Advisory for Agriculture: मौसम बदलने के कारण पशुओं को भी सेहत से जुड़ी समस्या होने लगती हैं. बारिश होने से मौसम में बदला देखने को मिली है जिससे लोगों के स्वास्थ्य के प्रभाव देखने को मिल रहा है मच्छर, मक्खियाँ, टिक्स भी पनपने लगते हैं. इनकी रोकथाम के लिये साफ-सफाई रखें और पशुओं की देखभाल करते रहें.पलतू जनवरों को भी समय हो रही है
Weather based Agriculture Advisory: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की ज्यादातर आबादी अपनी आजीविका के लिये खेती पर निर्भर रहती है, साथ ही अतिरिक्त आमदनी के लिये पशुपालन (Animal Husbandry) भी किया है, भारत में हर प्रजाति के प्रश्न पीले जाते हैं ऐसे में बदलते मौसम के साथ उनका भी ख्याल रखना बहुत होता है लेकिन मौसम की अनिश्चितता और बीमारियों के कारण किसान और पशुपालकों को भारी नुकसान भुगतना झेलना पड़ता है

बदलते मौसम के साथ लोगो को काफी मुश्किल हो रही है
बारिश होने से फस्लो के लिए सबसे ज्यादा फायदा हुआ है
इस तरह मुसीबतों से पहले ही किसान और पशुपालक अलर्ट हो जाते हैं. फिलहाल खरीफ फसलों की कटाई, रबी फसलों की बुवाई और पशुपालन के लिये काफी अहम वक्त चल रहा है, बरिश से फसल के लिए बहुत ज्यादा फैयदा माना जा रहा है लेकिन ऐसे ही बारिश होती रही तो फसल बरबाद होने के भी चांस बने रहेंगेइसलिये हरियाणा राज्य के किसानों के लिये मौसम आधारित कृषि सलाह (Weather Based Advisory) जारी की गई है, जिनसे किसानों को थोड़ी सी भी समस्या न हो जिससे फसलों का सही उत्पादन और पशुओं की सही देखभाल की जा सके.
धान की देखभाल
किसानों को सलाह दी जा रही है कि धान की कटाई (Paddy Harvesting) से करीब 3 सप्ताह पहले सिंचाई का काम रोक दें और फसल में लगातार निगरानी करते रहें.
फसल में बीमारियों का प्रकोप दिखने पर 150 मिली पल्सर, 26.8 ग्राम एपिक, 80 ग्राम नेटिवो, 200 मिली एमिस्टर टॉप, टिल्ट या फोलिकुर/ओरियस आदि में से किसी भी दवा को 200 लीटर पानी के साथ घोलकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें इससे आपका फकी अच्छा रहेगा
पशुओं के लिये एडवायजरी
इस समय पशुओं को सुबह-शाम संतुलित पशु चारा (Animal Fodder) खिलायें. रोजाना करीब 50 से 100 ग्राम पोषक तत्वों से भरपूर चारा खिलाने पर दूध उत्पादन (Milk Production) और पशुओं की रोग प्रतिरोधी क्षमता बेहतर रहेगी आप जानवारों को अच्छे से तंग देंगे तो आओ आपको दूध मिलेगा इसलिय आप अपने घरों के जनवरों का ख्याल रखें बदलते मौसम के साथ उनका रहना है
गलत मौसम के साथ जनवरों के खाने का सुविधा भी बदले
खाने का सुविधा मौसम के साथ बद दुधाऊ पशुओं का हाइड्रेटेड रखने के लिये साफ और ताजा पानी पिलायें और पशु चिकित्सक से संपर्क करके पशुओं को रोगरोधी टीके लगवायें थोड़ी सी भी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें थोडी सी भी लपर्वही न करें क्योंकि बदलती मौसम के साथ लपर्वही आपको भारी पड शक्ति है

गर्मी और मौसम बदलने के कारण अकसर पशुओं को पेट से जुड़ी समस्या हो जाती ऐसे में जानवारों का ध्यान देना बहुत जरुरी होता है
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ऐसे में मच्छर, मक्खियाँ, टिक्स भी पनपने लगते हैं. इनकी रोकथाम के लिये साफ-सफाई रखें और पशुओं की देखभाल (Animal Care) करते रहें क्यों नहीं थोड़ी सी भी समस्या ना हो