लुटेरों के गैंग को पटना पुलिस ने पकड़ा: गर्दनीबाग और फुलवारी शरीफ में 20 दिनों में की 6 वारदातें, 9 अरेस्ट 4 की तलाश लुटेरों के एक गैंग ने पिछले कुछ दिनों से पटना पुलिस को परेशान कर रखा था। इस गैंग के अपराधी घूम-घूम कभी ज्वेलरी शॉप तो कभी मेडिकल शॉप को अपना शिकार बना रहे थे। हथियार के बल पर वहां धावा बोलते थे और फिर सोने-चांदी की ज्वेलरी हो या फिर कैश, उसके उपर अपना हाथ साफ कर लेते थे। महज 20 दिनों में इस गैंग ने गर्दनीबाग और फुलवारी शरीफ इलाके में लूट की 6 बड़ी वारदातों को अंजाम दिया।

लगातार हो रही वारदात से सवाल पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगे थे। पर अब पटना पुलिस ने न सिर्फ अपराधियों के इस गैंग की पहचान की, बल्कि गैंग में शामिल 13 में से सरगना समेत 9 अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। जबकि, 4 फरार अपराधियों की तलाश अब भी जारी है। शुक्रवार को अपराधियों की गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इन अपराधियों के पास से लूट का 85 प्रतिशत सामान बरामद कर लिया गया है। सारी वारदातों को 6 से 28 नवंबर के बीच अंजाम दिया गया था।
अपराधियों के तरीके ने ही दिया पुलिस को क्लू
6 नवंबर को अपराधियों ने पहले फुलवारी शरीफ के शिवाय मेडिको, फिर 15 मिनट बाद कमला मार्केट के मेडिकामेंट मेडिकल स्टोर को लूटा था। इसके बाद 8 नवंबर को मां मेडिकल स्टोर और फिर 9 नवंबर को मां संतोषी ज्वेलर्स में लूटपाट की थी।
इसके बाद 18 नवंबर को गर्दनीबाग में शिव शंकर ज्वेलर्स और 28 नवंबर को फुलवारी शरीफ के राधेश्याम ज्वेलर्स को लूटा था। इन वारदातों की जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पहले के वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी खुले चेहरे में थे। बाद के वारदातों में अपराधियों ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। पर वारदातों को अंजाम देने का इनका तरीका बिल्कुल एक था। इस बात का क्लू ये अपराधी हर जगह CCTV में खुद दे चुके थे। SSP के अनुसार दुकान में घूसते ही सीधे ये अपराधी कैश काउंटर के उपर धावा बोल देते थे। साथ ही सारी वारदातों में चोरी की गई एक ही तरह की बाइक का इस्तेमाल किया गया था।
53 हजार का चेक कैश कराने के चक्कर में पकड़ाया अपराधियों की पहचान होने के बाद उनकी तस्वीरों को हर थाना को उपलब्ध करा दिया गया था। वैसे इन्हें पकड़ने के लिए सचिवालय ASP काम्या मिश्रा और फुलवारी शरीफ के ASP मनीष के साथ कुल 7 थानों की टीम लगी हुई थी। अलग से स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी। 8 नवंबर को लूटपाट के दौरान मेडिकल शॉप से अपराधियों ने 53 हजार रुपए का कोटक महिंद्रा का साइन किया हुआ एक चेक भी लूटा था। इस चेक को चुपचाप तरीके से गैंग का सरगना विकास कुमार कैश कराना चाहता था। इसके लिए वो एक स्पोर्ट्स बाइक से फुलवारी शरीफ की तरफ जा रहा था। इसकी भनक लगते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई। इसके बाद छापेमारी कर उसे पकड़ा। ये मूल रूप से मसौढ़ी का रहने वाला है। इसके साथ लूट में शामिल रहे तनवीर आलम उर्फ तन्नी, नौबतपुर के साहिल मंसूरी और धनरुआ का रॉकी उर्फ निक्कू को गिरफ्तार किया गया। फिर इनकी निशानदेही पर मो. एजाज हसन, मो. रौशन के साथ ही लूट की ज्वेलरी को खरीदने वाले अमर प्रसाद और धीरज कुमार व रॉकी उर्फ निक्कू को गिरफ्तार किया गया। इन अपराधियों के पास से दो पिस्टल, दो मैगजिन, एक देशी कट्टा, 33 गोली, ज्वेलरी तौलने की मशीन, सोने की ज्वेलरी 58.9 किलो, चांदी का पायल 2.610 किलो, चांदी की तरह दिखने वाली ज्वेलरी 740 ग्राम, सोने का पॉलिश किया हुआ ज्वेलरी 1.260 ग्राम और चोरी की दो बाइक बरामद की गई है। इन अपराधियों ने पटना के अगमकुआं और मसौढ़ी में किराए पर घर ले रखा था। पटना से लूटपाट के बाद सीधे वहीं पहुंच जाते थे।
