संक्षिप्त में :-
रूस के पूर्वी हिस्से में मौजूद कामचात्का में यह मिसाइल परीक्षण किए गए। यह आर्कटिक सागर का क्षेत्र है। युद्धाभ्यास के दौरान रूस के नए और हाईटेक Tu-95 एयरक्राफ्ट भी इस्तेमाल किए गए।
विस्तार से :-
यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना के परमाणु अभ्यास से दुनिया सहमी हुई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया है कि वह जंग में परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं करेंगे लेकिन इसके बाद भी लोगों को उनकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है। इस बीच रूस के एक शीर्ष सैन्य विशेषज्ञ ने दावा किया है कि पुतिन ने न्यूक्लियर ड्रिल के दौरान ब्रिटेन और अमेरिका को धरती के नक्शे से मिटा देने का अभ्यास किया है। इस जोरदार परमाणु अभ्यास के दौरान रूस ने कई मिसाइलें दागीं और पश्चिमी देशों पर हमले का अभ्यास किया। यूक्रेन से जारी जंग के बीच बुधवार को रूस ने एटमी ड्रिल शुरू कर दी।
इस दौरान रूस ने बैलेस्टिक मिसाइल भी लॉन्च कीई। इसका फुटेज भी सरकारी टीवी ने जारी किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इस पूरे ड्रिल को कंट्रोल रूम से देखा। इसे जवाबी हमले की तैयारी माना जा रहा है। रूस सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन की लीडरशिप में बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल लॉन्चिंग हुई।पुतिन ने खुद रूसी मिसाइलों की बारिश का निरीक्षण किया। रूस के नैशनल डिफेंस मैगजीन के एडिटर कर्नल इगोर कोरोटचेंको ने कहा कि इस दौरान यह अभ्यास किया गया कि अगर मास्को पर परमाणु हमला होता है तो ब्रिटेन और अमेरिका को कैसे तबाह कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रूसी हमले में ब्रिटेन अटलांटिक समुद्र में डूब जाएगा। वहीं अमेरिका में रूसी हमले के बाद एक नौसेनिक जलडमरूमध्य बनेगा जिसका नाम कामरेड स्टालिन के नाम पर रखा जाएगा। बीच रणनीतिक प्रशिक्षण अभ्यास का यही मकसद था जिसे ऑपरेशन थंडर नाम दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने इसे साफ किया है। ये परीक्षण रूस पर दुश्मन के परमाणु हमले के जवाब में परमाणु मिसाइलों के एक भीषण पलटवार का अभ्यास करने के लिए किया गया था।
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यूक्रेन हमले में कितनी कीमत चुकाएगा रूस :-
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रूस पर कौन पहले परमाणु मिसाइलों से हमला कर सकता है? अमेरिका और ब्रिटेन। कर्नल इगोर ने कहा कि उन्हें संदेह है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां रूस पर परमाणु हथियार से हमला करेंगे।’कर्नल इगोर ने कहा, ‘मैं फैसला नहीं सुना रहा हूं, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह रूसी अभ्यास जोरदार पलटवार की स्थिति को ध्यान में रखकर किया गया था। इस संदर्भ में यह बहुत महत्वपूर्ण था कि हमें अपने मुख्य दुश्मनों को दिखाना और बताना कि क्या उनका इंतजार कर रहा है।

कोई समझौता नहीं होगा, इसका संकेत (अमेरिका और ब्रिटेन को) भेज दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या हमने ब्रिटेन और अमेरिका को तबाह करने का अभ्यास किया है, इस पर कर्नल इगोर ने कहा कि बिल्कुल सही। मैं जोर देकर कहूंगा कि यह रूस पर परमाणु हमले के जवाब में किया जाएगा।
मिसाइल परीक्षण के साथ हाईटेक एयरक्राफ्ट का भी किया गया इस्तेमाल :-
रूस के पूर्वी हिस्से में मौजूद कामचात्का में यह मिसाइल परीक्षण किए गए। यह आर्कटिक सागर का क्षेत्र है। युद्धाभ्यास के दौरान रूस के नए और हाईटेक Tu-95 एयरक्राफ्ट भी इस्तेमाल किए गए। क्रेमलिन का दावा है कि लॉन्च की गईं सभी मिसाइलों ने टारगेट पर निशाना साधा। रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल मौजूद हैं। ये दुनिया के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती हैं। इसके अलावा उनके पास ऐसे फाइटर जेट्स और सबमरीन मौजूद हैं जो एटमी हमले कर सकते हैं।

जहां अमेरिका दावा कर रहा है कि रूस की फौज यूक्रेन पर एटमी हमला कर सकती है। वहीं, रूस का कहना है कि अमेरिका और नाटो उस पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहे हैं। निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को एटमी ड्रिल की जानकारी रूस ने अमेरिका को दे दी थी। इसमें कहा गया था कि बैलेस्टिक मिसाइल भी लॉन्च किए जाएंगे। पेंटागन ने भी इसकी पुष्टि की।
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रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 8 महीने से युद्ध जारी :-
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने की राजनाथ से बात रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 8 महीने से युद्ध जारी है। इस बीच रूस ने भारत से डर्टी-बम सहित कई मुद्दों को लेकर चिंता जाहिर की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बुधवार को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने फोन पर बातचीत की है। इस दौरान यूक्रने युद्ध से बिगड़ रहे हालात को लेकर चर्चा हुई। शोइगु ने राजनाथ को बताया कि खेरसॉन इलाके में यूक्रेन डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है।
भारत ने संवाद के माध्यम से मुद्दे को हल करने की बात कही है।रूस ने अमेरिका, फ्रांस और यूके सहित कई देशों को डर्टी बम इस्तेमाल किए जाने को लेकर जानकारी दी है। हालांकि, इन देशों ने रूस के दावे को खारिज कर दिया है। तीनों देशों का कहना है कि रूस की तरफ से किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है।
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