Mughal Garden दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम शनिवार को बदल दिया गया है। अब इसकी पहचान ‘अमृत उद्यान के नाम से की जाएगी। आम जनता के लिए ‘अमृत उद्यान 31 जनवरी-26 मार्च तक खोला जाता है तो 31 जनवरी से लेकर 26 मार्च तक लोग यहां आकर घूम सकेंगे। और यहां लगाए गए विभिन्न फूलों की खूबसूरती को देख सकेंगे।
Mughal Garden : राष्ट्रपति भवन में मौजूद अमृत उद्यान का नाम पहले मुगल गार्डन हुआ करता था। हालांकि शनिवार को राष्ट्रपति भवन के ‘मुगल गार्डन’ का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ कर दिया। अमृत महोत्सव के तहत इसका नाम बदला गया है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 जनवरी को उद्यान उत्सव की शुरुआत की गई है। इस गार्डन में कई तरह के खूबसूरत फूलों को एक साथ देखा जा सकता है। गया है। ये उद्यान इस महीने की आखिरी तारीख यानी 31 जनवरी से खुल गया है घूमने-फिरने के शौकीन रखने वाले लोग यहां अलग-अलग फूलों की खूबसूरती देखने के लिए जा सकते हैं। यही सी बसंत ऋतु में खुलता है।
अमृत उद्यान के नाम से अब जाना जाएगा मुगल गार्डन
अमृत उद्यान 31 जनवरी से 26 मार्च तक खुला रहेगा। लोग सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक यहां घूमने आ सकेंगे। इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन द्वारा एक बयान में दी गई है।किसानों के लिए ये उद्यान 28 मार्च को खुलेगा। जबकि दिव्यांगों के लिए 29 मार्च को और डिफेंस फोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस कर्मियों के लिए 30 मार्च को खोला जाएगा। आदिवासी महिलाओं के ‘स्वयं सहायता समूहों’ समेत महिलाओं के लिए 31 मार्च को अमृत उद्यान खुलेगा राष्ट्रपति भवन के गार्डन में लॉन्ग गार्डन, सर्कुलर गार्डन, ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन शामिल हैं।
आम जनता के लिए पहली बार भारत देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इस उद्यान को खुलवाया था। यहां ब्रिटिश और मुगल दोनों तरह के गार्डन की झलक देखने को मिलती है। राष्ट्रपति भवन का निर्माण करने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने इसे बनाया था। आम लोगों इस खूबसूरत उद्यान का दीदार 31 जनवरी से कर पाएंगे। वैसे आप 26 मार्च तक कभी भी यहां आने का प्लान बना सकते हैं।
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क्या खासियत है इस अमृत उद्यान की :-
राष्ट्रपति भवन के अंदर मौजूद अमृत उद्यान पूरे 15 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 10 से ज्यादा बगीचे हैं। जिनमें गुलाब के 138 तरह के वैरायटी के अलावा और भी कई तरह के खूबसूरत फूल, सेंट्रल लॉन एंड लॉग, सर्कुलर, स्पिरिचवल, हर्बल (33 औषधीय पौधे), बोन्साई (ढाई सौ प्लांट), कैक्ट्स (80 वेरायटी) व नक्षत्र गार्डन (27 वैरायटी) शामिल हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा तकरीबन 160 तरह के 5 हजार पेड़ भी मौजूद हैं।
15 एकड़ में फैले हुए अमृत उद्यान में 138 से ज्यादा किस्मों के गुलाब और ट्यूलिप, डैफोडील्स, एशियाई लिली और बाकी मनमोहक फूल हैं। बयान में कहा गया कि मुगल काल के बगीचों, नहरों और फूलों की क्यारियों को यूरोपीय शैली के फूलों के बगीचों और लॉन के साथ मिलाया गया है। गुलाब आज भी प्रसिद्ध बगीचों की एक खास विशेषता बना हुआ है।
