के बावजूद अमेरिकी अफसरों को रूस पर भरोसा नहीं था। यहां अमेरिकी फौज का कोई कंट्रोल नहीं है। लिहाजा, पूरे 24 घंटे विजिट सीक्रेसी मेंटेन की गई।
बाइडेन के साथ इस विजिट में वो सब तामझाम नहीं था, जो अक्सर उनकी फॉरेन विजिट्स के दौरान रहता है। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जैक सुलिवान, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जेन ओ’ मेले डिल्लन और पर्सनल अटेंडेंट एनी टोमासिनी ही साथ थे।
• पोलैंड के वक्त के मुताबिक सुबह करीब 7 बजे बाइडेन वारसा के रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से कीव का सफर शुरू किया। एक घंटे बाद वो कीव में थे। यहां ब्लैक शेवरले से वो उस चर्च में पहुंचे, जहां जेलेंस्की उनका इंतजार कर रहे थे।
• चंद मिनट बाद दोनों प्रेसिडेंट्स वॉर मेमोरियल पहुंचते हैं। इसके बाद कीव की सड़कों पर टहलते नजर आते हैं।
• ओबामा के दौर में जब बाइडेन वाइस प्रेसिडेंट थे, तब वो 6 बार यूक्रेन गए थे। आखिरी दौरा जनवरी 2017 में किया था। हालांकि तब यूक्रेन वॉर जोन नहीं था । इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प की हुकूमत आई। ट्रम्प उनके डिप्टी पेन्स कभी यूक्रेन नहीं गए।
सायरन बजते रहे
रूस को कीव में VIP मूवमेंट की जानकारी पहले ही दे दी गई थी। कीव को नो-फ्लाय जोन भी घोषित कर दिया गया था। इसके बावजूद बाइडेन और जेलेंस्की जब की में मौजूद थे, तब एयर अटैक सायरन गूंजते रहे।’
USA टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने करीब एक साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति को कीव आने का न्योता दिया था। जब बाइडेन नहीं आए तो खुद ‘जेलेंस्की वॉशिंगटन पहुंचे। अमेरिकी संसद को संबोधित भी किया।
पिछले हफ्ते एक बार फिर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति को कीव विजिट का इनविटेशन याद दिलाया। इसके बाद शायद यह टूर प्लान किया गया। बाइडेन 5 घंटे कीव में रुके। बाइडेन और जेलेंस्की सेंट माइकल चर्च गए। यहां सिर्फ पांच मिनट रुके। CNN रिपोर्टर मैक्स फॉस्टर का कहना है कि बाइडेन यूक्रेन के लोगों को मैसेज देना चाहते थे कि वो हर हाल में उनके साथ हैं।