कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। सूरत की जिला कोर्ट ने 2019 के एक आपराधिक मानहानि के केस में राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई गई है।
Rahul Gandhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। सूरत की जिला कोर्ट ने 2019 के एक आपराधिक मानहानि केस में राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, सूरत की कोर्ट ने 30 दिन के लिए सजा को निलंबित रखते हुए उच्च न्यायालयों में जाने के विकल्प को चुनने का मौका दिया है।
राहुल गांधी को फैसला सुनाने के लिए आज 23 मार्च की तारीख की गई तय :-
यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था। राहुल गांधी ने अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे। अर्जुन मोढवाडिया ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सत्य की परीक्षा होती है और उसे परेशान किया जाता है, लेकिन सत्य की ही जीत होती है। राहुल गांधी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, परन्तु वह इन सबसे अब बाहर निकलेंगे।

हमें न्याय जरूर मिलेगा। ‘राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर यह कहा था, “क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?” इस मामले को लेकर जब फैसला सुनाया गया, तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सूरत जिला न्यायालय में उपस्थित रहे। इससे पूर्व उन्होंने कहा था कि कोर्ट उन्हें जो सजा देगी, वो उन्हें मंज़ूर होगी।
राहुल गांधी के इस आपत्तिजनक बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
राहुल गांधी के वकील कीरिट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए आज यानि 23 मार्च की तारीख तय की थी।
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राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा :-

2 साल की सजा होने के बाद सवाल अब यह भी उठ रहा है। कि क्या उनकी लोकसभा की सदस्यता पर कोई खतरा मंडरा रहा हैं?जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, किसी जनप्रतिनिधि को 2 या 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है। ऐसे में राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है। किन्तु उसी कानून में राहत का भी प्रावधान है। नियम के अनुसार, दोषी करार दिया गया जनप्रतिनिधि उच्च न्यायालय में निर्णय को चुनौती देता है, वहां उसकी अपील मंजूर होती है और दोष सिद्धि को या तो खत्म कर दिया जाता है या सजा कम कर दी जाती है तो सदस्यता बच जाएगी।
नियम के अनुसार, राहुल गांधी उच्च न्यायालय में चुनौती देते हैं। तो जब तक उनकी अपील पर निपटारा नहीं हो जाता है तब तक सदस्यता पर कोई भी आंच नहीं आएगी। संसद में भी अपनी अपील का हवाला देकर वह 3 महीने की मोहलत ले सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा कहा है कि उनकी पार्टी सभी कानूनी विकल्पों को आजमाएगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी जल्द ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
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सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को 2 साल की सजा और ₹15000 का लगाया जुर्माना :-
सुप्रीम कोर्ट के वकील उपमन्यु हजारिका और मुहम्मद खान कहते हैं कि सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई और 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। लेकिन मुख्य बात यह है कि सजा को 30 दिन के लिए निलंबित रखा गया है। उपमन्यु हजारिका ने कहा, ‘सजा निलंबन का अर्थ यह है कि राहुल गांधी दोषी पाए गए हैं, लेकिन उनकी सजा तुरंत प्रभावी नहीं होगी।
उनके लिए ये 30 दिन बेहद अहम हैं यदि वह उच्च न्यायालय में अपील करते हैं और जिला अदालत के फैसले पर स्टे लेने में कामयाब हो जाते हैं तो वह सांसद के पद पर बरकरार रहेंगे।’ मुहम्मद खान का कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस की लीगल टीम का समय व्यर्थ नहीं करेगी और हाई कोर्ट (संभवत: गुजरात हाई कोर्ट) में याचिका दायर करके सूरत कोर्ट के फैसले पर स्टे की मांग करेंगे।
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