मायापुरी पुलिस ने किया FIR दर्ज करने से माना ???क्या सच में पुलिस भ्रष्टाचारी है
20 तारीख २०२२ को एक आदमी को उसकी कंपनी के मैनेजर ने मारा जिसपे पुलिस ने कोई भी कायवाही नहीं करी
शाम 6 बजे की ये वारदात है जब वह अपनी gratutity का पैसा कंपनी लेने गया तो कंपनी के मैनेजर ने उसको मारा जिसके बाद उस आदमी ने मायापुरी पुलिस स्टेशन पर केस दर्ज करवाया और घर चला गया
वह आदमी को नहीं पता था की जब FIR होती है तो क्या क्या प्रोसेसर होता है और वह घर चला गया
घर जाने पर जब उसके बचो ने यह देख तो उन्होंने पूछा आपने कंप्लेंट नहीं करि तो उन्होंने कह करि है तो बचो ने fir नंबर माँगा जो की उन्हें नहीं पता था वह मेडिकल की कॉपी मांगी वह भी नहीं थी
क्योकि मायापुरी पुलिस ने पैसे खा लिए थे मैनेजर के दुवारा और उसकी कंप्लेंट ही नहीं लिखी
वह जब उस आदमी के बच्चो ने 100 नंबर पर फ़ोन किया तो उन्हने कह की कंप्लेंट नंबर बताओ कंप्लेंट कृ है तो कह की वार्ड्ट है बताओ सब बततने पर उन्होंने कह तुम्हे मायापुरी पुलिस स्टेशन से फ़ोन अजेयगा
रात 8 बजे उन्होंने सोचा की वो खुद पुलिस स्टेशन जायगे और मेडिकल करवाएगे तो रिश्ते में उन्हें पुलिस का फ़ोन आया उन्हने कह की कवीड चल रहा है तो FIR नंबर अगले दिन मिलता है मैसेज पैर और मेडिकल भी हमने देखलिया है कर दिया है वो भी फोन पर मैसेज आएगा कल तक अभी 100 नंबर पर फ़ोन मत करो
वह दिन दयाल हॉस्पिटल लेकर गए वह मेडिकल नहीं किया गया उन्हें कह गया की पुलिस से कॉपी लेकर आओ और जब कॉपी लेने गए तो पुलिस का सच समने आया पुलिस ने कोई FIR लिखी ही नहीं थी और बच्चो के बोलने पैर उन्हने बाहर रखे कंप्लेंट बॉक्स से कॉपी मंगवाई और उसपे स्टाम्प लगा दी और उसकी कॉपी मांगने पर कह की हमारा प्रिंटर खायब है बाहर से करवालो रात के 11 बज गए थे वह कॉपी की पिछ लेकर दीं दयाल गए परन्तु फिर उन्हने कह की प[ोलिस को लाओ तब मेडिकल करेंगे किसी ने उनका मेडिकल नहीं किया
कड़वा है पर सच है मायापुरी पुलिस स्टेशन की सच्ची है यह अगले दिन ESIC बसाइदरा पुर जाके उन्हने मेडिकल करवाया पर अब तक पुलिस की तरफ से कोई मदद नहीं करी गयी इस बात से पता चलता है आज के टाइम पर पुलिस कितनी ईमानदार है