क्या आप अपनी सरसों इत्यादि का शुद्ध तेल निकलवा कर खाते हैं?यदि हाँ तो शीघ्र ही ये अपराध की श्रेणी में हो सकता है

193

क्या आप अपनी सरसों इत्यादि का शुद्ध तेल निकलवा कर खाते हैं?यदि हाँ तो शीघ्र ही ये अपराध की श्रेणी में हो सकता है
कोरोना की आड़ में एक ओर आत्मघाती फ़ैसला…
जब मोदी सरकार बनी थी तब मैने कहा था सायद ही राष्ट्र मजबूत हो जाएगा , लेकिन लोग मजबूत नहीं हो पाएंगे लोग कमजोर हो जाएंगे। ताजा मामला आया है खाने के तेल का है। जी हाँ खबर है कि केन्द्र सरकार मल्टीनैशनल कॉम्पनियों के दबाव में खाने के खुले तेल की बिक्री या फिर बोले खुले तेल पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी तेजी से कर रही है।

यह देशद्रोही फैसला यदि होता है तो हमारे देश मे खाद्य तेल बेचने वाली कंपनियां बहुत ज्यादा मालामाल हो जाएंगी पर गांव और कस्बे में छोटी-छोटी तेल मिलों को लगाकर जीवन यापन करनेवाले लाखों व्यक्ति बर्बाद हो जाएंगे। गांव और कस्बे में जो लोग अपना सरसों वागेर का तेल खुद पेराकर इस्तेमाल करते हैं वे लोग सरकार की निगाह में अपराधी घोषित कर दिये जाएंगे।

खाद्य तेल की कंपनियों का औसत अनुमान है कि भारतीय बाजार में करीब 40% खाद्य तेल (लगभग 27 -30 लाख टन) खुला हुआ होता है। यानी बिना किसी ब्रांड के नाम का। कंपनियों का कहना है की ,यदि सरकार इसको बैन कर दे तो खाद्य तेल कंपनियों को एक पल में अरबों का बाजार खाद्य तेल बाजार मिल जाएगा जो की कॉम्पनियों को कोरोना मंदी से उबरने में मदद करेगा।

किसको होगा फाइदा :-

इस फैसले से ब्रांडेड और पैकेज तेल बेचने वाली कॉम्पनियों को होगा फाइदा और इन लोगों को अपनी बिक्री बढ़ाने का मिले की बहोत अच्छा अवसर और मुनाफा

खुले तेल की बिक्री पर बैन होने से किसको होगा घाटा :-

इस फैसले से गरीब लोग और गरीब राज्यों के लोगों को होगा भारी नुकसान क्यूंकी ग्रामीण इलाकों मे लोग काम खाद्य तेल खरीदते हैं ओर उनकी इंकम भी उतनी ज्यादा नहीं होती ,ग्रामीण छेत्र के लोग इस फैसले से जयद प्रभावित होंगे तथा किसानों पर भी पड़े गया भारी असर

अगर देखा जाए तो इससे सभी लोगों को परेशानी हो सकती है चाहे वो स्वास्थ्य का मामला हो या पैकेज्ड तेल के दाम का मामला हो क्यू की खुले खाद्य तेल के मुकाबले पैकेज्ड तेल का दाम जयद होता है ऐसे मे लोगों को पैसे की तंगी या सकती है

और लगभग पैकेज्ड तेल 50% महंगा होता है खुले खाद्य तेल के मुकाबले मे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here