जैसा की आप सभी जानते होंगे कि भारत में पहले भी राष्ट्रभक्तों की सरकार बणी थी जिसे अटल सरकार के नाम से जाना जाता है। जैसे मौका मिलने पर हर नेता देश को बेचना चाहता है अटल जी भी ऐसे ही जमात के नेता थे उन्होंने भी तीनो कम्पनियों को बेचने का मसौदा तैयार कर लिया था ये तीनो कम्पनिया एचपीसीएल ,बीपीसीएल व आईओ सीएल हैं। चूँकि अटल जी की सरकार के समय बीजेपी कमजोर दल था इसलिए वे इनको बेच नहीं पाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय कहा था कि क्योंकि ये संसद में पारित विधेयक से अस्तित्व में आई थीं तो विनिवेश की अनुमति भी संसद से ही ली जानी चाहिए थी। अटल जी को उस समय घटक दल से मंजूरी नहीं मिल सकती थी क्योकि घटक दल इसके पक्ष में नहीं थे।
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मनमोहन सरकार भी इनको बेचना चाहते थे लेकिन विपक्ष मजबूत देखकर उन्होंने इसे ठण्डे बस्ते में डाले रखा।
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फिर आये दुनिया के सबसे बड़े देशभक्त हिन्दू ह्रदय सम्राट राष्ट्रवादी मोदी साहेब उन्होंने 2016 में राष्ट्रीयकरण सम्बन्धी क़ानून को रद्द कर दिया। अब किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों को बेचने के काम में कोई बाधा नहीं आएगी।
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2019 में फिर देशभक्त हिन्दू ह्रदय सम्राट राष्ट्रवादी मोदी साहेब सरकार बनी जिसका बनना तय था क्योंकि मोदी साहेब ने अपने प्रायोजकों के लिए जी जान से काम किये थे।
मोदी पार्ट २ ने आते ही अपने प्रायोजकों.का एहसान उतारने के लिए 50 कम्पनियों को बेचने की मंजूरी दे दी। मोदी साहेब किसी का ऐहसान नहीं रखते चाहे देश दान में देना पड़ जाए।
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वो लूट रहे हैं सपनों को, मैं चैन से कैसे सो जाऊँ,
वो बेच रहे अरमानों को, खामोश मैं कैसे हो जाऊँ,
हाँ मैंने कसम उठाई है, मैं देश नहीं बिकने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा, सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
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प्रभु अब तो देश को माफ़ कर दो ना चाहते हुए भी एक वर्ष तक आँख मूँदकर मैंने भी आप पर भरोषा किया था। प्रभु जब मेरी आँखे खुली तो आपके अन्य भक्तों की आँखे बंद पाई।
प्रभु आपके असंख्य भक्त हैं उन्होंने आँखे मूँदकर व दिमाग पर ताला लगाकर आपकी भक्ति की है उनपर कुछ तो दया कर दो प्रभु क्योंकि देर सवेर जब उनकी आँखे खुलेगी तो उन्हें बहुत पीड़ा होगी। प्रभु अपने भक्तों को तो बक्श दो।