देश की जनता व PM केयर्स फण्ड केें दानदाताओं के साथ सरकार ने किया धोखा । pm केयर्स फण्ड सरकारी नही बल्कि एक निजी फण्ड हैं , आरटीआई में हुआ खुलासा ।
PMO ने PM CARE फंड की जानकारी देने से किया इनकार ,उन्होंने यह कहा की यह पब्लिक अथॉरिटी नहीं है
आरटीआई ऐक्ट 2005 के तहत 1 अप्रैल को हर्ष कंदुकुरी द्वारा यह आरटीआई दायर की गई थी l जिसमे पीएम केयर फंड की जानकारी मांगी थी l
काँग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी pm मोदी से मांग जबाब
11 अप्रैल को द वायर के सीनियर पत्रकार विनोद दुआ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देश मे फैली कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष के होते हुए नया ट्रस्ट के गठन किया है जो सरकार न होकर एक निजी ट्रस्ट है ।
प्रधानमंत्री देश की जनता के साथ इतना बड़ा धोखा कैसे कर सकते है । फिर देश के लाखों जिम्मेदार लोगों ने ट्वीट भेज कर फण्ड व ट्रस्ट की जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग की थी लेकिन सरकार का कोई बयान नही आता तो लगा कि दाल में कुछ काला है ।
ट्वीट से फण्ड सार्वजनिक करने की मांग,ट्रस्ट भी सार्वजनिक करके की मांग
कहते है ना कि असत्य को ज्यादा समय तक छुपाया नही जा सकता है , वह कभी न कभी बाहर निकल ही जाता है । किसी जिम्मेदार नागरिक ने pm केयर्स फण्ड की जानकारी सार्वजनिक करने की RTI लगाकर सरकार से पूछा तो आधिकारिक रूप से यह कह कर मना कर दिया कि यह कोई सार्वजनिक यानी सरकारी ट्रस्ट नही होने के कारण जानकारी नही दी जा सकती ।
जब यह सरकारी नही है तो सरकार ने देश की जनता के , दानदाताओं के पैसे किसी निजी ट्रस्ट में किस हिसाब से जमा करवाया ? जब यह निजी है तो इसका नाम PM केयर्स फण्ड किस आधार पर रखा ? क्या किसी को यह अधिकार हैं कि प्रधानमंत्री के नाम पर अपने ट्रस्ट के नाम रख सके ?इतना बड़ा धोखा हो जाता है और जनता भी चुप है ?अनेकों ऐसे सवाल है जिनके कोई जवाब ही नही है ।क्या यह समझा जाए कि इस ट्रस्ट में आए हुए दान को ट्रस्ट के मालिक अपनी या अपनी पार्टी की मार्केटिंग करने में , विधायक व सांसद खरीदने में काम मे लेंगे ? फिर भी गैरजिम्मेदार लोग यह कह कर सरकार का समर्थन करेंगे कि आपने कितना दिया , मोदी जी जो करेंगे सही करेंगे ।