बस्ती। गोरखपुर से अपने नियत समय सुबह 6:05 बजे से रन थ्रू चलकर, वंदे भारत ट्रेन निर्धारित समय से सात मिनट पहले, यानी 6:51 बजे बस्ती रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन की विशेषता यह थी कि इसमें वातानुकूलित आठ बोगियां थीं जो यात्रियों को आरामदायक सुविधाएं प्रदान करती थीं। सुबह ही से इस ट्रेन को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई थी।

जब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची, तो रेलवे कर्मियों ने उत्साह और गर्मजोशी से ट्रेन के स्टाफ का स्वागत किया। ट्रायल के लिए जिला मुख्यालय पर पहुंची वंदे भारत को स्टेशन मास्टर अरुण कुमार ने हरी सिग्नल दिया, संकेत देकर ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति दी। इसके बाद ट्रेन 7 बजे को अगले स्टेशन के लिए निकल पड़ी। इस ट्रेन के गार्ड सतीश रहे।

स्थानीय रेलवे अधिकारी नसीम अहमद, स्टेशन मास्टर ऑन ड्यूटी अरुण कुमार, टीआई एएम त्रिपाठी, और आईओडब्ल्यू हीरामन प्रसाद द्वारा एक पहल की गई। इसके अंतर्गत, आरपीएफ और जीआरपी कर्मचारी यात्रियों को इस ट्रेन तक पहुंचने से पहले सफेद पट्टी बनाकर उन्हें रोकने का आदेश दिया गया। यह घोषणा स्टेशन पर भी की गई कि इस ट्रेन में कोई भी यात्री नहीं सवारी जाएगी।
ट्रेन ने 64 किमी की दूरी मात्र 46 मिनट में की पूरी :-
“वंदे भारत के लोको पायलट टीम देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव और सहायक लोको पायलट बीपी मौर्या ने अपने अनुभव साझा किया है कि यह ट्रेन वास्तव में अद्वितीय है। यात्रियों को इससे कम समय में उनके गंतव्य पर पहुंचने का अवसर मिलता है। बताया गया है कि ट्रेन गोरखपुर से 6.05 बजे के निर्धारित समय पर रवाना हुई थी और सिर्फ 46 मिनट में, यानी सात मिनट पहले, बस्ती तक पहुंच गई।
मतलब यह है कि ट्रेन ने 64 किलोमीटर की दूरी को बहुत तेजी से पूरा किया है। इसकी गति 83 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इस ट्रेन का मार्ग गोरखपुर से लखनऊ तक है और यह पूरी तरह से वातानुकूलित है। ट्रेन की बोगीयों के दरवाजे मेट्रो ट्रेनों की तरह स्वचालित रूप से खुलते हैं और निर्धारित समय पर बंद हो जाते हैं। इस ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।