Lockdown

लॉकडाउन पर अपना विचार व्यक्त करे और प्रधान मंत्री को ट्वीट करे की आप क्या चाहते है लॉकडाउन जारी रहे या खुले ।

लोग लॉकडाउन खोलने पर अपने विचार रख रहे है क्यों की सबको नुकसान हो रहा है गरीब लोगों का जीवन यापन मुस्किल मे पड गया है देश भूख मरी की तरफ जा रहा है और साथ मे आर्थिक मंदी और बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुचने वाली है ऐसे मे लॉकडाउन खुलना अवस्यक हो गया है आप लोग भी अपने सुझाव दे और pm को ट्वीट करे टट्विटर पर ।

https://twitter.com/NitishDiwakar/status/1266233237627518977

मीडिया के प्रायोजको की कोशिश रहेगी कि लॉकडाउन को जितना हो सके उतना लम्बा खींचा जाए। और सभी पेड मीडिया पार्टियों को पेड मीडिया के प्रायोजको के निर्देशों पर ही काम करना होता है। कोंग्रेस सरकारों को भी और बीजेपी=संघ सरकार को भी। और आम आदमी पार्टी भी अपवाद नहीं है।
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छोटी कारोबारी एक तनी हुयी रस्सी पर धंधा करते है। मतलब उनके पास कोई व्यवथित सेटअप नहीं होता। एक तरह की सेटिंग / जुगाड़ / उधार / अवसर / कोम्बिनेशन पर सीमित पूँजी में उनका धंधा चल रहा होता है। एक बार यदि उन्हें रस्सी से उतार दिया तो उनमे से कुछ फिर से रस्सी पर नहीं चढ़ पायेंगे।
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लॉकडाउन अपनी जगह है, किन्तु औचक लॉकडाउन इसीलिए किया गया था, ताकि छोटे कारोबारियों को जाया तौर पर ज्यादा नुकसान पहुँचाया जा सके। यदि 5 दिन पहले भी सूचना दे दी जाती तो हजारो कारोबारी “जाया” नुकसान से बच सकते थे।
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उदाहरण के लिए आइसक्रीम का कारोबार करने वाले एक परिचित ने 20 मार्च को 4 लाख रू का माल मंगवाया और 22 मार्च को लॉकडाउन हो गया। माल खराब न हो इसीलिए उन्हें कोल्ड स्टोरेज को चालू रखना पड़ा, और 2 महीने में 47,000 का बिल आ गया। और अब इस माल में से लगभग 2 लाख का माल एक्सपायर हो गया है। और कम्पनी एवं ग्राहक दोनों इसे लेने से इनकार कर रहे है !!
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कई कारखाने ऐसे है, जो शुरू होने के बाद कभी बंद नहीं हुए। ये कारखाने 24*7 काम करते है। कई इकाइयों में तो कम्प्लीट शटडाउन का मेकेनिज्म ही नहीं होता है। मतलब वहां पर दरवाजे, शटर आदि नहीं होते। हर समय काम शुरू रहता है।
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उदारहण के लिए एक प्रोसेस हाउस दिन भर में लाखों मीटर कपड़ा प्रोसेस करता है। दिन भर में कई ट्रक माल आता है, और प्रोसेस होकर जाता है। यदि आप इसे बंद करना चाहते है तो आपको पूरा हफ्ता लग सकता है। यदि आप औचक रूप से इसे बंद करके चले जायेंगे तो 2 महीने में आपका सारा कपड़ा चूहे काट देंगे। (क्योंकि कपडे को शेड के निचे खुले में रखा जाता है।)
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इसी तरह कई मशीनरी ऐसी होती है, जो एक निश्चित अवधि तक बंद रहने के बाद जाम हो जाती है। और उन्हें फिर से शुरू करने में काफी मशक्कत होगी। मेरे एक परिचित के साथ यही समस्या हुयी। उनके कारखानों में चाइनीज मशीने है, और अब उन्हें शुरू करवाने के लिए उन्हें चीन से चीफ इंजीनियर को बुलाना पड़ेगा !!
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और इसी तरह के कई झमेले, जिनका सामना छोटी इकाइयों को करना है। और इन्हें सोल्व करने के दौरान काफी छोटे कारखानों को पूँजी की आवश्यकता होगी, और वे इसे अब मेनेज नहीं कर पायेंगे।
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बड़ी इकाइयों के पास काफी अतिरिक्त पूँजी होती है, और इसके अलावा उन्हें बैंक वगेरह से लोन मिल जायेंगे। छोटे कारोबारी को पहली बात को लोन नहीं मिलेगा, और जिन्हे मिलेगा उसमें से कमीशन के एवज में एक बड़ा हिस्सा घूस में चला जाएगा।
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दुसरे शब्दों में रस्सी से उतार दिए गए कारोबारियों का एक वर्ग अब कारोबार खो देगा, और नयी पूँजी के साथ बाजार में प्रवेश करने वाले विदेशियों का हिस्सा बाजार में बढ़ जाएगा।
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और औचक लॉकडाउन का प्रभाव उसी तरह का है, जैसे कोई व्यक्ति चलती मशीन में सरिया डाल कर उसे रोक दे। घुमते पहिये में सरिया फंसाने से मशीन तो बंद हो जाती है, लेकिन इसे अब बटन दबाकर फिर से चालू नहीं किया जा सकता। और नोटबंदी की तर्ज पर औचक लॉकडाउन जानबूझकर किया गया था, ताकि नुकसान को बढ़ाया जा सके !!
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बहरहाल, लॉकडाउन जितना ज्यादा लम्बा खिचेंगा स्थानीय इकाइयां उतनी ही ज्यादा तबाह होगी।
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अब भारत में नागरिको के 2 वर्ग है :
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(1) पहला वर्ग उन लोगो का है जो लॉकडाउन के समर्थक है,
(2) दूसरा वर्ग लॉकडाउन का विरोधी है।
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जो नागरिक लॉकडाउन के विरोधी है, उन्हें पीएम को लॉकडाउन खोलने के लिए ट्विट / पोस्टकार्ड भेजना शुरू करना चाहिए। यदि वे लॉकडाउन का विरोध करते है, किन्तु पीएम को लॉकडाउन ख़त्म करने के लिए नहीं कह रहे है, तो मेरा मानना है कि ये ही वे लोग है, जो लॉकडाउन को जारी रखने के लिए जिम्मेदार है !!
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जैसे जैसे पीएम को ट्विट / पोस्टकार्ड भेजने वालो की संख्या बढ़ेगी वैसे वैसे लॉकडाउन एवं लॉकडाउन खुलने के बाद लगाईं गए प्रतिबंधो की को हटाये जाने की सम्भावनाए बढती जायेगी।
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तो यदि आप लॉकडाउन ख़त्म करने के लिए पीएम को ट्विट / पोस्टकार्ड भेजने को राजी नहीं है तो, कोरोना के बारे में जितना भी ज्ञान आप ले रहे या बाँट रहे है उसके कोई मायने नहीं है। क्योंकि जानें कोरोना की वजह से नहीं जा रही है, बल्कि लॉकडाउन की वजह से जा रही है।
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लॉकडाउन समर्थको का काम हालांकि पेड मीडिया 24*7 कर रहा है, फिर भी मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वे अपनी तरफ से पीएम को लॉकडाउन चालू रखने का ट्विट भेजें। इससे उनके आस के नागरिक इस तथ्य को साफ़ तौर देख सकेंगे कि, लॉकडाउन जारी रखवाने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है। और लॉकडाउन के समर्थको को यह बात छिपानी भी नहीं चाहिए कि वे भारत में लॉकडाउन को तब तक जारी रखना चाहते है, जब तक पेड मीडिया के प्रायोजक ऐसा चाहते है।
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जो नागरिक लॉकडाउन के समर्थक है
(1) @PmoIndia पर इन दोनों में से कोई एक ट्विट करें :

