ब्राजील के नए राष्ट्रपति लुइज इनासियों लूला डा सिल्वा जिन्हें लूला के नाम से भी जाना जाता है अब ब्राजील को नया राष्ट्रपति मिल गया है। बेहद कम अंतर से राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके है। लूला ने पहली बार पहली बार 1989 में ब्राजील के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था। अब वह तीसरी बार देश की सत्ता को फिर से संभालेंगे।
Brazil President : ब्राजील को नया राष्ट्रपति मिल गया है। दक्षिणपंथी विचारधारा (right wing ideology) रखने वाले मौजूदा राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) को हराकर लुइज इनासियों लूला डा सिल्वा ने जीत हासिल कर ली है। लूला ने अपनी जीत के बाद विजयी भाषण में शांति और एकता का आह्वान भी किया। लूला ब्राजील के राष्ट्रपति बने इसके लिए देश की जनता ने भी उनका पूरा समर्थन किया।अधिकांश चुनावों के सर्वे के अनुसार, लूला फिर से देश के राष्ट्रपति चुने जाने वाले पंसदीदा उम्मीदवार थे।
बता दें कि लूला को 50.8 प्रतिशत वोट मिले तो वहीं बोल्सोनारो को केवल 49.2 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए। वामपंथी विचारों (Left wing ideology) वाले लूला पहले भी ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके है और अब एक दशक बाद राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने एक आश्चर्यजनक वापसी की है। कौन है लूला और क्या उनकी वापसी से ब्राजील की मौजूदा स्थिति बदलेगी? आइए जानते हैं।
कौन है लुइज इनासियों लूला डा सिल्वा? :-
चुनावी नतीजों को भारी उलटफेर के रूप में देखा जा सकता है। सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान भी ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं 77 वर्षीय सिल्वा को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई थी, जिस वजह से वह इस साल चुनाव नहीं लड़ सके थे सिल्वा को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 580 दिनों की जेल हुई थी खबरों की मानें तो लूला का बचपन बेहद गरीबी में बीता। वह एक अनपढ़ किसान परिवार में पैदा हुए आठ बच्चों में से सातवें नंबर के हैं।
लूला एक ब्राजीलियाई राजनीतिज्ञ है वह तीन बार ब्राजील के राष्ट्रपति के रूप में लोकतांत्रिक रूप से चुने जाने वाले पहले व्यक्ति हैं। लूला ने बचपन से काफी स्ट्रगल किया है लूला ने महज 14 साल की छोटी उम्र में मेंटल वर्कर बनने से पहले एक शूशीन बॉय और मूंगफली विक्रेता के रूप में काम किया। लूला डा सिल्वा ने इस बार अपने राजनीतिक करियर में छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था।

लूला डा सिल्वा ने तीन बार असफल हुए थे तब जाकर वो ब्राजील के राष्ट्रपति बने ब्राजील में यह रूल है कि तीन बार लगातार कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति के पद पर नहीं रह सकता। इसी वजह से वो तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बने।पहली बार उन्होंने 1989 में चुनाव लड़ा था। इस बार लूला ने देश में शांतिपूर्ण क्रांति लाने की प्रतिबद्धता जताई थी।
वर्ष 2002 में लूला, ब्राजील के पहले श्रमिक वर्ग के अध्यक्ष बने थे। 2010 में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद लूला ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया। उस दौरान लूला 90 प्रतिशत के करीब अनुमोदन रेटिंग के साथ बेहद लोकप्रिय माने जाते थे।
NASA ने मुस्कुराते हुए ‘सूरज’ की मनमोहक फोटो की जारी, ट्वीट कर कहा- Say cheese ! ब्राजील के रह चुके राष्ट्रपति लूला 2003 से 2010 के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
लूला ने अपने राजनीतिक करियर में छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था। उन्होंने पहली बार 1989 में ब्राजील के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था।
लूला डा सिल्वा ने दिया विजयी भाषण :-
लूला ने अपनी जीत के बाद एक भाषण में कहा कि वह एक विभाजित देश को एकजुट करेंगे। उन्होंने अमेजॉन के जंगलों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी मांगा है। लूला ने कहा, “मैं 21.5 करोड़ ब्राजीलियाई लोगों के लिए शासन करूंगा, न कि केवल उनके लिए जिन्होंने मुझे वोट दिया है।” “ब्राज़ील दो नहीं हैं। हम एक देश, एक लोग, एक महान राष्ट्र हैं।”
लूला पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप :-
लूला की वर्कर्स वार्टी (PT) वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार के मामले फंस गई और उन्हें तीन साल तक की सजा काटनी पड़ी। इस दौरान उन्हें चुनावों से बिल्कुल दूर कर दिया गया था। बता दें कि लूला पर ब्राजील को मंदी में डूबाने का आरोप लगा था।

