रूस ने रूबल को सोने के साथ लिंक करके यूरो व यूएस डॉलर को 30% तक गिरा दिया है।सोने के साथ मुद्रा को लिंक करने का मतलब होता है कि अपने देश की मुद्रा को अंतराष्ट्रीय बाजार में स्थायित्व दे दिया गया है। रूस ने भारत सरकार को ऑफर दिया था कि मार्केट रेट से 30%कम पर क्रूड ऑयल आपके बंदरगाह पर उपलब्ध करवा देंगे लेकिन भारत सरकार अमेरिका के दबाव में यह सौदा नहीं कर पाई।

अमेरिका के दबाव में ईरान सरकार के इसी तरह के सौदे को दरकिनार कर दिया गया था। रूस ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था का इलाज लगभग बांध दिया है व चीन बैकअप कर रहा है तो भारत की भविष्य में क्या हालत होने जा रही है, वो समझिए 5 साल तक भारतीय ध्रुव तारा अंतरिक्ष मे घूमता रहा। क्या विदेश नीति व क्या अर्थनीति के संबंध बनाए वो आप देखिए। सस्ता तेल ईरान व रूस देने के ऑफर दे रहे है।
लेकिन खरीदने की हिम्मत नहीं है। पाकिस्तान में चीन व रूस घुस गए है और सीआईए के खिलाफ पाकिस्तान की जमीन अफगानिस्तान/लीबिया/वियतनाम बनने जा रही है।अटलबिहारी वाजपेयी ने कहा था कि पड़ोसी देश में शांति व समृद्धि देशहित में है।
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क्या पाकिस्तान का अफगानिस्तान बनना हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है?
हर देश अपना अस्तित्व,अंतराष्ट्रीय बिरादरी के बीच अपनी भूमिका खोज रहा है और भारत मे हिंदुत्व को मजबूत करने की क्रांति अंतिम दौर में आ चुकी है। गौरी,मुगल,पुर्तगाली,अंग्रेज यूँ ही आकर नहीं इतने दिन रह गए है। हमारी गुलामी की हस्ती है कि कभी मिटती नहीं है।अमेरिका को यूक्रेन के बाद पाकिस्तान में दूसरा मोर्चा लगाकर बर्बाद किया जाएगा लेकिन भारत मे पता नहीं क्या चल रहा है कि रूसी विदेश मंत्री का भारत दौरा रद्द हो गया है व इजराइल वाला आ रहा है।
सूत्रों से पता चला है कि अमेरिकी डिप्टी NSA कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले बैठा है। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे यद्ध पर भारत का स्टैंड क्या है वो भक्तों को भी नहीं पता है। भारत को अमेरिकी अधिकारी बैठकर धमकी दे रहा है कि बिन हमारे तेरा राज कहाँ?

भारत को अमेरिकी अधिकारी ने दी धमकी :-
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने भारत को खुली धमकी यह श दी है। अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत ने रूस से रणनीतिक गठजोड़ किया तो उसे लंबे समय तक भारी भारत को कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका ने कहा कि यह भारत के हित में है कि वह रूस से तेल ना खरीदे।
वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस को घेरने में जुटे अमेरिका ने एक बार फिर से भारत को यह धमकी दी है। कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आर्थिक सलाहकार ब्रायन दीसे ने कहा है कि हमने भारत को रूस के नक्शे कदम पर चलने के प्रति आगाह किया है। ब्रायन ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी यूक्रेन पर हमले को लेकर भारत की ओर से आई कुछ प्रतिक्रिया से ‘निराश’ हैं।
इससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारत दौरे के दौरान रूस को लेकर भारत को धमकी दी थी।वाइट हाउस नैशनल इकनॉमिक काउंसिल (White House National Economic Council) के डायरेक्टर ब्रायन दीसे ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर यूक्रेन हमले के संदर्भ हमें चीन और भारत के फैसलों ने निराश किया है।
इससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारत दौरे के दौरान रूस को लेकर भारत को धमकी दी थी।वाइट हाउस नैशनल इकनॉमिक काउंसिल (White House National Economic Council) के डायरेक्टर ब्रायन दीसे ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर यूक्रेन हमले के संदर्भ हमें चीन और भारत के फैसलों ने निराश किया है।
ब्रायन ने कहा कि अमेरिका ने भारत को बता दिया है कि रूस के साथ और खुलकर रणनीतिक गठजोड़ करने पर उसके भयंकर दुष्परिणाम भुगतने होंगे और वे लंबे समय तक चलेंगे।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट मुताबिक अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने अमेरिकी दबाव के आगे झुकते हुए रूस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन भारत ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने से मना किया है।
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भारत के रुख से अमेरिका इतना चिढ़ा हुआ है,कि दे रहा धमकियां :-
भारत तेल की बढ़ती कीमतों की मार से बचने के लिए रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। भारत और रूस के बीच घनिष्ठ मित्रता है और मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगी।
भारत के इस रुख से अमेरिका बहुत ज्यादा चिढ़ा हुआ है और लगातार इस बात को लेकर धमकियां दे रहा है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध जटिल होते जा रहे हैं। वह भी तब जब अमेरिका एशिया में चीन के प्रभाव से निपटने के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है।ब्रायस दीसे का यह बयान ऐसे समय पर आया है
जब अमेरिका के भारतवंशी डेप्युटी एनएसएस दलीप सिंह (NSS Daleep Singh) ने कुछ दिन पहले भारत की यात्रा भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस सेक्रटरी जेन साकी ने इससे पहले कहा था कि दलीप सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान जो अपने भारतीय समकक्ष से स्पष्ट किया।
वह यह कि हमारा मानना है कि यह भारत के हित में नहीं है कि रूस से ऊर्जा और अन्य सामानों का आयात तेज करे।
अमेरिका ने दी भारत को धमकी इस वीडियो में देखिए।
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