सरकार देश विरोधी फैसले क्यो ले रही है? कहाँ से आती है हिम्मत? इसके 2 कारण है
1.प्रधानमंत्री बनने के लिये पेड मीडिया पर बुरी तरह निर्भर रहना पड़ता है,पेड मीडिया अमेरिका ब्रिटिश धनिकों के नियंत्रण में हैं।
तो प्रधानमंत्री को वो सब करना पड़ेगा,जो पेड मीडिया के प्रोयोजक चाहते हैं।
यदि प्रधानमंत्री ऐसा नहीं करेगा तो वे पेड मीडिया के द्वारा किसी और को PM बना देंगे।
इसके लिये वे फेसबुक, ट्वीटर ,मेनस्ट्रीम मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फेसबुक मोजूदा प्रधानमंत्री के वोटो में वृद्धि करने वाली पोस्ट पर फिल्टर लगा सकता है और उनके वोटो में कमी करने वाली पोस्ट को बूस्ट कर सकता हैं।
मेनस्ट्रीम मीडिया चाहे तो न्यूज की कवरिंग इस पर करेंगे कि महीने भर में नागरिको सरकार के खिलाफ सड़को पर आ जाएंगे।
- भारत की सेना आयातित हथियारों पर बुरी तरह से निर्भर हैं, तो हथियार निर्माता देश कहते है कि ऐसे ऐसे कानून बनावो,वरना हम पाकिस्तान को डबल हथियार देकर युद्ध करवा देंगे या पुलवामा जैसे बहुत से हमले करवा देंगे।
आपके हथियारों में कील स्विच ऑन कर देंगे।
तो ऐसे में प्रधानमंत्री को उनकी बात माननी पड़ती हैं।
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तो ऐसे में हमे क्या करना चाहिए?
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पेड मीडिया की शक्ति को कम करने के लिये दूरदर्शन व सेन्सर बोर्ड चैयरमेन को वोटवापसी पासबुक के दायरे में लाना होगा।
बड़कऊ बयान,फर्जी खबरों,भ्रामक खबरों की सुनवाई नागरिको की जूरी द्वारा होनी चाहिए।
यदि नागरिको तक सही सूचनाएं पहुंच जाती है तो पेड मीडिया का असर काफी कम हो जाएगा
वोट वापसी व जूरी ट्रायल द्वारा यदि दूरदर्शन सुधार देते है तो सही सूचनाएं दूरदर्शन दे देगा।
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दूसरा हमे स्वदेशी निर्णायक हथियार के बनाने होंगे
यदि हम सेना को आत्मनिर्भर कर देते है तो प्रधानमंत्री स्वयं के निर्णय ले पायेगा
उसके लिये जुरीकोर्ट, रिक्तभूमिकर, धनवापसी, woic gun law जैसे कानून चाहिए।
अब प्रधानमंत्री को इन सब कानूनों को लागू करने के लिये बाध्य करना होगा उसके लिये वोट वापसी प्रधानमंत्री कानून आवश्यक हैं।
यदि वोट वापसी pm कानून लागू हो जाता है तो हम नागरिक कार्यकर्ता प्रधानमंत्री पर दबाव बनाकर शेष कानून भी पारित करवा लेंगे।