कोरोना की मार में भारत सरकार ने आम गरीब मजदूरो का जीवन बिलकुल नर्क बना दिया हैं !

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कोरोना की मार में भारत सरकार ने आम गरीब मजदूरो का जीवन बिलकुल नर्क बना दिया हैं ! 24 मार्च को lockdown करने से पहले इनको क्या पता नहीं था पूरे संसार में ये आपदा य़ा माहमारी किस तरह फैल रही हैं ? देश को छोड़ क़र जा चुके लोगो को हवाई जाहाजो से वापिस लाया गया ज़िन्होने देश को अपने स्वार्थ के लिए ऐसे छोड़ दिया जैसे कल्युगी औलाद अपने माँ बाप को घर से बाहर निकाल देते हैं चाहे वो मरे य़ा जिए उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता ! ये वो लोग थे जिनकी भारतवासी होते हुये ये सोच थी यहाँ रखा क्या हैं, बाहर निकलो !

लेकिन जब मौत सामने आयी तो ये सारे canada, u.k., u.s.a. दूसरे देशो की और migrate करने वालो को हिंदुस्तान याद आ गया ??? क्या उनको अब canada usa uk जहां भी ये लोग गये थे, उन देशो ने नही संभाला ? गले नहीं लगाया ?? जब ये लोग अपना देश छोड़कर बाहर दूसरो के देशो में गये थे और इनके माँ -बाप और ये लोग खुद बड़े चाव और छाती चौडी करके शान से बोलते फिरते थे हमारा बेटा canada गया हैं, हमारी बेटी जर्मनी गई हैं य़ा u.k. में ग्रीन कार्ड य़ा p.r. लिए हुये हैं …..
लेकिन उस समय इन लोगो को रत्ती भर भी अपनी मात्रभूमी अपने देश का ख्याल नहीं आया हमारे देश की सेना में आज 36000 आफिसर्स की कमी हैं, ड़ाक्टरो की कमी हैं , हर क्षेत्र में अच्छे लोगो की कमी हैं ! अगर आज हम सब ने अपने अपने स्वार्थ के लिए अपनी मातर भूमि अपने देश को छोड़ दिया तो देश का क्या होगा ?? देश को कौन संभालेगा ??
…….तुम लोगो से सच्चे और अच्छे वो गरीब मजदूर हैं ज़िन्होने देश के निर्माण के लिए मेहनत की , मजदूरी की लेकिन देश नहीं छोड़ा और दुख से कहना पड़ता हैं उन सच्चे हिन्दुस्तानियो की देश की सरकार ने समय रहते मदद नहीं की और अगर मदद की तो तुम जैसे देश छीडी चुके गददारो की !

तुम लोगो ने ड़ालर पौंड कमाने के लिए अपने देश की currency को कमज़ोर किया हैं ! बस सबने अपना फायदा सोचा और बाहरी देशो की और move किया ! लेकिन आज वहां जब covid-19 का आंकडा बढता देखा, मौत सामने देखे तो अपना देश याद आ गया , अपने देश की और भागने लगे …क्या दोहरा चारित्र हैं तुम लोगो का यार ! तुम्हारी ये हारक्ते साफ दिखाती हैं तुम कितने बड़े फरेबी हो, तुम लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए अपने देश को छोड़कर जा सकते हो तो तुम इस तरह की मुसीबत में दूसरे देशो के भी क्या खाक बनोगे ! तुम्हारा d.n.a. ही स्वार्थी हैं जो बस अपने लिए ही सोचता हैं अपने देश अपनी मिट्टी के लिए , अपनी सभ्यता संसकृति के लिए नहीं ! किसी को बात बुरी लगती हैं तो लगे लेकिन मैं अपने देश से ऊपर ना किसी रिश्ते को मानता हूँ ना किसी दोस्त को ! बात सीधी हैं जो अपने देश का नहीं हो सकता वो इस संसार में किसी देश का य़ा किसी रिश्ते का नहीं हो सकता ! और उन सब लोगो को मेरा उनके मुहँ एक साफ साफ मेरी सलाह हैं कि अच्छा किया जो तुम लोग स्वार्थ के लिए देश छोड़कर canada, usa, है य़ा कही भी चले गए थे और अब अपनी ज़िन्दगी जान बचाने के लिए अपनी भारत माँ के आँचल में आ गिरे हो ! मुर्खो ये तो वो धरती हैं जो एक माँ की तरह अपनी औलाद की हर गलती माफ करके उसको अपने आँचल की ठंडी छाव में अपनी गोद में जगह देती हैं ! और हाँ अच्छा किया तुम्हारे जैसे कायर देश की फौज में भर्ती नहीं हुये क्योंकी देश की फौज मर्दो को भर्ती करती हैं , इस देश की फौज सिर्फ ज़ितना सिखलाती हैं हर कदम पर और हर हालात में , और देश की फौज का हर जावान अपनी जान की नही बल्की देश की सोचता हैं चाहे जीत की कीमत अपनी जान देकर ही क्यों ना चुकानी पड़े और वो बात तुम जैसे स्वार्थी लोगो के बस की नहीं हैं ! तुम्हारी औकात नहीं हैं तुम देश की सेवा क़र सको !

हाँ अगर ही सके तो अपनी मातर भूमि का कर्ज जरूर चुका देना ज़िसकी मिट्टी में तुम पैदा तो हो गए , खाया पीया इस देश का लेकिन कर्ज उस canada, usa, uk जैसे दूसरे देशो को ada kar रहे हो ! मुझे यकीन हैं ये भारत माँ तुमहे माफ जरूर kar देगी क्योंकी इसकी मिट्टी इतनी पावन हैं जो बड़े से बड़ा दर्द तो क्या जख्म भी ठीक कर देती हैं !

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