शिक्षा व्यवस्था
परसेंटेज/ग्रेड की शिक्षा सबसे पहली और सबसे बड़ी शिक्षा है, जो हमारी शिक्षा प्रणाली देती है।
इस शिक्षा का सार संक्षेप यह है।
1.हर व्यक्ति एक अंक है। महज़ एक अंक ।
2.हर अंक किसी दूसरे अंक से बड़ा या छोटा है। बड़े छोटे की यह प्रणाली सनातन है, क्योंकि 99 सौ से हमेशा छोटा रहेगा और 98 से हमेशा बड़ा।
3 हर व्यक्ति का महत्व उससे जुड़े अंक से निर्धारित होता है।
- इसलिए सबसे अधिक अंक लाना ही जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। सारी साधना सारी होशियारी सारी कविता इसी के लिए है। बाकी सब बातें निरर्थक हैं।
- कम नम्बर लाना पीछे छूट जाना है। विफल हो जाना है। व्यर्थ हो जाना है।
यह शिक्षा आपको प्रतियोगी, प्रतिभावादी, घोर परिश्रमी, तपस्वी, पूंजीवादी, अर्धसामंती, व्यक्तिपूजक और तानाशाह तो बना सकती है, लेकिन जो चीज आपसे छीन लेती है, वो आपकी मनुष्यता है।