लॉकडाउनसमाप्तकरें , #EndLockDown
लॉकडाउनचालूरखें , #ContiniueEndLockDown

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(2) अपने फेसबुक कवर पेज पर इन दोनों ट्वीट का चित्र लगाएं
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(3) आपके आस पास जो भी व्यक्ति कह रहे है कि, कोरोना भारत में जानलेवा नहीं है, उनसे पूछे कि क्या उन्होंने पीएम को ट्विट भेजा है, और नहीं भेजा है तो उन्हें पीएम को ट्विट / पोस्टकार्ड भेजने को कहें।
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और एक बात पर ध्यान दें कि — मुद्दा कोरोना नहीं है, बल्कि लॉकडाउन है। अत: जो भी कार्यकर्ता कोरोना पर बहस कर रहा है, लेकिन पीएम को लॉकडाउन के बारे ट्विट भेजने को राजी नहीं है, ऐसे टाइम वेस्टर को अनसुना करें।

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Today Breaking News: 31 May 2023

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Bindesh Yadav
Bindesh Yadavhttps://untoldtruth.in
I'm Bindesh Yadav A Advance information security expert, Android Application and Web Developer, Developed many Website And Android app for organization, schools, industries, Commercial purpose etc. Pursuing MCA degree from Indira Gandhi National Open University (IGNOU) and also take degree of B.Sc(hons.) in Computer Science from University of Delhi "Stop worrying what you have been Loss,Start Focusing What You have been Gained"

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