ये तीन वर्ष लूला के काफी कठिनाइयों में बीते। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्हें 2018 में जेल में डाल दिया गया था और चुनाव में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई थी।
वर्ष 2019 में दक्षिणपंथी विचारधारा (right wing ideology) रखने वाले जायर बोल्सोनारो ने देश के राष्ट्रपति पद की कमान संभाली।
राष्ट्रपति चुनाव में बोल्सोनारो को बड़ी जीत हासिल हुई थी। Pakistan में फिर लागू हो सकता है सैनिक शासन, आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट में किया गया दावालूला ने 580 दिनों की सजा काटी थी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण लूला को सजा के तौर पर 580 दिनों की कैद हुई थी। लूला की सजा 2019 के अंत में समाप्त कर दी गई थी। लूला की सजा इस आधार पर रद कर दी गई थी कि उन्हें दक्षिणपंथी न्यायाधीश सर्जियो मोरो द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया था।
बता दें कि लूला ने जायर बोल्सोनारो को हराने की कसम खाई थी और अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा कि “दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण क्रांति”।
तीन दशक का सबसे नजदीकी चुनाव :-
ब्राजील के चुनावी इतिहास के तीन दशकों में यह अब तक का सबसे नजदीकी चुनाव था। वामपंथी नेता लूला ने ये तीसरा राष्ट्रपति चुनाव जीता है। ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव में सिल्वा को 50.9 फीसदी और बोलसोनारो को 49.2 प्रतिशत मत मिले। वहीं उपराष्ट्रपति का चुनाव गेराल्डो अल्कामिन ने जीता है।
PM Modi ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को दी बधाई :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील में राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत दर्ज करने पर लूला डा सिल्वा को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि वो द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ एवं व्यापक बनाने के साथ ही उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।
PM Modi ने ट्वीट कर कहा, “ब्राजील में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर लूला डी सिल्वा को बधाई दी है। द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ एवं व्यापक बनाने के साथ ही वैश्विक मुद्दों पर सहयोग के लिए मैं साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं”
कैसा रहा लूला का राजनीतिक सफर :-
लूला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में वर्कर्स पार्टी की सह-स्थापना के साथ की थी। पहली बार 1982 में साओ पाउलो के स्टेट इलेक्शन में उन्होंने भाग लिया, लेकिन उस वक्त उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद साल 1983 में उन्होंने चुनावों में सबसे ज्यादा वोटों के साथ कांग्रेस में एक सीट हासिल की थी।फिर लूला ने 1989 से 1998 तक तीन बार राष्ट्रपति चुनाव में भाग लिया, लेकिन उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा।

लूला 1989 से 1998 तक तीन बार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके थे। फिर आखिरकार 2002 में जाकर उन्हें सफलता मिल गई। फिर वो साल 2003 से 2010 तक देश के राष्ट्रपति रहे। ये उनका छठा राष्ट्रपति चुनाव अभियान था। लुला डा सिल्वा ने ब्राजील के लोगों के लिए बहुत कुछ किया था इसीलिए यह ब्राजील के सबसे लोकप्रिय राजनेता बने थे। लूला ने ब्राजील के गरीब लोगों को गरीबी से निकाला था।
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