सच्ची कॉन्सपरेसी Vs फर्जी कॉन्सपरेसी थ्योरी

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सच्ची कॉन्सपरेसी Vs फर्जी कॉन्सपरेसी थ्योरी
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फर्जी कॉन्सपरेसी थ्योरी की जरूरत इसीलिए होती है, ताकि सूचित कार्यकर्ताओ को सच्ची कॉन्सपरेसी तक पहुँचने से रोका जा सके !!
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(1) हमारी समझ में सच्ची कॉन्सपिरेसी इस प्रकार है :
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(1.01) अमेरिका और ब्रिटेन के हथियार निर्माताओ ( रॉकेफेलर रोथाचिल्ड इत्यादि ) के पास ज्यादा उन्नत एवं खतरनाक हथियार थे, और इस वजह से उन्होंने नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, अफ्रीका, एशिया इत्यादि क्षेत्रो के राजाओं को पराजित किया। और वे उन्नत हथियार इसीलिए बना पाए क्योंकि जूरी मंडल जज+पुलिस+नेता माफिया से अमेरिका-ब्रिटेन के कारखाना मालिको की रक्षा कर रहा था !!
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(1.02) इन हथियारों के बल पर अमेरिकी–ब्रिटिश धनिकों ने पूरी दुनिया की खनिज संपदाएँ एवं धन लूटा।
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(1.03) लुटे गए इस धन के बल पर उन्होंने अमेरिका ब्रिटेन और यूरोप की मीडिया पर नियंत्रण प्राप्त किया और मीडिया के द्वारा उन्होंने राजनेताओ एवं राजनीती को कब्ज़े में लिया।
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(1.04) जब ये धन लूट कर वे अपने देश में ले गए, तो इस धन से उनके देशो में समृद्धि आई। इस तरह अमेरिकी-ब्रिटिश धनिकों ने अमेरिका-ब्रिटेन के लोगो को नहीं लूटा। वास्तव में, उन्होंने अपने देश के लोगों को अमीर बनाया। लूट केवल लैटिन अमेरिका + एशिया + अफ्रीकी आदि देशो में की गई थी।
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(1.05) बैंक, मीडिया, न्याय व्यवस्था और अनुत्पादक शिक्षा प्रणाली, विभिन्न व्यापार समझौते एवं संधियाँ आदि लूट के साधन थे, और लॉकडाउन भी लूटने का इसी तरह का एक साधन है !! लेकिन इसमें से किसी भी साधन द्वारा किसी को तब तक लूटा नहीं जा सकता, जब तक आपके पास बेहतर हथियार न हो !! उन्हें लूटने की यह ताकत सिर्फ हथियारों से ही मिलती है।
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उदाहरण के लिए, भारत में लॉकडाउन प्रधानमन्त्री और 30 मुख्यमंत्रियो द्वारा लागू किया गया था, देवताओं द्वारा नहीं !! और भारत के नेताओं ने अमेरिकी-ब्रिटिश हथियार निर्माताओ के आदेशों का पालन इसीलिए किया अनुसार क्योंकि उनके पास उन्नत हथियार है। और उन्होंने किल स्विच वाले हथियार (राफेल, जगुआर, मिराज आदि) भारत की सेना में इंस्टाल किये है।

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(2) तो हथियारों के माध्यम से लूट की इस पूरी वास्तविक कहानी को पेड इतिहासकारों द्वारा छुपाया गया !!! और पेड इतिहासकारों द्वारा यह जानकारी भी छिपाई गयी कि जूरी सिस्टम / वोट वापसी / जनमत संग्रह प्रक्रियाओ की वजह से अमेरिकी-ब्रिटिश कम्पनियां ताकतवर हथियार बना पा रही थी !!!
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उदाहरण के लिए 1730 में, रोथ्स्चाइल्ड ने जो कारखाना शुरू किया था उसमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तोपें बनाईं जा रही थी। और उन तोपों का इस्तेमाल करके रॉबर्ट क्लाइव ने 1757 में प्लासी का युद्ध जीता।
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और 1830 में, बर्मिंघम में रोथ्सचाइल्ड ने जो कारखाने शुरू किये उन कारखानों में दुनिया की सबसे उन्नत राइफलें बनाईं गयी। और इन्ही राइफलो का इस्तेमाल करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में 1857 की क्रांति को असफल किया !!
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और जब मैंने ईस्ट इण्डिया कम्पनी एवं ब्रिटिश राज पर 1600 ईस्वी से 1947 ई. तक लिखी गयी हजारों पुस्तकों को खंगाला तो मुझे हथियारों एवं इनकी भूमिका के बारे में एक लफ्ज भी लिखा हुआ नहीं मिला !!
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साफ़ है, कि पेड इतिहास कारो को ये विवरण छिपाए रखने के लिए काफी कठोर निर्देश दिए गए थे।

