अब बकश भी दो जनता को, दो बार वोट देने की सज़ा इतनी बड़ी होगी, ये ना सोचा था
1951 में नींव पड़ी एटलस साइकल्स की और देखते ही देखते एटलस देश में साइकल की पर्यायवाची बन गई और पहले ही साल 12 हजार साइकिल बनाई थी कंपनी ने अब इसी एटलस साइकल को अलविदा कहने का वक्त आ गया, क्योंकि कंपनी ने आर्थिक तंगी और व्यापारिक घाटे के चलते अपना आखिरी कारखाना भी बंद कर दिया है. इसे भी विडंबना ही कहा जाएगा कि विश्व साइकल दिवस के दिन ही एटलस साइकल्स के सफर पर पूर्ण विराम लगा है..
जानी मानी एटलस साईकिल कंपनी बंद, बहुत से लोगों का रोजगार छिना।
100%एफडीआई ओर विदेशीकरण की अंधीदोड बहुत लोगों को रुलायेगी, ये तो शुरूवात भर है। और ये जो ढाई महीने लोक डाउन करके लोगों की कमर तोड़ी गई है इसके भी परिणाम इसी रूप में निकलकर आएँगे
देशी साईकल कंपनी एटलस का MP,हरियाणा के बाद यूपी में प्लांट बन्द
लोकल प्रोमोट,,आर्थिक पैकेज,,या रोजगार बचाने की बात सब ढोंग है।