चीन सीमा का विवाद दोनो देशो पर सत्ता कर रही तब की ब्रिटिश सरकार की देन है जिस ने बिना किसी स्थानीय सोर्स के मर्जी से लकीर खींच दी । जो हुआ बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है , इस तरह के माहौल में ये चिंगारी कभी भी बड़ी आग में तब्दील हो सकती है और दोनो देश महाशक्ति होने के कारण ना चाहते हुए भी दूसरे देश इसकी चपेट में आने तैय है । इसका नुकसान विश्वयापी होगा । हमारे लिये हमारे सैनिक बहुत अहम है , मेरे और आपके लिए सीमा पर कोई सैनिक सीना ताने खड़ा है तभी मैं और आप आराम से fb खोले बैठे है और अपनी विद्वानी झाड़ रहे है । ये फौजी अपना घर छोड़कर कर तपती गर्मी और जमी ठंड में हमारे लिए सीमा पर खड़ा है । हमारे सैनिक सीमा पर है तभी है सुरक्षित भी है ।
सता में पार्टिया बदलती रहती है मगर हमारे फौजी हमेशा वहीँ सीमा पर खड़े रहते है । कल की घटना के बाद हमारे सामने नई चिनोतीया है , इस तरह की घटना के बाद सबसे पहले कोई भी देश दूसरे को झटका देने के लिए अपने बिजनेस से उसको दूर करता मगर ये देख कर दुःख होता है की यहाँ तो चीनी कम्पनियों और कारोबारियों को धंधा करने की पूरी छूट दी जाती है । भारत चीन के लिए बड़ी ग्राहक मंडी है यानी हम से से पैसा बना हमारे सेंको पर गोली चला रहे है । मुझे तो सरकार की समझ नहीं आ रही हमारे सैनिकों पर चलने वाली गोली के लिए पैसा भारत मे चीनी कारोबारियों को क्यों बनाने दिये जा रहा है ? सरकार को अपनी स्थिति जनता के सामने सपष्ट करनी होगी । मैं चीनी मॉल का इस्तेमाल सबसे पहले छोड़ने को तैयार हूं बस शर्त है की चीनियों से सभी बड़े कारोबारी अपना पहले बिजनेस बन्द करे । सोशल मीडिया पर ये देख कर बहुत दुःख हुआ की कुछ लोग भारतीय सैनिकों की शहादत पर खुश हो रहे है , भद्दे भद्दे मजाक कर रहे है ।
अरे भाई आपकी मंशा के अनुसार अगर भारत पर चीन कब्ज़ा करता है तो उसमे हिन्दुओ के राज्य हिमाचल , जम्मू , हरियाणा , up , राजस्थान ,झारखंड , बंगाल, बिहार , के साथ , मुस्लिम के कश्मीर ,आसाम, up , भोपाल , केरल , बौद्ध का लद्धाख , ईसाइयों के मणिपुर सहित पूर्व उत्तर , सिक्खों का पंजाब ,जैनियों का गुजरात सभी उसके नीचे आयेंगे । चीन में कमिनिस्ट के नाम पर जिस तरह से धार्मिक विचारधारा पर सलूक होता है वो किसी से छुपा नही , एक पार्टी वहाँ राज करती है और वो इंटरनेट के सर्च इंजन से लेकर हर आदमी की जेब तक को कंट्रोल रखती हैं । तिब्बत का उदाहरण आपके सामने है , चीन में बौद्ध धर्म सबसे ज्यादा है मगर चीन ने तिब्बत के बौद्ध राजा और बौद्ध की सर्वश्रेष्ठ गुरु दलाई लामा के साथ जो बदसलूकी की सबको पता है । अलग देश होने के पर भी तिब्बत पर जबरन कब्ज़ा किया गया , तिब्बत की धार्मिक मान्यताओं का तो महाराजा रणजीत सिंह भी सन्मान करता था इसलिए उन्होंने कभी उसकी मान्यताओं को नुकसान नहीं किया था जबकि चीन ने बिल्कुल सीधा कब्ज़ा किया और लाखों तिबतियों के साथ दलाई लामा को भारत में शरण लेनी पड़ी । खुश होने वालों जब उन्होंने अपने धर्म के सर्वश्रेष्ठ गुरु और राजा दलाई लामा को नहीं छोड़ा तो उन से ये उम्मीद मत रखना की वो आपको अपनी आजादी देगे ।
अरे वो तो दुनिया को जोड़े रखने वाले गूगल को इज़ाज़त नही देता तो दूसरे को क्या देगा । युद्ध हमेशा विनाश लाता है मगर कोई ज्यादा वक्त चुप भी नहीं बैठ सकता । अगर स्थिति खराब होती है तो सारा विश्व भी उलझ सकता है तब अमेरिका कैनडा यूरोप अरब सब किस किस खेमे में होंगे आप अंदाजा लगा सकते है । मैं हमेशा नकली राष्ट्रवाद , नकली तानाशाही कॉमिनिज़्म के खिलाफ और मानव आजादी के साथ अपनी जमीन के हक़ में खड़ा मिलूंगा ।नमन है देश के शहीदों कोजय हिंद ।