गार्डन में गुलाब की 159 वैरायटीज़ उगाई जाती हैं, जो फरवरी और मार्च के महीने में खिलते नजर आते हैं। इसीलिए ये उद्यान बसंत ऋतु में खोले जाते हैं।गार्डन में 101 तरह के बोगनवेलिया में से 60 वैरायटीज़ हैं. बगीचे को ढके रखने वाली घास दूब घास होती है, जिसे इस गार्डन में रोपने के लिए खासतौर से कोलकाता से लाया गया था। गार्डन में 50 तरह के पेड़ हैं, झाड़ियां हैं और लताएं हैं
इनमें गोल्डन रेन ट्री, फूल वाले टार्च ट्री, मौलश्री पेड और कई अनोखे पेड़ शामिल हैं. राष्ट्रपति भवन के बगीचों का ख्याल 300 से ज्यादा स्थायी और अस्थायी कर्मचारी रखते हैं
हर पौधे के पास लगाया गया है QR कोड :-
राष्ट्रपति की डिप्टी प्रेस सेक्रेट्री नविका गुप्ता ने बताया है कि मुगल गार्डन में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए कई जरूरी बदलाव किए जाने वाले हैं, जैसे- उद्यान में लगे सभी पौधों के पास QR कोड लगाया जाएगा। जिसे स्कैन करके उस पौधे से जुड़ी सारी जानकारी आप ले सकेंगे। इसके साथ ही 20 प्रोफेशनल्स भी तैनात किए जाएंगे, जो यहां आने वाले लोगों को गार्डन के बारे में और फूलों के बारे में जरूरी जानकारियां प्रदान करेंगे।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के कार्यकाल के वक्त हर्बल-एक, हर्बल-दो, बोन्साई गार्डन, आरोग्य वनम नाम के कई उद्यान डेवलप किए गए थे इस साल उद्यान उत्सव में लोग 12 अनोखी किस्मों के खासतौर से उगाए गए ट्यूलिप का दीदार कर पाएंगे। और इस खूबसूरती जगह को महसूस कर पाएंगे।
उद्यान में मौजूद हैं 138 तरह के गुलाब :-
अमृत उद्यान पूरे 15 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें 138 तरह के गुलाब लगाए गए हैं। 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप की वैराइटी मौजूद है और 70 अलग-अलग टाइप के लगभग 5 हजार सीज़नल फूलों भी उद्यान की शोभा बढ़ाते हैं।
अमृत उद्यान में कैसे मिलेगी एंट्री :-
अमृत उद्यान घूमने के लिए लोग अपना स्लॉट ऑनलाइन बुक करा सकते हैं। हालांकि अगर आप ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर सकते तो फिर आपको सुविधा काउंटर के साथ ही साथ भवन के गेट नं. 12 के पास कियोस्क पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत होगी। अगर आप भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं तो ऑनलाइन स्लॉट बुक करना अच्छा विकल्प है। सभी लोगों की एंट्री और एक्जिट राष्ट्रपति भवन के गेट नं. 35 से होगी।
अमृत उद्यान में बिल्कुल फ्री है एंट्री :-
अमृत उद्यान में एंट्री बिल्कुल ही फ्री है। जहां आप फैमिली, फ्रेंड्स के साथ पैसे की टेंशन लिए बिना घूमने का प्लान बना सकते हैं। तथा अमृत उद्यान पहुंचने का सबसे बेस्ट ऑप्शन है मेट्रो। यहां तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट है।
इन बातों पर विशेष ध्यान दें :-
वैसेे तो आम लोग के लिए यह 31 जनवरी से खोला जाएगा और यह 26 मार्च तक खुला रहेगा लेकिन यहां फरवरी से लेकर मार्च में निर्धारित दिन तक ही घूमने जाया जा सकता है। इसके बाद यहां का गेट बंद हो जाता है।
अमृत उद्यान सोमवार को बंद रहता है आप इस दिन ना आएं इसके अलावा इस साल होली पर भी बंद रहेगा।
साथ ही यहां खाने-पीने का समान लेकर जाना सख्त मना है।
माटीकला से जुड़े शिल्पकारों के उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार 24 मार्च को सम्मानित किया गया। इसमें पहला पुरस्कार जिले के हस्त शिल्पकार सतीश चंद्र को , दिया गया। दूसरा पुरस्कार सिद्धार्थनगर के अवधेश कुमार को जबकि तीसरा पुरस्कार संत कबीर नगर के राजेंद्र कुमार को दिया गया।
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