अभी तक कोर्ट के जजमेंट की कॉपी सामने नहीं आयी है। अभी तक यह तथ्य सामने नहीं आये कि, किन भौतिक सबूतों , बयानों , गवाहों के आधार पर श्री गुरमीत जी राम रहीम क दोषी ठहराया गया है !! जब जजमेंट की कॉपी सामने आएगी तब यह मालूम होगा कि उन्हें किस आधार पर दोषी ठहराया गया है। और इन्हे पढ़ने के बाद ही यह मालूम होगा कि यह फैसला देने वाले जज का निर्णय कितना ठीक था।

जहाँ तक मुकदमे के बात है, इस बात को सभी जानते है कि 2002 में दो गुमनाम खतो में कहा गया था कि -- आज से तीनसाल पहले उनके साथ बलात्कार हुआ था !!! और इन्ही खतो के आधार पर मामला दर्ज किया गया !! अब 18 साल बाद फैसला आया है !!! फैसले में क्या लिखा है अब तक किसी की मालूम नहीं है !! इस दौरान बयान के अलावा सी बी आई ने कितने गवाह दर्ज किये उनमे से कितनो ने पक्ष में और कितनो ने विपक्ष में गवाही दी, किसी को पता नहीं !! क्या कोई भौतिक सबूत बरामद हुए या नहीं हुए, किसी को पता नहीं !! पर मीडिया ने बिना फैसला पढ़े इन्हे बलात्कारी कहना शुरू कर दिया !!! इससे यह बात पता चलती है कि, या तो मिडिया को बलात्कारी का लेबल लगाकर प्रचार करने के लिए मोटी राशि दी गयी है या फिर वे मानते है कि जिस जज ने फैसला दिया है वह "भगवान् का अवतार" है !!! अब आप खुद अपने बारे में तय कीजिये : १) क्या आप भी यह मानते है कि फैसला देने वाला जज भगवान् का अवतार है ? इसीलिए फैसला पढ़ने या देखने की जरूरत नहीं है। जज ने बोल दिया मतलब बात खत्म !! २) या आप मानते मीडिया इतना ईमानदार है कि उस पर संदेह नहीं किया जा सकता ? ३) या आप मानते है कि जज और मीडिया बिक सकते है, लेकिन चूंकि आप संजय है इसीलिए सारा घटनाक्रम लाइव देखकर श्री राम रहीम जी को बलात्कारी कह रहे है ?