उत्तर प्रदेश अवर सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक पात्रता परीक्षा- पीईटी 2022 में शामिल होने वाले लाखों अभ्यर्थियों के लिए अपर्याप्त परिवहन व्यवस्था के कारण प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर अफरातफरी मच गई पेट की परीक्षा होने की वजह से छत्र बस और रेलवे स्टेशन प्रति कफी ज्यादा मात्रा में दिखें जिस्की वजह से ट्रेन में जग कम पद गई
कई ट्रेनों पर छात्रों ने कब्जा कर लिया तो वहीं लाखों छात्र बस और ट्रेन नहीं मिलने के कारण सड़कों पर रात बिताने के लिए मजबूर हैं पेट परीक्षा के दौरन छत्रों को ट्रेन वी अशोक के लिए कफी लम्बे समय इंतजार करना पड़ा ट्रेन में जग न होने की वजह से छतों को कफी सामना करना पड़ा
रविवार को संपन्न हुई दो दिवसीय परीक्षा के लिए राज्यभर से 35 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था जिस्में उम्मेदवारों को परीक्षा केंद्र तक पूछने में कफी समस्या का सामना करना पड़ा परिक्षा खत्म होने के बाद से सोशल मीडिया ऐसे दृश्यों से भरा पड़ा है, जिसमें ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे उम्मीदवारों से भरे प्लेटफॉर्म दिखाई दे रहे हैं बड़ी भेड़ के बिच कफी समयें देखने को मिली बसों के अंदर जगह खोजने की कोशिश कर रहे छात्रों से बस स्टैंड भी खचाखच भरे थे। कुछ को खिड़कियों से लटकते देखा जा सकता है।
इसी तरह के दृश्य हापुड़ रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों द्वारा ली गईं तस्वीरों में भी दिखे। नाराज छात्रों का सवाल है कि परीक्षा केंद्र इतनी दूर क्यों रखे गए और अगर ऐसा जरूरी था, तो पर्याप्त परिवहन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। छात्रों का आरोप है कि योगी जी और मोदी जी की रैली के लिए पूरी ट्रेन का इंतेजाम हो जाता है, लेकिन छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।
यहां बता दें कि करीब 6.29 लाख से अधिक उम्मीदवार यानी कुल छात्रों में से लगभग 34 प्रतिशत ने पीईटी लिखित परीक्षा छोड़ दी, जो शनिवार और रविवार दो दिन आयोजित की गई थी और इसका कारण मुख्य रूप से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए अपर्याप्त परिवहन सुविधाएं थीं।
यूपी के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने रविवार को बरेली बस स्टैंड पर उम्मीदवारों से बात की और पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने का वादा किया। कई विपक्षी नेताओं ने वीडियो और तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा है कि यूपी सरकार उम्मीदवारों के सामने आने वाली अराजकता और कठिनाइयों के लिए जिम्मेदार है।
इस बीच, सरकार ने दावा किया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित और विपक्षी नेताओं द्वारा ट्वीट किए जा रहे कई वीडियो फर्जी हैं और परीक्षार्थियों के लिए अतिरिक्त ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की जा रही है। पीईटी एक क्वालीफाइंग परीक्षा है, जिसमें प्राप्त अंक उम्मीदवार को राज्य में ग्रुप सी सरकारी नौकरियों के लिए भविष्य की भर्ती परीक्षा में बैठने में सक्षम बनाता है।