बिल गेट्स और उनके द्वारा बनाई जाने वाली Covid-19 की वैक्सीन का कई सारे देशों मे हो रहा है विरोध।
विदेशो मे ये बात खूब तेजी फैल गई है कि ये पूरे विश्व में कोराना को लेकर माहौल बनाया गया है वो सिर्फ और सिर्फ वैक्सीन लगाने के लिए है,,,,कुछ ही लोग जानते है वैक्सीन के दुष्परिणाम
पर जितने भी जानते है वो पूरी ताकत से उसका विरोध कर रहे हैं और वैक्सीन निर्माता बिल
गेट्स को आरेस्ट करने और उनकी जाच करने की मांग कर रहे हैं
जब एक ओर दुनिया की सबसे भ्रष्ट स्वास्थ्य संस्था WHO हो और दूसरी ओर भारत जैसे महान देश का स्वास्थ्य मंत्री तब यह सोचना आवश्यक है कि अब डॉ हर्षवर्धन देश के स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर मुक्त सोच से काम कर पाएंगे या WHO के निर्देशन पर, बिल गेट्स से अपनी दोस्ती पर…
ध्यान रहे यदि Bill Gates & Melinda Foundation पर अंकुश नही रखा गया और डॉ हर्षवर्धन ने अपनी दोस्ती बिल गेट्स से नही छोड़ी तो जहां अब भारत WHO के चक्रव्यूह में फंश चुका है वहीं एजेंडा 30, जनसंख्या मर्दन और फार्मा माफियाओं की ELite नीति सामने है ।
WHO का अध्यक्ष बनना मान-सम्मान नही होता यह तो उसकी किसी देश मे दखल, उसकी नीति और षडयंत्रो का मंच होता है।
विशुद्ध देशभक्त भारतीय इस के विरोध मे है बाकी पार्टीयों की दुहाई मे लगे हैं और बीजेपी, कांग्रेस, आप, सपा, बसपा, कम्युनिस्ट पार्टी आदि आदि ना तो देश से बड़े है ना हम इनके चमचे। यही पाप कभी कांग्रेस ने किया है जिसे भाजपा महापाप में ले जा रही है।
WHO अध्यक्ष बनते ही बिल गेट्स ने बधाई दिया और इसके जबाब भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सनैशन की पहुच बढ़ाने के लिए बिल गेट्स एण्ड मेलिंडा फाउंडेशन को आमंत्रित किया
भारत मे भी वैक्सनैशन का विरोध होना सुरू हो गया है और बहोत से लोग इसका विरोध कर रहे हैं इस पर देहरा दून के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के लॉइअर Adv Pushpendra Raj लिखते है की
“मै पुष्पेंद्र राज लॉक डॉउन, वैक्सीन और बिल गेट्स का भारत में विरोध करता हूं। आखिर कब तक हम एक ऐसी बीमारी की वजह से जिसे अब ने भी पेंडामिक से एंडामिक घोषित कर दिया अर्थात कभी ना खत्म होने वाली, और जिसके लिए सी डी सी ने बोल दिया है कि ये बीमारी फैल जरूर सकती है लेकिन इससे वास्तव में मरने वालों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है, तो फिर कब तक आपदा अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत लॉक डाउन करके हमारे मूलभूत अधिकारो का हनन होता रहेगा, कब तक लॉक डाउन के नाम पर इस देश की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद करते रहेंगे। जबकि WHO ने कह दिया है कि ये बीमारी कभी खत्म नहीं होगी, तो फिर लॉक डाउन क्यों।
जिस बिल गेट्स फाउंडेशन के विरूद्ध भारत के सुप्रीम कोर्ट सहित दुनिया के कई देशों में मुकदमे चल रहे है, इटली की सांसद ने जिसे गिरफ्तार करने की मांग संसद में उठाई हो, जिसके विरुद्ध पूरे यूरोप और अमेरिका में प्रदर्शन हो रहा हो उस बिल गेट्स पर हम कैसे विश्वास कर सकते है और उस के द्वारा प्रायोजित किसी भी वैक्सीन को हम लोग कैसे लगवाने की अनुमति दे सकते है।
जिस WHO के ऊपर मेडगासकर के पीएम ने रिश्वत देने का आरोप लगाया है और जिन टेस्ट किट्स के द्वारा बकरी और फलों के सैंपल को भी पॉजिटिव दिखाने का आरोप तंजानिया के राष्ट्रपति ने लगाया हो, ऐसे WHO पर भी सवाल उठना लाजिमी है।
इस संबध में जिसे तथ्यों की सबूतों के साथ जानकारी लेनी हो वो मुझसे संपर्क करे और जो इसका समर्थन करता है वो मेरी बात को आगे बढ़ाते हुए शेयर करे।”