भारत मे किसान जिसको फांसी का फंदा बता रहे है सरकार उसको कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा रिफॉर्म कह रही है ।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दु की सरकार इसी रिफॉर्म के नाम पर, विकास के नाम पर लगातार देश की सम्पत्तियों को बेच रही है ।
कोई राष्ट्रवाद के नाम पर हमें बेच देता है और ज्यादातर लोग उसका विरोध करने के बजाय राष्ट्रवादी बन कर राष्ट्र की बिकती सम्पत्तियों का समर्थन करने लग जाते है ।
किसानों व मजदूरों के आन्दोलन संविधानिक होने चाहिये😘 क्या नेताओं के भाषण,रेलियाँ संविधानिक होती हे?क्या सभी सरकारी काम-काज,घोषणाएं, आदेश संविधानिक होते हें?संविधान के नाम पर मेहनतकश लोगों को निचोड़ा जा रहा हे।
काले कानून का विरोध करने पर किसानों पर लाठीचार्ज। ये मेंस्ट्रीम मीडिया नहीं दिखाएगा।⁉️
👉 नए कृषि अध्यादेश के कारण पूरे देश के किसानों की खेती छीनने वाली है।

दरअसल देश की जनता के पास #JuryCourt व #JuryPanchayat जैसे मजबूत कानून नही होने का खामियाजा ही यह भ्रष्ट नेता राष्ट्र को बेचने का दुःसाहस करते है ।
अतः जिम्मेदार लोगों को नेता भक्ति करने के बजाय जुरीकोर्ट व जूरी पंचायत जैसे कानून की मांग खड़ी कर देश को मजबूत बनाने में सहयोग करना चाहिए ।