बिजली हड़ताल… बैठक में नहीं आए ऊर्जा मंत्री: कर्मचारी नेताओं ने 1:30 इंतजार किया; यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई हड़ताल 63 घंटे से अधिक जारी है। रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच दूसरी बैठक होनी थी। कर्मचारी नेता बैठक के लिए पहुंच गए थे। करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार के बाद भी ऊर्जा मंत्री नहीं आए।
डेढ़ घंटे तक इंतजार के बाद भी ऊर्जा मंत्री नहीं आए। संघर्ष समिति के लोग फिर चले गए।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने रविवार को बातचीत के लिए बुलाया था। इसलिए, हम लोग आए थे। लेकिन, मंत्री नहीं आए। अब कल हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे। कोर्ट ने बुलाया है। फिलहाल, 72 घंटे की हड़ताल जारी हैं।
इससे पहले, शनिवार रात ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच 3 घंटे की पहली मैराथन बैठक हुई। मगर, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बिजली कटौती से प्रदेश में करीब 50 लाख उपभोक्ता परेशान हैं।
ऊर्जा मंत्री और कर्मचारी नेताओं के बीच करीब 3 घंटे तक बैठक चली। हालांकि, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला।
सूत्रों के मुताबिक, शनिवार रात की बैठक में ही आंदोलन वापस लेने पर सहमति बन गई थी। इसमें यह तय हुआ था कि जितने लोगों को निकाला गया है, उन सब को वापस कर लिया जाए। 29 लोगों पर जो FIR दर्ज है उसे हटाया जाए। 22 कर्मचारी नेताओं पर जो एस्मा लगा है उसको वापस लिया जाए। ये होने पर कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस ले लेंगे। बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्री इस पर सहमत थे, लेकिन वह लिखित में नहीं देने की बात कर रहे थे।
ऊर्जा मंत्री का कहना था कि आप हड़ताल वापस लीजिए और हम मीडिया में बयान दे देंगे कि अब तक हुई सारी कार्रवाई वापस ले ली गई है। इस पर कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापस लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वह लिखित समझौते के बिना हड़ताल वापस नहीं लेंगे। पिछली बार जब लिखित के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो मौखिक का कोई आधार नहीं होता।
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कई जिलों में 20-20 घंटे बिजली कटौती

प्रयागराज, कानपुर, फतेहपुर, ऊरई, जौनपुर, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी समेत कई जिलों के कुछ इलाकों में 20-20 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। प्रदेश में शुक्रवार को दिक्कत इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई कि तेज हवाओं और बारिश के बाद कई जगह फॉल्ट हुए,
लेकिन वह ठीक नहीं हो सके।उधर, हड़ताल करने वालों पर सरकारी कार्रवाई बढ़ती जा रही है। अब तक 3 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। वहीं, संघर्ष समिति के 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया।
उधर, हड़ताल करने वालों पर सरकारी कार्रवाई बढ़ती जा रही है। अब तक 3 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। वहीं, संघर्ष समिति के 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया है। 29 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है
कि ऐसे ही दमन की कार्रवाई होती रही, तो रविवार रात 10 बजे के बाद भी हड़ताल जारी रखी जाएगी और उसको अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा।बिजली कर्मचारी नेताओं और ऊर्जा विभाग की इस लड़ाई में आम आदमी परेशान है। स्कूली बच्चों का एग्जाम हैं ।
इन्वर्टर बैटरी भी अब चार्ज नहीं रह गई है। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी शहरों में नाराज लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे हैं। स्थिति यह है कि नाराज लोगों ने नेशनल हाईवे तक जाम करना शुरू कर दिया है। प्रशासन और पुलिस के लोग भी अब स्थिति संभालने में दिक्कत हो रही है।
वाराणसी में बिजली कटौती से परेशान स्थानीय लोगों ने ट्रैफिक जाम कर दिया।
वाराणसी में भी बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी है। पानी और मोबाइल चार्जिंग को तरस रहे लोग अब सड़कों पर उतरकर चक्का जाम कर रहे हैं। स्थानीय लोग यात्रियों और राहगीरों का रास्ता रोक रहे हैं। वाराणसी में आम जन-जीवन प्रभावित है। वहीं, बिजली न होने से अब ई-रिक्शा भी सड़कों से गायब हो गए हैं। ई-रिक्शा चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, जहां-तहां खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, CNG और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो चल रहे हैं।