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(3) और फिर भावुक कार्यकर्ताओ को बुत्ता देने के लिए अमेरिकी-ब्रिटिश धनिकों ने उन्हें कुछ फर्जी लेकिन रोमांटिक कॉन्सपरेसी थ्योरी की और धकेला, ताकि कार्यकर्ताओ का ध्यान असली तथ्यों से हटाया जा सके।
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और इस काम को डेविड आइक, ग्रेट गेम इंडिया आदि द्वारा सफलतापूर्वक किया गया !! इन लोगो ने फर्जी / हवाई / रोमांटिक साजिश सिद्धांत बनाए और कार्यकर्ताओ को इस बकवास की जुगाली करने के धंधे में लगा दिया !! कुछ इसी तरह के गढ़े गए फर्जी षड्यंत्र निचे दिए गए है :
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(3.01) डीपापुलेशन — बिल गेट्स और डेविड आइक ने यह सुनिश्चित किया कि भारत के कार्यकर्ता डीपापुलेशन के फर्जी षड्यंत्र पर शोध करके अपना और अन्य नागरिको का समय एवं ऊर्जा जाया करते रहें, ताकि लॉकडाउन पूर्णतया समाप्त करने का आन्दोलन आगे न बढ़ सके !! और वे भारत के ज्यादातर सयाने कार्यकर्ताओ को अपने ट्रेप में फंसाने में सफल रहे !!
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(3.02) इलुमिनाटी — यह हवाई थ्योरी इसलिए बनाई गई ताकि कार्यकर्ता यह सोचें कि अमेरिकी-ब्रिटिश धनिकों के पास कोई परग्रही रहस्यमयी शक्ति है, और इस वजह से ही वे इतने ताकतवर है, न कि हथियारों की वजह से !!
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(3.03) वैक्सीन — कोरोना वायरस वैक्सीन के कारण अब तक कितने लोग मरे ? जीरो , शून्य !! अब तक की सारी वैक्सिनो से कितने लोग मरे हैं ? कुछ हजार !! लॉकडाउन से कितने लोग मरे हैं ? 10 से 100 गुना अधिक !! और कितने लोग हमेशा के लिए अपना रोजगार खो चुके है ? लॉकडाउन ने कितने कारखानों को तबाह कर दिया है ? कोई अंदाजा है आपको ?


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दरअसल, लॉकडाउन ने लोगों के स्वास्थ्य पर जितना दुष्प्रभाव डाला है वह कथित संभावित वैक्सीन से 1000 गुना ज्यादा है !! वैक्सीन की नौटंकी इसीलिए गढ़ी गयी ताकि कार्यकर्ताओ को इस हवाई थ्यारी में एंगेज किया जा सके।
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यदि कार्यकर्ताओ को यह चिंगम नहीं पकड़ाई जाती तो वे यह जान जाते कि लॉकडाउन देश को तबाह कर रहा है, और तब वे पीएम / सीएम पर लॉकडाउन ख़त्म करने का दबाव बनाते !! और विश्वरूप चौधरी जैसे लोगो ने उनका यह काम आसान किया !! इस आदमी ने लाखो लोगो को कोरोना असली / कोरोना फर्जी की बहस में खींच लिया ताकि कार्यकर्ता लॉकडाउन विरोधी आन्दोलन खड़ा करने पर ध्यान न दे सके !!
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(3.04) माइंड कंट्रोल — सबसे बड़ी बकवास : एलन मस्क ने जो चिप बनाई है वह मात्र नाड़ियों के विद्युत करंट को मापती है। अभी विज्ञान को ऐसी चिप बनाने में 100 से 200 साल लगने वाले है जिसे मनुष्य के दिमाग में रखा जा सके और उससे मनुष्य का दिमाग भी कंट्रोल किया जा सके !! दरअसल, यह फर्जी कॉन्सपरेसी थ्योरी कम और किसी ऐसी विज्ञान फंतासी फिल्म की स्क्रिप्ट ज्यादा है, जिसे कोई प्रोड्यूसर नहीं मिल रहा है।
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(3.05) 5g : क्या आप बता सकते है कि, 5g से अब तक कितने लोग मर चुके है ? जीरो !! अपने घर के बाहर निकलकर 2-4 आदमियों से पूछिए कि उन्हें 5g ने मारा है या लॉकडाउन ने ?

5g Tower


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(3.06) बैंको का मायाजाल, संधियों एवं समझौतों का मायाजाल, न्यायिक मायाजाल, सैद्धांतिक मायाजाल — आपने बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि अंग्रेजों ने राजाओं के साथ संधियों का उपयोग करते हुए भारत पर अधिकार कर लिया था।
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या इसी तरह के दर्जन भर सिद्धांतों (जैसे उत्तराधिकार की चूक का सिद्धांत आदि) का इस्तेमाल करके या अनुबंधों का उपयोग करके या न्यायालयों का उपयोग करके अंग्रेजो ने साम्राज्यों को हड़प लिया था !!
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अच्छा, अगर ऐसा है तो, सद्दाम हुसैन और गद्दाफी के पास अपने खुद के बैंक थे। और हिटलर के पास भी बैंक था। लेकिन वास्तविकता यह है कि बैंक चलाने की ताकत हथियारों से आती है। सद्दाम और गद्दाफी के पास हथियार नहीं थे, और इसीलिए अमेरिकी-ब्रिटिश धनिकों ने उनका चमड़ा उधेड़ दिया था !! सार यह है कि, ये सभी मायाजाल नकली है, और सिर्फ हथियारों से ध्यान हटाने के लिए बनाए गए है !!

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मुख्य मुद्दा यह है कि 1760 से लेकर 1800 के बीच में अंग्रेजों ने हथियारों का इस्तेमाल करके भारत की फैक्ट्रियां बंद करवाई (अकेले बंगाल में हजारो कपड़ा कारखाने बंद कर दिए गए थे) और भारत के कारोबार पर कब्ज़ा कर लिया, और पेड इतिहासकारों को इन तथ्यों को छिपाने के लिए भुगतान किया।
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और अब उसी प्रकार अमेरिकी-ब्रिटिश धनिकों ने हथियारों का इस्तेमाल करके लॉकडाउन डाला ताकि भारत की फैक्ट्रियों को बंद किया जा सके, और कार्यकर्ताओ का ध्यान लॉकडाउन विरोधी आन्दोलन से हटाने के लिए उन्होंने उन्हें पेड मीडिया / यू ट्यूब / फेसबुक के माध्यम से कॉन्सपरेसी थ्योरीयों की जुगाली करने में लगा दिया !! .

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