बड़े शर्म की बात है कि हमारा देश एक ऐसा देश है जहाँ कोरोना होने पे चुनाव तो हो रहे है लेकिन बाकी की हर चीजो पे पाबंदियां लग रही है।
शराब बिक रहे है इसपे कोई रोक नही।
चुनाव हो रहे इसपे भी कोई पाबंदी नही।
सारा कोरोना शिक्षा पे ही हैं?
चुनाव कराए जा सकते है इस देश मे मगर एग्जाम नही कराया जा सकता ।
एग्जाम कराने से कोरोना बढ़ जाएगा चुनाव होने से कोरोना नही बढ़ेगा।
शराब पीने से कोरोना ठीक हो जाएगा।
बाकी और हर चीज में कोरोना है।
जिस तरह से शिक्षा का इस स्तर पर बुरा प्रभाव हो रहा है इसमें बहुत से छात्रों का भविष्य बेकार हो रहा है।
शिक्षा मंत्री ऐसे बनाये गए है जिन्हें इतना तक नही मालूम कि किसी कोर्स को उसके पूरे होने की टाइम तक एग्जाम कर लेना चाहिए।
6 महीने का कोर्स अब कोर्स पूरा हुए 8-9 महीने हो जाते है तब जाके एग्जाम होता है और 2साल के कोर्स में ढाई साल ऐसे ही लग जाता है privait कॉलेज वाले के तो अलग डिमांड उनको बस फीस चाहिए फीस भरो उनकी और उनके अलग अलग चोचले।
एग्जाम के लिए छात्रों को धरना प्रदर्शन करना पड़ता है वरना शायद ये सरकार कुछ करेगी ही नही।
सिर्फ BJP सरकार को गलत न कहे।
हर सरकार में कमियां है।कोई भी सरकार 100% सही नही होती।
इसलिए सिर्फ एक सरकार पे क्यों हम बोलते है? हर सरकार का यही काम है वोट मांगने घर घर आते है और जीतने के बाद मुँह तक नही दिखाते।
ये कोरोना शिक्षा स्तर को बहुत नीचे गिराने वाला है।बहुत ही नीचे।
अब बात करते है इनके राम मंदिर की👇🏻
मंदिर बना के क्या करना चाहते है? इसमें बेरोजगारों का कही भविष्य है क्या?
मंदिर में इतने पैसे आ रहे है कि अब कह रहे कि हमे फण्ड नही चाहिए बहुत है अब। अगर यही बेरोजगारों को नौकरी देने में लगाते तो शायद बहुत से घरो में खुशियां आती।
सरकार शिक्षा पे नए नए शर्त ला देती है कि एग्जाम पास करने के बाद इंटरव्यू में पास होने के बाद ही आपको नौकरी मिलेगी,पर ये क्यों नही सोचती की उन्ही शर्तो के पीछे घूस माँगी जाती है अब योगी जी या मोदी जी तो इंटरव्यू नही ले रहे न की वो घूस नही ले रहे।इंटरव्यू तो कोई और लेता है और पैसे भी वही खाता है।
सरकार से विनती है ये नए नए शर्ते लाना बंद करे और शिक्षा स्तर को ध्यान से देखे की क्या सब सही हो रहा है? या नही।
और एक सवाल योगी जी से:- ये जो शिक्षा स्तर को कठिन से कठिन बनाये जा रहे है खुद भी इतना पढ़ाई की है आपने कभी???