बिहार के मजदूरों को तमिलनाडु में चुन-चुनकर जान से मारने की खबर सामने आ रही है। और यह बताया जा रहा है कि वहां पर मजदूरी को लेकर विवाद उठा, लेकिन यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि हिंदी भाषा बोलने वाले को चुन-चुनकर जान से मारा दिया जा रहा है।बताया जा रहा है कि यहां बिहारी मजदूरों की पिटाई तमिलनाडु में हो रही है। उधर, तमिलनाडु की सरकार और वहां की पुलिस ने यह दावा किया है कि ऐसा कुछ नहीं है। इस मामले को लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है।
पटना : बिहारी मजदूरों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें पटना पहुंचने के बाद मजदूर मीडिया से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। मजदूरों से मिलने के बाद मजदूर ये कह रहे हैं कि हिंदी बोलते ही तमिलनाडु के कुछ लोगों ने पिटाई शुरू की जाती है। वहां के लोग अपने स्थानीय लोगों को बिहारी मजदूरों की जगह रोजगार में तरजीह देने की बात कर रहे हैं। पटना स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए कई मजदूरों ने यह भी बताया कि आधार कार्ड देखकर पिटाई की जा रही है। मजदूरों ने कहा कि जो वहां की भाषा जानता है उसे कुछ नहीं हो रहा है।

जैसे ही हम लोगों ने हिंदी में बात करते ही पिटाई करना शुरू कर दिया। हालात बहुत खराब हैं। वहीं मामले को लेकर बिहार में अब राजनीति शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा में हंगामे के अलावा सभी राजनेताओं की ओर से बयानबाजी शुरू हो गई है। आखिर सच्चाई क्या है? बिहार के डेप्यूटी सीएम तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है।
CM Nitish Kumar ने मामले को देखने का दिया निर्देश :-
जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला करने की खबरों पर बिहार के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मामले को देखने का निर्देश दे दिया है। वहीं विपक्षी भाजपा ने उपमुख्यमंत्री के दक्षिणी राज्य के दौरे की आलोचना की। नीतीश कुमार ने ट्वीट करके ये कहा कि मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है।
मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे प्रदेश के श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके तुरंत बाद हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि तमिलनाडु में पुलिस द्वारा रिपोर्टों को भ्रामक और अफवाह करार देते हुए यह बताया कि उस राज्य में सभी हिंदी भाषी लोग सुरक्षित हैं।
बिहार के मजदूरों को चुन-चुनकर जान से मारने की खबर :-

बिहार के मजदूरों को तमिलनाडु में चुन-चुनकर जान से मारने की खबर सामने आ रही है। और यह बताया जा रहा है कि वहां पर मजदूरी को लेकर विवाद उठा, लेकिन यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि हिंदी भाषा बोलने वाले को चुन-चुनकर जान से मारा दिया जा रहा है। एक निजी चैनल की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अब तक 15 से ज्यादा मजदूरों की हत्या कर की जा चुकी है।
BJP का तेजस्वी यादव पर हमला :-
तेजस्वी यादव बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन के जन्मदिन पर आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने चेन्नई गए थे। भाजपा के राज्य के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर बिहारी स्वाभिमान के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाते हुए यह कहा कि यह बड़े अफ़सोस की बात है कि ऐसे वक्त में जब तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमले हो रहे हैं, हमारे उपमुख्यमंत्री उस राज्य का दौरा करते हैं।
वह अपने ही राज्य के लोगों के खिलाफ हिंसा करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का सम्मान करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने भले ही ट्विटर पर अपनी पीड़ा व्यक्त की हो लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री के इस आचरण पर सवाल करने की उनमें हिम्मत ही नहीं है।
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बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर लगाईं गई नारेबाजी :-
हाल के दिनों में तमिलनाडु में बिहार और अन्य हिंदी भाषा के क्षेत्रों के मजदूरों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। हमले के शिकार कई मजदूरों द्वारा अपनी पीड़ा से जुड़े वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए गए हैं। और इधर, इस मामले को लेकर बिहार विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन यानी बृहस्पतिवार को हंगामा देखने को मिला। भाजपा के सदस्यों ने तमिलनाडु में बिहारियों पर हो रहे हमले, शिक्षक भर्ती समेत अन्य मुद्दों को उठाया और नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी लगाईं।
विधानसभा की गुरुवार को कार्यवाई प्रारंभ होते ही, भाजपा के सदस्यों ने तमिलनाडु में बिहार के लोगों की बर्बर पिटाई का मामला उठाते हुए जमकर हंगामा किया। भाजपा के सभी सदस्य वेल में आ गए। इस दौरान सदस्यों ने रिपोटिर्ंग टेबल पलटने की कोशिश की। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने विपक्षी सदस्यों को अपने जगह पर जाकर बात रखने का अनुरोध किया। सदस्य जब नहीं माने तब आक्रोश भी प्रकट किया। इसके बाद भाजपा के सदस्य सदन से बाहर चले गए।
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सरकार को राजनीतिक दलों ने घेरा :-
जायसवाल ने कहा कि हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक करें कि तमिलनाडु में हिंसा के मौजूदा दौर में बिहार के कितने लोग मारे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों की दुर्दशा से हम बहुत आहत है और यह एक ऐसा दिन है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी पार्टी ने त्रिपुरा और नागालैंड जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों में शानदार जीत दर्ज की है।

लेकिन हम इसको लेकर जश्न मनाने में स्वयं असमर्थ पाते हैं। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि तमिलनाडु में हुई हिंसा के मामले का पर अविलम्ब संज्ञान लिया गया है और पुलिस महानिदेशक ने तमिलनाडु के पुलिस प्रमुख से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली है। बयान में बताया गया है कि तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि उत्तर भारतीयों और हिन्दी भाषा बोलने वाले लोगों पर हमले की बात बिना तथ्यों की पुष्टि किये की गई हैं और यह भ्रामक एवं अफवाह है।
ये हैं पूरे विवाद का कारण :-
तमिलनाडु में काम कर रहे जमुई के मजदूर ने एक निजी चैनल को यज्ञ बताया कि कुछ महीने पहले स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों और हिंदी भाषा बोलने वाले बिहारी मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया था कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शुरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क यह है कि जिस कंपनी में वह काम कर रहे हैं वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस लिया हुआ है।
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