सियासी सीजफायर के बाद पायलट खेमे की मांगों पर ब्रेक: नोटिस वाले तीन गहलोत समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई टलने के आसार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले CM अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट खेमों के बीच सियासी सुलह के बाद फिर समीकरण बदल गए हैं। इसके साथ ही अब सचिन पायलट खेमे की मांगों पर भी ब्रेक लग गया है। पायलट समर्थक लगातार मुखर थे, लेकिन अब शांत हैं। अब पूरा मामला आगे के लिए टल गया है।
25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में नोटिस वाले तीन नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई टलने के आसार हैं। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार मामले में UDH मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और RTDC अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस का जवाब दिए दो महीने का वक्त बीत चुका है। कांग्रेस अनुशासन कमेटी के मेंबर तारिक अनवर ने पूरे मामले में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करने के संकेत दिए हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात में कार्रवाई टलने के ही आसार बन रहे हैं।

गहलोत भी दे चुके संकेत
के सी वेणुगापाल की बैठक वाले दिन CM अशोक गहलोत ने कहा था कि जब राहुल गांधी ने कह दिया कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट एसेट हैं तो हैं। इसके मायने हैं कि दोनों नेताओं के फॉलोअर्स भी एसेट हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बयान के पीछे नोटिस वाले तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई टालने का संकेत है। जब फॉलोअर्स एसेट हैं तो नोटिस वाले तीनों नेताओं को भी इसी कैटेगरी में मानने की बात की जा रही है। एसेट माने हुए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होना मुश्किल है।
तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पायलट खेमे की पहली मांग नोटिस वाले तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर पायलट खेमा शुरू से मुखर है। खुद सचिन पायलट ने भी कहा था कि जब नोटिस दिए हैं तो अब कार्रवाई होनी चाहिए। पायलट खेमे के मंत्री और विधायक भी इसे लेकर खूब बयानबाजी कर चुके हैं। अब इस मामले के ठंडे बस्ते में जाने के आसार बन गए हैं।
यात्रा के बाद नया प्रभारी आने की संभावना
अजय माकन 8 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा भेज चुके हैं। माकन ने सियासी बवाल के जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ एक्शन में देरी का मुद्दा उठाते हुए इस्तीफा दिया था। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के बहिष्कार से हुए विवाद के बाद 26 सितंबर को अजय माकन ने सोनिया गांधी से मिलकर रिपोर्ट दी थी, उसके बाद से माकन राजस्थान नहीं आए। जिस मुद्दे पर इतने दिनों तक विवाद चल रहा था, उस पर एक्शन नहीं होने से माकन ने राजस्थान से दूरी बना ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तक अ केसी वेणुगोपाल ही प्रभारी का काम देख रहे हैं। राहुल की यात्रा के बाद राजस्थान कांग्रेस में नए प्रभारी की नियुक्ति होना तय माना जा रहा है।
राहुल की यात्रा के बाद फिर दोनों मुद्दे उठने के आसार अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खमों के बीच केसी वेणुगापाल ने सुलह तो करवा दी है, लेकिन सियासी जानकार इसे अस्थायी मान रहे हैं। केसी वेणुगापाल ने सुलह तो करवा दी है, लेकिन सियासी जानकार इसे अस्थायी मान रहे हैं। केसी वेणुगोपाल ने बयानबाजी करने वाले नेताओं को पदों से हटाने की चेतावनी देकर मामला शांत भले किया हो, लेकिन यात्रा के बाद नए साल में फिर से मुद्दा गर्माने के आसार हैं। पायलट खेमे की कई मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई है, इसलिए यह खेमा यात्रा के बाद फिर से मुखर हो सकता है। पायलट को गद्दार कहने के बाद से अंदरूनी तौर पर नाराज हैं।

मौजूदा शांति में गहलोत खेमा फायदे में
राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए गद्दार विवाद को शांत करवाया गया, लेकिन पायलट समर्थक अंदरूनी तौर पर खुश नहीं हैं। पायलट समर्थकों को लगता है कि इस मामले में गहलोत कैंप ही हावी रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस विवाद को जिस तरह शांत किया गया है, उसमें CM अशोक गहलोत खेमा फायदे में रहा है। पायलट पर सियासी हमले करके भी गहलोत खेमे के खिलाफ कुछ नहीं हुआ, दूसरी तरफ तीनों नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई टल गई।