बस्ती। शुक्रवार को पुलिस ने फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज चलाने के बहुचर्चित मामले में गहरे रंग के मुद्दों को हल करते हुए तीन और वांछित आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों के कब्जे से चार बंडल फर्जी मार्कशीट और पांच मुहर बरामद हुई हैं। यह घटना एकमात्र नहीं है, बल्कि इसमें संस्थापक सत्यप्रकाश और वसीम जैसे आरोपी पहले ही न्यायालय में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इस मुकदमे को गंभीरता से लिया जा रहा है और न्यायिक प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
कोतवाल शशांक शेखर राय ने घोषित किया है कि मुकदमे में वांछित आरोपी राम आशीष यादव उर्फ आशीष यादव, निवासी रक्सा थाना लालगंज बस्ती हालमुकाम डीएलएफ खुशहाल, अंकुर विहार, थाना लोनी, गाजियाबाद, पीयूष पांडेय निवासी मकान नंबर 15 बी बांके बिहारी पूरब विसर्क रोड छपरौला गौतमबुद्धनगर और स्वतंत्र श्रीवास्तव निवासी गांधीनगर, उरई तहसील इंद्रगढ़ उरई जालौन को गिरफ्तार किया गया है।
कॉलेज वालों ने कई छात्रों को दिया फर्जी मार्कशीट :-

आपने बताया कि सिद्धार्थनगर इटवा की लक्ष्मी ने कोतवाली में तहरीर देकर यह जानकारी दी कि वह सरदार पटेल सत्यांजलि पैरामेडिकल कॉलेज में एएनएम कोर्स वर्ष 2020-2021 की छात्रा थी। इसके बाद आरोप लगाया गया कि उसे न तो प्रथम वर्ष का अंकपत्र दिया गया था और न ही द्वितीय वर्ष का अंकपत्र। यह बाद में साबित हुआ कि यह मॉर्कशीट फर्जी थी। उसे और अन्य छात्रों ने फीस वापस मांगी, लेकिन उन्हें श्रीमती चैरिटेबल हॉस्पिटल एंड नर्सिंग कॉलेज सहारनपुर में प्रवेश कराया गया।
कालेज वालों ने 5,000 रुपये से 1,00000 कर दी अचानक से फीस :-
उस संस्था को इस संस्था के संस्थापक सत्यप्रकाश पटेल ने अपने निवास स्थान बरगदवा थाना कोतवाली बस्ती में अपनी एक पहचान दी। सत्यप्रकाश पटेल ने यह संस्था मोहम्मद वसीम के सहयोग से टेमा रहमत थाना कोतवाली खलीलाबाद जिला संतकबीरनगर में स्थापित की थी। इस संस्था ने छात्रों को प्रति छात्र 5,000 रुपये की फीस दी थी, जो बहुत ही उचित और सुलभ मानी जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे संस्था ने अपनी प्रतिष्ठा खोते हुए, अचानक एक लाख रुपये की फीस मांगने शुरू कर दी।
इसके पश्चात, जब कुछ छात्रों ने यह रकम नहीं दी तो उन्हें परीक्षा देने से रोकने की धमकी मिली। इस घटना के चर्चे से भरे हुए, स्थानीय पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर छानबीन करनी शुरू की है। अब तक, पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।