बस्ती। वर्तमान में भारत के कई गांव बाढ़ के आंकड़ों से लड़ रहे हैं। ये बाढ़ के घातक बादल अप्रत्याशित जगहों पर आक्रमण कर रहे हैं। जबकि नदियों का जलस्तर कुछ दिनों से स्थिर होने के बावजूद, उनकी धारा तेज हो गई है। यहां-वहां नदियों ने तटबंधों से अपनी राह बनाई है और कई गांवों के पास तक पहुंच गई हैं। इस बीच, तटबंधों की मरम्मत कार्यारंभ के बीच मंगलवार को आगे बढ़ाई गई, लेकिन अच्छी तरह से काम नहीं हो सकी। वहीं, निरंतर वर्षा के कारण तटबंधों में दरारें बढ़ रही हैं।
इसके परिणामस्वरूप, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आतंक की स्थिति पैदा हो गई है। कागज़ों की तैयारी में कोई कमी नहीं होने के बावजूद, तटबंधों की मरम्मत कार्यों के प्रति लापरवाही बढ़ गई है। अधिकारियों ने चुप्पी साधे हुए है। इस वजह से ग्रामीणों को कटान की चिंता सताने लगी है।
लगातार बारिश से तटबंध की सुरक्षा खतरे में होने की संभावना प्रबल :-

दो दिन की बारिश में गौरा-सैफाबाद तटबंध पर असामान्य नुकसान हो रहा है। इस तटबंध की मरम्मत कार्य विलंबित हो गई है। काम अभी पूरा नहीं हो सका जबकि बारिश शुरू हो गई है। तिवारीपुर, गौरा और दलपतपुर गांव के पास से आधा दर्जन से अधिक रेनकट बन गए हैं। लगातार बारिश के कारण तटबंध की सुरक्षा खतरे में है। तटबंध के गौरा और तिवारीपुर गांव के सामने निर्माणाधीन ठोकरों को पूरा करने के लिए शनिवार की सुबह से काम शुरू किया गया।
लेकिन बारिश के कारण यहां तक बोल्डर तक पहुंचना संभव नहीं हो रहा है। इसके कारण ठोकरों के निर्माण कार्य में गति नहीं हो रही है।काफी प्रयासों के बावजूद, बोल्डर अब अपने कार्यस्थल तक पहुंच चुका है, लेकिन उसके पास अपेक्षाकृत संख्या में बोल्डर नहीं हैं। इसके अलावा, मोजपुर ठोकर पर सुबह कार्य शुरू हुआ था, लेकिन दोपहर में बारिश के कारण काम बंद करना पड़ा।
बारिश से दलदल हो गये है रास्ते, आने-जाने में हो रही परेशानी :-
बारिश की वजह से रास्ते दलदल में बदल गए हैं, जिसके कारण भारी वाहन काफी मुश्किल से आगे बढ़ पा रहे हैं। यह स्थिति बेहद खराब हो गई है। बड़ी बड़ी बोल्डर्स को लेकर चल रहे ट्रक अभी तक अपनी यात्रा पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सरयू नदी के किनारे स्थित इलाकों में जो भी मार्ग बनाए गए थे, उनमें अब बहुत सारा दलदल जमा हो गया है। इस कारण ट्रकों को आगे बढ़ने में काफी तकलीफ हो रही है।इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राम जानकी मार्ग के पास बोल्डर गिराने से रोक लगा दी है।
इसका कारण है कि पिछली बार बोल्डर्स गिरने की वजह से सड़क की तलहटी खराब हो गई थी। यदि इस बार बोल्डर्स फिर से गिर जाएं, तो यह एक और आपदा का कारण बन सकता है। इसलिए एनएचएआई ने इसे बचाने के लिए कड़ी मान्यता दी है। गौरा-सैफाबाद तटबंध पर ठोकर निर्माण कार्य को प्रारंभ करा दिया गया है। कुछ जगहों पर रेनकट भी हुए हैं, जिसे जल्द से जल्द भरवा दिया जाएगा।