बस्ती से बहुत बड़ी खबर चार दिन ट्रेन के शौचालय में पड़ा रहा बस्ती के युवक का शव।
बस्ती(उत्तर प्रदेश ) : श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की अनदेखी का एक और मामला सामने में आया है। झांसी से बस्ती के लिए चले युवक की ट्रेन की बोगी में ही हो गई मौत लेकिन, रेलवे स्टाफ को भनक तक नहीं लगी। चार दिन बाद ट्रेन के वापस झांसी पहुंचने पर उसका शव शौचालय में पड़ा मिला।
गौर थाना क्षेत्र के हलुवा बाजार निवासी मोहनलाल शर्मा रोजी-रोटी के लिए मुंबई गए थे। लॉकडाउन में काम बंद होने पर वह घर के लिए चले। बस, ट्रक और पैदल चलकर वह किसी तरह झांसी पहुंचे और झांसी से बस्ती के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन (04168) में सवार हुए।
ट्रेन बस्ती होते हुए गोरखपुर आई और श्रमिकों को उतारकर पुन: झांसी पहुंच गई। झांसी में उनका शव बोगी के शौचालय में पड़ा मिला। गुरुवार की रात जीआरपी झांसी ने युवक के पास मिले कागजात के आधार पर गौर पुलिस को सूचना दी। परिजनों ने बताया कि उनके झांसी तक पहुंचने की जानकारी थी लेकिन, उसके बाद फोन पर बात नहीं हो पाई।
घर पर सभी लोग परेशान थे। वह घर के इकलौते बेटे थे। आठ माह पहले उनके पिता की मौत हो चुकी है। थानाध्यक्ष गौर अनिल दूबे ने बताया कि झांसी जीआरपी से बात हुई है। वहां कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उसके पास टिकट झांसी से गोरखपुर का मिला है। वहीं परिवार के लोग झांसी रवाना हो चुके हैं।
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